जौनपुर: किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है. वहीं जब खेती योग्य जमीन का क्षेत्रफल लगातार कम होता जा रहा हो तो ऐसे में किसान क्या करे. सिर्फ इतना ही नहीं दूसरी तरफ किसान पर अधिक अन्न पैदा करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में जहां किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी नसीब न हो रहा हो तो वहां किसान खेती करे भी तो कैसे.
किसान के लिए उसकी फसल ही उसके सपनों को पूरा करने का जरिया होती है, लेकिन अगर फसल ही खराब हो जाए तो किसान के सपने भी चकनाचूर हो जाते हैं. जिले में किसान इन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान हैं क्योंकि इस बार बारिश सामान्य से काफी कम हुई है, जिसके चलते धान और मक्का की खेती करने वाले किसान काफी ज्यादा परेशान हैं. जनपद में धान के किसान कम बारिश की वजह से सबसे ज्यादा परेशान हैं क्योंकि ऐसे में उनकी धान की फसल में बाली नहीं आएगी, जिससे उनका उत्पादन भी प्रभावित होगा.
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धान की खेती करने वाले किसान महेंद्र काफी परेशान हैं. वह अपने धान के खेत में पड़ी दरारों को देखकर सर पर हाथ रख लेते हैं. उनके क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन भी नहीं है कि जिससे कि वह अपनी धान की खेती को बचा सकें. वहीं किसान उमाशंकर ने बताया कि बारिश की वजह से इस बार धान और मक्का की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है.
किसान संतोष शुक्ला ने बताया कि इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है जिसके चलते धान और मक्के की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है. जिले में जहां नहर है वहां धान की फसल तो अच्छी है, लेकिन बाकी जगहों पर कम बारिश की वजह से इस बार उत्पादन प्रभावित रहेगा.
जनपद में कुल 900 एमएम बारिश होनी चाहिए जबकि इस बार 493 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य से काफी कम है.
-रमेश चंद्र मिश्रा, अपर जिलाधिकारी