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जौनपुर: जिला अस्पताल में मरीजों को खुलेआम लिखी जा रहीं प्राइवेट महंगी दवाएं

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला अस्पताल में ज्यादातर मरीजों को डॉक्टर सरकारी दवाएं नहीं बल्कि बाहर की प्राइवेट दवाएं लिख रहे हैं. वहीं मरीजों का आरोप है कि इससे उनके जेब पर भार पड़ रहा है.

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Published : Dec 23, 2019, 4:52 PM IST

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जिला अस्पताल में प्राइवेट दवाएं लिखी जा रही है.

जौनपुर: प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन जौनपुर जिला अस्पताल में ऐसा नहीं है. यहां पर ज्यादातर मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिखकर अपना कमीशन बनाया जाता है. मरीजों की जेब पर इससे काफी भार पड़ता है. बीमारी से ठीक होने के लिए डॉक्टर की हर बात मानने के लिए मरीज भी लाचार होते हैं.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों पर उठे सवाल.

प्रदेश सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध करा रही है. इसके बावजूद जौनपुर के जिला अस्पताल में मरीज खुलेआम डॉक्टरों द्वारा लूटे जा रहे हैं. अच्छे इलाज के लालच में मरीज दूरदराज से चलकर जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उनकी बीमारी को ठीक करने का दावा करने वाले डॉक्टर उन्हें सरकारी दवाएं नहीं बल्कि बाहर की प्राइवेट दवाएं लिखते हैं.


यह दवाएं काफी महंगी होती है. फिर भी मरीज इन दवाओं को मजबूरी में खरीदतें हैं. यह किसी एक मरीज के साथ नहीं बल्कि हर रोज सैकड़ों मरीजों के साथ होता है. इसी वजह से जिला अस्पताल के बाहर प्राइवेट मेडिकल दुकानों पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है.


सरकार के द्वारा सख्त निर्देश है कि जो दवाएं सरकारी रूप से उपलब्ध न हो उन दवाओं को जन औषधि केंद्र के माध्यम से लिखा जाए. जबकि डॉक्टर इन दवाओं में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं, क्योंकि इनमें उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है. बाहर की दवाओं के लिखने में डॉक्टर का कमीशन बंधा होता है, जिसकी लालच में वह मरीजों के साथ खिलवाड़ करते हैं.

ये भी पढ़ें- जौनपुर: नकली शराब गिरोह का पर्दाफाश, आबकारी विभाग ने किया पांच को गिरफ्तार

डॉक्टरों को जो दवाएं अंदर उपलब्ध न हों, उन्हें ही जन औषधि केंद्र से लिखे जाने के निर्देश हैं. फिर भी जो लोग ऐसा लिख रहे हैं गलत है और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. अभिमन्यु कुमार, अधीक्षक, जिला अस्पताल

जौनपुर: प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन जौनपुर जिला अस्पताल में ऐसा नहीं है. यहां पर ज्यादातर मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिखकर अपना कमीशन बनाया जाता है. मरीजों की जेब पर इससे काफी भार पड़ता है. बीमारी से ठीक होने के लिए डॉक्टर की हर बात मानने के लिए मरीज भी लाचार होते हैं.

जिला अस्पताल में डॉक्टरों पर उठे सवाल.

प्रदेश सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध करा रही है. इसके बावजूद जौनपुर के जिला अस्पताल में मरीज खुलेआम डॉक्टरों द्वारा लूटे जा रहे हैं. अच्छे इलाज के लालच में मरीज दूरदराज से चलकर जिला अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन उनकी बीमारी को ठीक करने का दावा करने वाले डॉक्टर उन्हें सरकारी दवाएं नहीं बल्कि बाहर की प्राइवेट दवाएं लिखते हैं.


यह दवाएं काफी महंगी होती है. फिर भी मरीज इन दवाओं को मजबूरी में खरीदतें हैं. यह किसी एक मरीज के साथ नहीं बल्कि हर रोज सैकड़ों मरीजों के साथ होता है. इसी वजह से जिला अस्पताल के बाहर प्राइवेट मेडिकल दुकानों पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है.


सरकार के द्वारा सख्त निर्देश है कि जो दवाएं सरकारी रूप से उपलब्ध न हो उन दवाओं को जन औषधि केंद्र के माध्यम से लिखा जाए. जबकि डॉक्टर इन दवाओं में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं, क्योंकि इनमें उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है. बाहर की दवाओं के लिखने में डॉक्टर का कमीशन बंधा होता है, जिसकी लालच में वह मरीजों के साथ खिलवाड़ करते हैं.

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डॉक्टरों को जो दवाएं अंदर उपलब्ध न हों, उन्हें ही जन औषधि केंद्र से लिखे जाने के निर्देश हैं. फिर भी जो लोग ऐसा लिख रहे हैं गलत है और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. अभिमन्यु कुमार, अधीक्षक, जिला अस्पताल

Intro:जौनपुर।। प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन जौनपुर के जिला अस्पताल में ऐसा नहीं है । कहने के लिए तो यह एक सरकारी अस्पताल है जहां मरीजों को इलाज से लेकर दवाएं भी मुफ्त देने का निर्देश है । यहां पर मरीजों का इलाज तो डॉक्टरों द्वारा मुफ्त किया जाता है लेकिन दवाएं बाहर की लिखी जाती है । इस सरकारी अस्पताल में मरीजों के साथ खुलेआम धोखा होता है क्योंकि अस्पताल में बीमार मरीज दूरदराज से अच्छे और मुफ्त इलाज के लिए यहां पर आते हैं। लेकिन यहां पर मरीजों के साथ सरकारी डॉक्टर खुलेआम धोखा करते हैं। यहां पर ज्यादातर मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिखकर अपना कमीशन बनाया जाता है। वहीं मरीजों की जेब पर इससे काफी भार पड़ता है । बीमारी से ठीक होने के लिए डॉक्टर की हर बात मानने के लिए मरीज भी लाचार है ।वहीं जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर मरीजों को दवाएं नहीं लिखी जाती हैं क्योंकि इस केंद्र से जहां मरीजों का फायदा तो है लेकिन इसमें डॉक्टर का फायदा नहीं होता है।


Body:वीओ।। प्रदेश सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध करा रही है फिर भी जौनपुर के जिला अस्पताल में यहां मरीज खुलेआम डॉक्टरों द्वारा लूटे जा रहे हैं । अच्छे इलाज के लालच में मरीज दूरदराज से चलकर जिला अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन उनकी बीमारी को ठीक करने का दावा करने वाले डॉक्टर उन्हें सरकारी दवाएं नहीं बल्कि बाहर की प्राइवेट दवाएं लिखते हैं । यह दवाएं काफी महंगी होती है फिर भी मरीज इन दवाओं को मजबूरी में खरीदता है। यह किसी एक मरीज के साथ नहीं बल्कि हर रोज सैकड़ों मरीजों को जिला अस्पताल के डॉक्टर पाबंदी के बाद भी बाहर की दवाएं लिखते हैं। इसी वजह से जिला अस्पताल के बाहर प्राइवेट मेडिकल दुकानों पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है । जबकि सरकार के द्वारा सख्त निर्देश है कि जो दवाएं सरकारी रूप से उपलब्ध ना हो उन दवाओं को जन औषधि केंद्र के माध्यम से लिखा जाए। जबकि डॉक्टर इन दवाओं में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं क्योंकि इनमें उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है। बाहर की दवाओं के लिखने में डॉक्टर का कमीशन बधा होता है जिसकी लालच में वह मरीजों के साथ खिलवाड़ करते हैं।


Conclusion:जिला अस्पताल में बेटी का इलाज कराने आई भानुमती बताती हैं कि उनकी बेटी को स्किन में कोई दिक्कत थी जिसको उन्होंने डॉक्टर को दिखाया लेकिन डॉक्टर ने उन्हें बाहर की महंगी दवाई लिखी है। उन्होंने इन दवाओं पर ₹350 खर्च किया है।

बाइट- भानुमति -मरीज


जिला अस्पताल में इलाज कराने आए धर्मेन्द्र यादव ने बताया उन्होंने डॉक्टर को अपनी बीमारी दिखाई है । वही डॉक्टर ने भी उन्हें अंदर की दवाएं न लिख कर बाहर की महंगी दवाएं लिखी है। उन्होंने बाहर के मेडिकल हाल से ₹450 की दवाएं खरीदी है और उन्हें पहली भी बाहर की दवाएं लिखी गई थी।

बाइट- धर्मेन्द्र यादव -मरीज

जिला अस्पताल में इलाज कराने आई सावित्री ने बताया उन्हें हमेशा बाहर की दवाएं ही लिखी जाती है कभी भी अंदर की दवाएं नहीं मिलती है। आज भी डॉक्टर के द्वारा बाहर की महंगी दवाएं उन्हें लिखी गई है।

बाइट- सावित्री -मरीज

जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अभिमन्यु कुमार ने बताया कि डॉक्टरों को जो दवाएं अंदर उपलब्ध ना हो उन्हें जन औषधि केंद्र से लिखने के निर्देश हैं फिर भी जो लोग ऐसा लिख रहे हैं गलत है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

बाइट-डॉ अभिमन्यु कुमार -अधीक्षक जिला अस्पताल


पीटीसी

Dharmendra singh
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