जौनपुर: जिले के संस्थापक फिरोज शाह तुगलक का मकबरा पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित है, लेकिन मकबरे की मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह से बदहाली की अवस्था में है. मकबरे की छत से लेकर दीवारे जर्जर हो रही हैं. इसके साथ ही दीवारों पर की गई चित्रकारी भी खराब हो रही है. इस स्मारक की यह दशा देखकर अब यहां पर सैलानी भी नहीं आते हैं.
कई सालों से मरम्मत न होने के कारण मकबरे की हालत खराब
शिराज ए हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की स्थापना 1359 में मोहम्मद बिन तुगलक ने अपने भाई जौना खां के नाम पर किया था. जौनपुर जनपद शर्की शासनकाल के दौरान काफी उन्नति पर रहा और शर्की शासन की राजधानी भी रहा.
जनपद में शाही किला, शाही पुल जैसे बड़ी स्मारक भी है जो आज भी अपने गौरवशाली इतिहास के गवाह हैं. मकबरे को संरक्षित स्मारक के तौर पर पुरातत्व विभाग में चारों तरफ से घेर रखा है. कई सालों से मकबरे की कोई मरम्मत न होने के कारण इसकी दीवारें,छत पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं.
मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है
मकबरे की चौकीदारी करने वाले सफीर अहमद ने बताया कि जौनपुर के संस्थापक के मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है. पुरातत्व विभाग पिछले कई सालों से इसकी कोई मरम्मत नहीं करा रहा है. इस मकबरे की खराब हालत के चलते यहां अब कोई सैलानी भी नहीं आता है.
पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है
मकबरे के पास रहने वाले संजय ने बताया कि मकबरे की मरम्मत को 7 साल हो गए है. अब इस मकबरे की हालत ज्यादा खराब हो रही है, लेकिन पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.
जनपद की ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करने और मरम्मत का काम किया जाएगा. जिसकी हालत ठीक नहीं है.
-दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी
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