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जौनपुर: सामान्य से कम बारिश की वजह से अन्नदाता हैं परेशान, सूख रही फसल

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में किसानों की परेशानी बढ़ती ही चली जा रही है. एक तरफ जहां लोग बाढ़ से परेशान हैं, वहीं यह जिला सूखेपन से तंग आ चुका है. यहां बारिश की कमी के चलते किसानों की फसल सूखती चली जा रही है.

बारिश के न होने से परेशान हैं किसान.
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Published : Oct 11, 2019, 7:58 PM IST

जौनपुर: किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है. वहीं जब खेती योग्य जमीन का क्षेत्रफल लगातार कम होता जा रहा हो तो ऐसे में किसान क्या करे. सिर्फ इतना ही नहीं दूसरी तरफ किसान पर अधिक अन्न पैदा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में जहां किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी नसीब न हो रहा हो तो वहां किसान खेती करे भी तो कैसे.

किसान के लिए उसकी फसल ही उसके सपनों को पूरा करने का जरिया होती है, लेकिन अगर फसल ही खराब हो जाए तो किसान के सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं. जिले में किसान इन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान हैं क्योंकि इस बार बारिश सामान्य से काफी कम हुई है, जिसके चलते धान और मक्का की खेती करने वाले किसान काफी ज्यादा परेशान हैं. जनपद में धान के किसान कम बारिश की वजह से सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि ऐसे में उनकी धान की फसल में बाली नहीं आएगी, जिससे उनका उत्पादन भी प्रभावित होगा.

बारिश के न होने से परेशान हैं किसान.
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. जनपद में 900 एमएम की बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस बार 493 एमएम बारिश हुई है. इस आंकड़े में बीते 3 दिनों की बारिश के आंकड़े भी शामिल हैं, जिसकी वजह से जनपद में करीब 190 एमएम बारिश दर्ज की गई है. वहीं सामान्य से कम बारिश के चलते किसान की धान की खेती प्रभावित हो रही है. जिले के गौराबादशाहपुर के इलाकों में धान की खेती में किसान कम बारिश के चलते परेशान हैं. उनके धान के खेतों में दरारे तक पड़ गई है. इस बार किसान की फसल का उत्पादन भी कम बारिश की वजह से प्रभावित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: किसानों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ

धान की खेती करने वाले किसान महेंद्र काफी परेशान हैं. वह अपने धान के खेत में पड़ी दरारों को देखकर सर पर हाथ रख लेते हैं. उनके क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन भी नहीं है कि जिससे कि वह अपनी धान की खेती को बचा सकें. वहीं किसान उमाशंकर ने बताया कि बारिश की वजह से इस बार धान और मक्का की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है.

किसान संतोष शुक्ला ने बताया कि इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है जिसके चलते धान और मक्के की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है. जिले में जहां नहर है वहां धान की फसल तो अच्छी है, लेकिन बाकी जगहों पर कम बारिश की वजह से इस बार उत्पादन प्रभावित रहेगा.

जनपद में कुल 900 एमएम बारिश होनी चाहिए जबकि इस बार 493 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य से काफी कम है.
-रमेश चंद्र मिश्रा, अपर जिलाधिकारी

जौनपुर: किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है. वहीं जब खेती योग्य जमीन का क्षेत्रफल लगातार कम होता जा रहा हो तो ऐसे में किसान क्या करे. सिर्फ इतना ही नहीं दूसरी तरफ किसान पर अधिक अन्न पैदा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में जहां किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी नसीब न हो रहा हो तो वहां किसान खेती करे भी तो कैसे.

किसान के लिए उसकी फसल ही उसके सपनों को पूरा करने का जरिया होती है, लेकिन अगर फसल ही खराब हो जाए तो किसान के सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं. जिले में किसान इन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान हैं क्योंकि इस बार बारिश सामान्य से काफी कम हुई है, जिसके चलते धान और मक्का की खेती करने वाले किसान काफी ज्यादा परेशान हैं. जनपद में धान के किसान कम बारिश की वजह से सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि ऐसे में उनकी धान की फसल में बाली नहीं आएगी, जिससे उनका उत्पादन भी प्रभावित होगा.

बारिश के न होने से परेशान हैं किसान.
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. जनपद में 900 एमएम की बारिश होनी चाहिए, लेकिन इस बार 493 एमएम बारिश हुई है. इस आंकड़े में बीते 3 दिनों की बारिश के आंकड़े भी शामिल हैं, जिसकी वजह से जनपद में करीब 190 एमएम बारिश दर्ज की गई है. वहीं सामान्य से कम बारिश के चलते किसान की धान की खेती प्रभावित हो रही है. जिले के गौराबादशाहपुर के इलाकों में धान की खेती में किसान कम बारिश के चलते परेशान हैं. उनके धान के खेतों में दरारे तक पड़ गई है. इस बार किसान की फसल का उत्पादन भी कम बारिश की वजह से प्रभावित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: किसानों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ

धान की खेती करने वाले किसान महेंद्र काफी परेशान हैं. वह अपने धान के खेत में पड़ी दरारों को देखकर सर पर हाथ रख लेते हैं. उनके क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन भी नहीं है कि जिससे कि वह अपनी धान की खेती को बचा सकें. वहीं किसान उमाशंकर ने बताया कि बारिश की वजह से इस बार धान और मक्का की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है.

किसान संतोष शुक्ला ने बताया कि इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है जिसके चलते धान और मक्के की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है. जिले में जहां नहर है वहां धान की फसल तो अच्छी है, लेकिन बाकी जगहों पर कम बारिश की वजह से इस बार उत्पादन प्रभावित रहेगा.

जनपद में कुल 900 एमएम बारिश होनी चाहिए जबकि इस बार 493 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य से काफी कम है.
-रमेश चंद्र मिश्रा, अपर जिलाधिकारी

Intro:जौनपुर।।किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है क्योंकि लगातार खेती योग्य जमीन का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है ।वहीं किसान पर अधिक अन्य पैदा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है । किसान के लिए उसकी फसल ही सपनों को पूरा करने का जरिया होती है लेकिन अगर फसल ही खराब हो जाए तो किसान के सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं। जौनपुर में किसान इन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान है क्योंकि इस बार बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जिसके चलते धान और मक्का की खेती करने वाले किसान काफी ज्यादा परेशान है। जनपद में धान के किसान कम बारिश की वजह से सबसे ज्यादा परेशान है क्योंकि ऐसे में उनकी धान की फसल में बाली नहीं आएगी जिससे उनका उत्पादन भी प्रभावित होगा।


Body:वीओ।।जौनपुर जनपद में इस बार अन्नदाता परेशान है क्योंकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल सामान्य से काफी कम बारिश हुई है । जनपद में 900mm की बारिश होनी चाहिए लेकिन इस बार 493 एमएम बारिश हुई है । इस आंकड़े में बीते 3 दिनों की बारिश के आंकड़े भी शामिल है जिसकी वजह से जनपद में करीब 190 एमएम बारिश दर्ज की गई फिर भी सामान्य से कम बारिश के चलते किसान की धान की खेती प्रभावित हो रही है। जनपद के गौराबादशाहपुर के इलाकों में धान किसान कम बारिश के चलते परेशान है। उनके धान के खेतों में दरारे तक पड़ गई है। इस बार किसान की फसल का उत्पादन भी कम बारिश की वजह से प्रभावित होगा।


Conclusion:जौनपुर जनपद के अपर जिला अधिकारी रमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि जनपद में कुल 900 एमएम बारिश होनी चाहिए जबकि इस बार 493 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य से काफी कम है।

बाइट- रमेश चंद मिश्रा- अपर जिलाधिकारी जौनपुर


धान की खेती करने वाले किसान महेंद्र काफी परेशान है ।वह अपने धान के खेत में पड़ी दरारों को देखकर सर पर हाथ रख लेते हैं । उनके क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन भी नहीं है कि जिससे कि वह अपनी धान की खेती को बचा सकें।
किसान उमाशंकर ने बताया कि बारिश की वजह से इस बार धान और मक्का की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है।

बाइट-महेंद्र -किसान
बाइट-उमाशंकर-किसान


किसान संतोष शुक्ला ने बताया कि इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है जिसके चलते धान और मक्के की फसल की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है ।जहां नहर है वहां धान की फसल तो अच्छी है लेकिन बाकी जगहों पर कम बारिश की वजह से इस बार उत्पादन प्रभावित रहेगा।
वहीं दूसरे किसान कमलेश सिंह ने बताया कि उनकी खेती मैं सबसे ज्यादा तिलहन के रूप में तिल पर बारिश का असर पड़ा है क्योंकि कम बारिश होने की वजह से तिल की खेती का उत्पादन गिरा है।

बाइट- संतोष शुक्ला- किसान
बाइट-कमलेश सिंह-किसान

पीटीसी


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