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जौनपुर: स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर करेंगी कोरोना संदिग्धों की तलाश

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Published : Jul 5, 2020, 11:23 AM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कोरोना संदिग्धों की चेन तैयार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी. यदि जांच के दौरान कोई संदिग्ध पाया जाएगा तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजा जाएगा.

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जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह.

जौनपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें 5 से 15 जुलाई तक घर-घर जाकर लोगों का पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर से जांच करेंगी. सर्वे के दौरान संभावित मरीजों की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर एक महत्वपूर्ण उपकरण है. अगर जांच के दौरान किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका चिकित्सालय में सैंपल लिया जाएगा.

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण लोगों को राहत दिलाने के लिए स्वास्थ्य टीमें अब गांव-गांव, घर- घर जाकर हर व्यक्ति का पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल का जांच करेंगी, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर इलाज किया जा सके. जांच के दौरान यदि किसी में खांसी, बुखार और कोरोना से जुड़े लक्षण पाए जाएंगे तो उस व्यक्ति का सैम्पल लिया जाएगा. यदि सैंपल रिपोर्ट में व्यक्ति संक्रमित पाया जाएगा तो उसका आइसोलेट कर इलाज किया जाएगा. पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से इस अभियान को शत प्रतिशत सफलता मिलना संभावित है.

जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें जनपद में डोर-टू-डोर 5-15 जुलाई तक संदिग्धों की पहचान पहचान करने के लिए ये अभियान चलाएंगी. इस अभियान में किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा. जिला प्रशासन की मंशा है कि संक्रमण के फैलाव को किसी तरह रोका जाए. साथ ही उससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसलिए संदिग्धों की चेन तैयार करने के लिए जनपद स्तर पर जांच अभियान चलाया जा रहा है. कोरोना से लड़ाई में जीत को पुख्ता करने के लिए ये प्रयास किए जा रहे हैं.

जौनपुर: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें 5 से 15 जुलाई तक घर-घर जाकर लोगों का पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर से जांच करेंगी. सर्वे के दौरान संभावित मरीजों की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर एक महत्वपूर्ण उपकरण है. अगर जांच के दौरान किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका चिकित्सालय में सैंपल लिया जाएगा.

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण लोगों को राहत दिलाने के लिए स्वास्थ्य टीमें अब गांव-गांव, घर- घर जाकर हर व्यक्ति का पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल का जांच करेंगी, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर इलाज किया जा सके. जांच के दौरान यदि किसी में खांसी, बुखार और कोरोना से जुड़े लक्षण पाए जाएंगे तो उस व्यक्ति का सैम्पल लिया जाएगा. यदि सैंपल रिपोर्ट में व्यक्ति संक्रमित पाया जाएगा तो उसका आइसोलेट कर इलाज किया जाएगा. पल्स ऑक्सीमीटर की सहायता से इस अभियान को शत प्रतिशत सफलता मिलना संभावित है.

जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें जनपद में डोर-टू-डोर 5-15 जुलाई तक संदिग्धों की पहचान पहचान करने के लिए ये अभियान चलाएंगी. इस अभियान में किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा. जिला प्रशासन की मंशा है कि संक्रमण के फैलाव को किसी तरह रोका जाए. साथ ही उससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसलिए संदिग्धों की चेन तैयार करने के लिए जनपद स्तर पर जांच अभियान चलाया जा रहा है. कोरोना से लड़ाई में जीत को पुख्ता करने के लिए ये प्रयास किए जा रहे हैं.

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