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सरकारी मानकों से परेशान किसान व्यापारियों को बेच रहे गेहूं, सरकारी क्रय केंद्र पर पसरा सन्नाटा - government wheat purchasing center

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में किसानों के गेहूं खरीदने के लिए 116 सरकारी गेहूं क्रय केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन सरकार के मानकों और तुरंत पैसों की जरूरत के कारण किसान कम दाम में अपनी गेहूं की फसल बाहर बेचने के लिए मजबूर हैं.

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गेहूं क्रय केंद्र.
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Published : Apr 18, 2020, 4:05 PM IST

जौनपुर: किसान की गेहूं की फसल पूरी तरह से तैयार हो गई है. सरकार ने किसानों के गेहूं खरीदने के लिए गेहूं क्रय केंद्र खोल दिए हैं. इसी कड़ी में जौनपुर में भी गेहूं की खरीद के लिए 116 क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिसमें कुछ गए केंद्रों पर खरीद भी शुरू हो गई है. इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपए निर्धारित किया है. इस बार सरकार ने किसानों को गेहूं खरीद से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया निर्धारित की है.

कम दामों पर फसल बेचने को मजबूर किसान.

सरकार की ओर तय किए गए मानकों से किसान परेशान हैं, जिसके चलते जिले के नेहरू नगर और राजेपुर जैसे क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ है. अभी तक इस क्रय केंद्र पर कोई भी किसान गेहूं बेचने तक नहीं पहुंचा है. इस लॉकडाउन में किसान को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पहले किसान अपनी तैयार गेहूं की फसल को काटने के लिए परेशान था, तो वहीं अब फसल को बेचने के लिए परेशान हैं.

15 अप्रैल से खुले गेहूं क्रय केंद्र
किसान गेहूं की फसल के माध्यम से ही अपनी जरूरतें पूरा करने की कोशिश में जुटा हुआ है, क्योंकि इसी फसल की मिलने वाले पैसों से वह अपने घर की जरूरत से लेकर पशुओं के लिए चारों का इंतजाम भी करता है. किसान की इन्हीं मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूं के क्रय केंद्र खोल दिए हैं. जौनपुर जनपद में भी गेहूं के 116 क्रय केंद्र खुले हुए हैं.

1925 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है रेट
इन क्रय केंद्रों के माध्यम से इस बार गेहूं 1925 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है, फिर भी किसान इन क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं. इसके पीछे सरकार द्वारा इस बार अपनाए जा रहे खरीद के तरीके हैं. इस बार सरकार ने गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और अधिकारी के द्वारा उसका सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित की है, जिसके बाद ही किसान अपना गेहूं क्रय केंद्र पर बेच सकेगा.

इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में 82 नए कोरोना पॉजिटिव मामले आए सामने, आंकड़ा 931 पहुंचा

किसान गिरजा शंकर ने बताया कि सरकारी केंद्र पर कई सारी दिक्कतें हैं. वहीं पैसा मिलने में भी देरी होती है, जबकि बनिया खेत पर ही गेहूं को खरीद रहे हैं और तुरंत उनको नकद पैसे दे रहे हैं. इस मुश्किल दौर में परेशानियों से बचने के लिए खरीददार को 1700 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि खरीददार किसान को नगद भुगतान मौके पर ही कर रहे है.

जौनपुर: किसान की गेहूं की फसल पूरी तरह से तैयार हो गई है. सरकार ने किसानों के गेहूं खरीदने के लिए गेहूं क्रय केंद्र खोल दिए हैं. इसी कड़ी में जौनपुर में भी गेहूं की खरीद के लिए 116 क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिसमें कुछ गए केंद्रों पर खरीद भी शुरू हो गई है. इस बार प्रदेश सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपए निर्धारित किया है. इस बार सरकार ने किसानों को गेहूं खरीद से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया निर्धारित की है.

कम दामों पर फसल बेचने को मजबूर किसान.

सरकार की ओर तय किए गए मानकों से किसान परेशान हैं, जिसके चलते जिले के नेहरू नगर और राजेपुर जैसे क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ है. अभी तक इस क्रय केंद्र पर कोई भी किसान गेहूं बेचने तक नहीं पहुंचा है. इस लॉकडाउन में किसान को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पहले किसान अपनी तैयार गेहूं की फसल को काटने के लिए परेशान था, तो वहीं अब फसल को बेचने के लिए परेशान हैं.

15 अप्रैल से खुले गेहूं क्रय केंद्र
किसान गेहूं की फसल के माध्यम से ही अपनी जरूरतें पूरा करने की कोशिश में जुटा हुआ है, क्योंकि इसी फसल की मिलने वाले पैसों से वह अपने घर की जरूरत से लेकर पशुओं के लिए चारों का इंतजाम भी करता है. किसान की इन्हीं मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूं के क्रय केंद्र खोल दिए हैं. जौनपुर जनपद में भी गेहूं के 116 क्रय केंद्र खुले हुए हैं.

1925 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है रेट
इन क्रय केंद्रों के माध्यम से इस बार गेहूं 1925 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है, फिर भी किसान इन क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं. इसके पीछे सरकार द्वारा इस बार अपनाए जा रहे खरीद के तरीके हैं. इस बार सरकार ने गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और अधिकारी के द्वारा उसका सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित की है, जिसके बाद ही किसान अपना गेहूं क्रय केंद्र पर बेच सकेगा.

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किसान गिरजा शंकर ने बताया कि सरकारी केंद्र पर कई सारी दिक्कतें हैं. वहीं पैसा मिलने में भी देरी होती है, जबकि बनिया खेत पर ही गेहूं को खरीद रहे हैं और तुरंत उनको नकद पैसे दे रहे हैं. इस मुश्किल दौर में परेशानियों से बचने के लिए खरीददार को 1700 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूं बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि खरीददार किसान को नगद भुगतान मौके पर ही कर रहे है.

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