जौनपुर: जनपद के हजारों किसानों को मार्च में ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था. नुकसान का जायजा लेने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद का दौरा किया था. इस दौरान डालनपुर के किसान लालजी पाल के खेत पर मुख्यमंत्री ने रुककर खेत के नुकसान का जायजा भी लिया और किसान से इस नुकसान की भरपाई करने का वादा भी किया, लेकिन बीते 4 महीनों के बाद भी आज तक किसान को सरकार की तरफ से एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिल सकी है. जबकि जिला प्रशासन की तरफ से नुकसान वाले किसानों को मुआवजे की राशि दे दी जा चुकी है. ऐसे में मुख्यमंत्री के वादे की आस में किसान आज भी बैठे हुए हैं.
4 महीने से इंतजार में बैठे किसान
किसान की फसलों को हर साल प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है, लेकिन इस साल कुछ नुकसान ज्यादा ही हुआ है. मार्च में जनपद में हुई भारी ओलावृष्टि के कारण गेहूं के किसानों को काफी नुकसान पहुंचा था. इस नुकसान की भरपाई करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिया था. 14 मार्च के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जनपद के दौरे पर पहुंचे और नुकसान उठाने वाले किसानों से मुलाकात भी की. मुख्यमंत्री का काफिला जब पूर्वांचल विश्वविद्यालय से कार्यक्रम स्थल के तरफ चला तो रास्ते में ही उन्होंने डालनपुर के एक किसान लालजी पाल के गेहूं के खेत में नुकसान का जायजा लिया. किसान से बात करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नुकसान का मुआवजा देने की बात कही. किसान इसी आस में आज बीते 4 महीनों से बैठा हुआ है, लेकिन उसे एक रुपये का भी मुआवजा नहीं मिला. जनपद के अधिकारी तो पहले ही किसानों को मुआवजा बांट चुके हैं, लेकिन इस लिस्ट में किसान का नाम तक नहीं है.
मार्च से अब तक नहीं मिल पाया मुआवजा
किशन लाल जी पाल का कहना है कि मार्च में ओलावृष्टि से उसकी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा था. उसके खेत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आए थे और उससे नुकसान का मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन आज तक उसे कोई मुआवजा नहीं मिला है. इस बारे में अपर जिलाधिकारी रामप्रकाश ने बताया कि जनपद में ओलावृष्टि से नुकसान के लिए 20 लाख रुपये की राशि आई थी, जिसमें से 10 लाख रुपये ओलावृष्टि वाले किसानों को बांट दिए गए हैं. इसमें ऐसे किसान शामिल थे, जिनकी फसल का नुकसान 33 फ़ीसदी से ज्यादा हुआ था.