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जौनपुर के त्रिलोचन महादेव मंदिर पर जुटा आस्था का सैलाब, भक्तों की लगी लंबी कतार

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Published : Feb 21, 2020, 9:50 AM IST

महाशिवरात्रि के महापर्व पर जौनपुर के त्रिलोचन महादेव का मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां भोर से ही दर्शन, पूजन और अभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी हुई हैं.

भक्तों की लंबी कतार
भक्तों की लंबी कतार

जौनपुरः जिले का त्रिलोचन महादेव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. इस मंदिर पर महाशिवरात्रि को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आ रहे हैं. यहां पर स्थापित भगवान शिव की अद्भुत शक्ति को माना जाता है. इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में लगा हुआ है.

त्रिलोचन महादेव मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़.

सुबह 4:00 बजे से ही त्रिलोचन महादेव मंदिर पर भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. भक्त लाइनों में लगकर गंगाजल को भगवान शिव पर चढ़ाते हुए पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं.

जनपद मुख्यालय से 25 किमी. की दूरी
त्रिलोचन महादेव का मंदिर जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित है. वहीं यह मंदिर वाराणसी के नजदीक होने के कारण भक्तों के आस्था का एक बड़ा केंद्र है. इस मंदिर की प्राचीनता और अद्भुत स्वरूप के कारण यहां पर दूर-दराज से भक्त महाशिवरात्रि के मौके पर दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं.

पढ़ें-अगर महाशिवरात्रि पर जा रहे हैं काशी विश्वनाथ, तो जान लें काशी में डायवर्जन प्लान

महादेव सात पाताल भेदकर हुए हैं विराजमान
इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण के पृष्ठ संख्या 674 पर भी किया गया है. यहां पर विराजमान शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यहां पर शिवलिंग कहीं से लाया नहीं गया था. अपितु स्वयं महादेव सात पाताल को भेदकर यहां विराजमान हुए हैं.

एक तरफ झुकी है भगवान शिव की शिला
इस मंदिर का जिक्र जहां स्कंद पुराण में मिलता है. वहीं यहां के भगवान शिव की शिला एक तरफ झुकी हुई है, जिसके पीछे 2 गांव के एक विवाद को बताया जाता है. जिस कारण मंदिर को बंद कर दिया गया था. जब मंदिर खोला गया तो भगवान शिव की शिला एक तरफ झुकी हुई थी, जिसे रेहटी गांव में मान लिया गया.

जौनपुरः जिले का त्रिलोचन महादेव मंदिर भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. इस मंदिर पर महाशिवरात्रि को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आ रहे हैं. यहां पर स्थापित भगवान शिव की अद्भुत शक्ति को माना जाता है. इस दौरान पुलिस प्रशासन भी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में लगा हुआ है.

त्रिलोचन महादेव मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़.

सुबह 4:00 बजे से ही त्रिलोचन महादेव मंदिर पर भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है. भक्त लाइनों में लगकर गंगाजल को भगवान शिव पर चढ़ाते हुए पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं.

जनपद मुख्यालय से 25 किमी. की दूरी
त्रिलोचन महादेव का मंदिर जनपद मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित है. वहीं यह मंदिर वाराणसी के नजदीक होने के कारण भक्तों के आस्था का एक बड़ा केंद्र है. इस मंदिर की प्राचीनता और अद्भुत स्वरूप के कारण यहां पर दूर-दराज से भक्त महाशिवरात्रि के मौके पर दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं.

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महादेव सात पाताल भेदकर हुए हैं विराजमान
इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण के पृष्ठ संख्या 674 पर भी किया गया है. यहां पर विराजमान शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि यहां पर शिवलिंग कहीं से लाया नहीं गया था. अपितु स्वयं महादेव सात पाताल को भेदकर यहां विराजमान हुए हैं.

एक तरफ झुकी है भगवान शिव की शिला
इस मंदिर का जिक्र जहां स्कंद पुराण में मिलता है. वहीं यहां के भगवान शिव की शिला एक तरफ झुकी हुई है, जिसके पीछे 2 गांव के एक विवाद को बताया जाता है. जिस कारण मंदिर को बंद कर दिया गया था. जब मंदिर खोला गया तो भगवान शिव की शिला एक तरफ झुकी हुई थी, जिसे रेहटी गांव में मान लिया गया.

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