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बदहाली में फिरोज शाह तुगलक का मकबरा, पुरातत्व विभाग नहीं ले रहा सुध - जौनपुर में  फिरोज शाह तुगलक का मकबरा

यूपी के जौनपुर में फिरोज शाह तुगलक का मकबरा सीपाह के पास स्थित है. मकबरे की मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह से बदहाली की अवस्था में है. वहीं पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.

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बदहाली में फिरोज शाह तुगलक का मकबरा
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Published : Dec 16, 2019, 2:27 PM IST

जौनपुर: जिले के संस्थापक फिरोज शाह तुगलक का मकबरा पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित है, लेकिन मकबरे की मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह से बदहाली की अवस्था में है. मकबरे की छत से लेकर दीवारे जर्जर हो रही हैं. इसके साथ ही दीवारों पर की गई चित्रकारी भी खराब हो रही है. इस स्मारक की यह दशा देखकर अब यहां पर सैलानी भी नहीं आते हैं.

बदहाली में फिरोज शाह तुगलक का मकबरा.

कई सालों से मरम्मत न होने के कारण मकबरे की हालत खराब
शिराज ए हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की स्थापना 1359 में मोहम्मद बिन तुगलक ने अपने भाई जौना खां के नाम पर किया था. जौनपुर जनपद शर्की शासनकाल के दौरान काफी उन्नति पर रहा और शर्की शासन की राजधानी भी रहा.

जनपद में शाही किला, शाही पुल जैसे बड़ी स्मारक भी है जो आज भी अपने गौरवशाली इतिहास के गवाह हैं. मकबरे को संरक्षित स्मारक के तौर पर पुरातत्व विभाग में चारों तरफ से घेर रखा है. कई सालों से मकबरे की कोई मरम्मत न होने के कारण इसकी दीवारें,छत पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं.

मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है
मकबरे की चौकीदारी करने वाले सफीर अहमद ने बताया कि जौनपुर के संस्थापक के मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है. पुरातत्व विभाग पिछले कई सालों से इसकी कोई मरम्मत नहीं करा रहा है. इस मकबरे की खराब हालत के चलते यहां अब कोई सैलानी भी नहीं आता है.

पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है
मकबरे के पास रहने वाले संजय ने बताया कि मकबरे की मरम्मत को 7 साल हो गए है. अब इस मकबरे की हालत ज्यादा खराब हो रही है, लेकिन पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.

जनपद की ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करने और मरम्मत का काम किया जाएगा. जिसकी हालत ठीक नहीं है.
-दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: शहीद बाबा के आस्ताने से अगरबत्ती लेने पर मुसाफिरों का सफर होता है सुहाना

जौनपुर: जिले के संस्थापक फिरोज शाह तुगलक का मकबरा पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित है, लेकिन मकबरे की मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह से बदहाली की अवस्था में है. मकबरे की छत से लेकर दीवारे जर्जर हो रही हैं. इसके साथ ही दीवारों पर की गई चित्रकारी भी खराब हो रही है. इस स्मारक की यह दशा देखकर अब यहां पर सैलानी भी नहीं आते हैं.

बदहाली में फिरोज शाह तुगलक का मकबरा.

कई सालों से मरम्मत न होने के कारण मकबरे की हालत खराब
शिराज ए हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की स्थापना 1359 में मोहम्मद बिन तुगलक ने अपने भाई जौना खां के नाम पर किया था. जौनपुर जनपद शर्की शासनकाल के दौरान काफी उन्नति पर रहा और शर्की शासन की राजधानी भी रहा.

जनपद में शाही किला, शाही पुल जैसे बड़ी स्मारक भी है जो आज भी अपने गौरवशाली इतिहास के गवाह हैं. मकबरे को संरक्षित स्मारक के तौर पर पुरातत्व विभाग में चारों तरफ से घेर रखा है. कई सालों से मकबरे की कोई मरम्मत न होने के कारण इसकी दीवारें,छत पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं.

मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है
मकबरे की चौकीदारी करने वाले सफीर अहमद ने बताया कि जौनपुर के संस्थापक के मकबरे की बदहाली को देखकर बहुत दुख होता है. पुरातत्व विभाग पिछले कई सालों से इसकी कोई मरम्मत नहीं करा रहा है. इस मकबरे की खराब हालत के चलते यहां अब कोई सैलानी भी नहीं आता है.

पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है
मकबरे के पास रहने वाले संजय ने बताया कि मकबरे की मरम्मत को 7 साल हो गए है. अब इस मकबरे की हालत ज्यादा खराब हो रही है, लेकिन पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.

जनपद की ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करने और मरम्मत का काम किया जाएगा. जिसकी हालत ठीक नहीं है.
-दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: शहीद बाबा के आस्ताने से अगरबत्ती लेने पर मुसाफिरों का सफर होता है सुहाना

Intro:जौनपुर।।शिराज ई हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की स्थापना 1359 में मोहम्मद बिन तुगलक ने अपने भाई जौना खा के नाम पर किया था। जौनपुर जनपद शर्की शासनकाल के दौरान काफी उन्नति पर रहा और शर्की शासन की राजधानी भी रहा। जनपद यूं तो शाही किला, शाही पुल जैसे बड़ी स्मारक भी है जो आज भी अपने गौरवशाली इतिहास की गवाह है । लेकिन वही जौनपुर के संस्थापक फिरोज़ शाह तुगलक का मकबरा सीपाह के पास स्थित है । यह मकबरा पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित है लेकिन मकबरे की मरम्मत न होने के कारण यह पूरी तरह से बदहाली की अवस्था में है। मकबरे छत से लेकर दीवाले जर्जर हो रही है तो वहीं इसकी दीवारों पर की गई चित्रकारी भी खराब हो रही है। इस स्मारक की दशा देखकर अब यहां सैलानी भी नहीं आते हैं।


Body:वीओ।।जौनपुर जनपद को इतिहास के पन्नों में शिराज ई हिंद के नाम से जाना जाता है। यह जनपद शर्की शासनकाल की राजधानी रहा है तो वहीं इसकी स्थापना 1359 में फिरोज शाह तुगलक ने की थी। वैसे जौनपुर जनपद में आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें मौजूद है जो अपनी मजबूती और स्थापत्य कला का जीता जागता सबूत भी है । जौनपुर की स्थापना करने वाले फिरोज़ शाह तुगलक का मकबरा आज खुद बदहाली के दौर में है जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है । मकबरे को संरक्षित स्मारक के तौर पर पुरातत्व विभाग में चारों तरफ से घेर रखा है लेकिन कई सालों से मकबरे की कोई मरम्मत ना होने के कारण इसकी दीवारें , छत पूरी तरह से जर्जर हो गई है। मकबरे की चौकीदारी करने वाले सफीर अहमद ने बताया कि उन्हें बड़ा कष्ट होता है की जौनपुर के संस्थापक के मकबरे की बदहाली को देखकर। पुरातत्व विभाग पिछले कई सालों से इसकी कोई मरम्मत नहीं करा रहा है। वही इस मकबरे की खराब हालत के चलते यहां अब कोई सैलानी भी नहीं आता है।

बाइट-सफीर अहमद-मकबरे के चौकीदार


Conclusion:मकबरे के पास रहने वाले संजय ने बताया कि इसकी मरम्मत को 7 साल हो गए है। अब इसकी हालत को ज्यादा खराब हो रही है लेकिन पुरातत्व विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

बाइट-संजय -स्थानीय निवासी

जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया जनपद की ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करने और मरम्मत का काम किया जाएगा। जिसकी हालत ठीक नहीं है

बाइट- दिनेश कुमार सिंह जिलाधिकारी जौनपुर

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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