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जौनपुरः ठंड से पशुओं की मौत के चलते गोशाला बनी कब्रिस्तान

प्रदेश सरकार ने गोशाला में पल रहे गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं, लेकिन जौनपुर शहर का लहंगपुर गोशाला पशुओं के लिए ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम न होने पर कब्रिस्तान में तब्दील होता जा रहा है.

गोशाला बना कब्रिस्तान
गोशाला बना कब्रिस्तान
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Published : Jan 7, 2020, 8:52 AM IST

जौनपुरः गोशाला में पल रहे गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए सरकार ने कड़े निर्देश दिए हैं. फिर भी अधिकारियों की लापरवाही अब बेजुबान पशुओं पर भारी पड़ने लगी है. शहर के जलालपुर स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला चल रही है. इस गोशाला में 90 से ज्यादा पशु हैं.

पर्याप्त इंतजाम न होने से गोशाला बनी कब्रिस्तान.

गोशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए न तो पर्याप्त इंतजाम है, न ही गोशाला में चारों तरफ से कोई घेराबंदी की गई है. इस कड़ाके की ठंड की वजह से पशुओं की मौत होती जा रही है. गोवंश को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. कड़ाके की ठंड अब इन पशुओं की जान पर बन आई है, जिसके चलते लगातार पशुओं की मौतें हो रही हैं. गोशाला परिसर में गड्ढों की खुदाई के चलते धीरे-धीरे पूरा गोशाला परिसर अब कब्रगाह बनता जा रहा है.

जिलाधिकारी ने प्रत्येक ब्लॉक में 4 गोशाला बनाने का काम शुरू किया है. जनपद में इन दिनों 2 हजार से ज्यादा बेसहारा पशु इन गोशालाओं में पल रहे हैं. उसके बावजूद भी जलालपुर क्षेत्र स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला में 90 पशुओं को रखा गया है. पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण कड़ाके की सर्दी के चलते बेजुबान पशुओं के मरने का सिलसिला अब बढ़ गया है, जिसके कारण गोशाला परिसर में ही मरे हुए पशुओं को गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है.

गोशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि पशुओं को खिलाने के लिए केवल सूखा भूसा है. पहले पशु आहार दिया गया था, जो अब खत्म हो चुका है. ठंड से पशुओं के मरने की संख्या बढ़ गई है. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं है. पशुओं की मौतों के बाद परिसर में ही गड्ढा खोदकर इन पशुओं को दफनाया जा रहा है.

अगले दो-चार दिनों में ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गये हैं. साथ ही खाना और पानी की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हैं.
- दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

जौनपुरः गोशाला में पल रहे गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए सरकार ने कड़े निर्देश दिए हैं. फिर भी अधिकारियों की लापरवाही अब बेजुबान पशुओं पर भारी पड़ने लगी है. शहर के जलालपुर स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला चल रही है. इस गोशाला में 90 से ज्यादा पशु हैं.

पर्याप्त इंतजाम न होने से गोशाला बनी कब्रिस्तान.

गोशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए न तो पर्याप्त इंतजाम है, न ही गोशाला में चारों तरफ से कोई घेराबंदी की गई है. इस कड़ाके की ठंड की वजह से पशुओं की मौत होती जा रही है. गोवंश को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. कड़ाके की ठंड अब इन पशुओं की जान पर बन आई है, जिसके चलते लगातार पशुओं की मौतें हो रही हैं. गोशाला परिसर में गड्ढों की खुदाई के चलते धीरे-धीरे पूरा गोशाला परिसर अब कब्रगाह बनता जा रहा है.

जिलाधिकारी ने प्रत्येक ब्लॉक में 4 गोशाला बनाने का काम शुरू किया है. जनपद में इन दिनों 2 हजार से ज्यादा बेसहारा पशु इन गोशालाओं में पल रहे हैं. उसके बावजूद भी जलालपुर क्षेत्र स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला में 90 पशुओं को रखा गया है. पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण कड़ाके की सर्दी के चलते बेजुबान पशुओं के मरने का सिलसिला अब बढ़ गया है, जिसके कारण गोशाला परिसर में ही मरे हुए पशुओं को गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है.

गोशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि पशुओं को खिलाने के लिए केवल सूखा भूसा है. पहले पशु आहार दिया गया था, जो अब खत्म हो चुका है. ठंड से पशुओं के मरने की संख्या बढ़ गई है. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं है. पशुओं की मौतों के बाद परिसर में ही गड्ढा खोदकर इन पशुओं को दफनाया जा रहा है.

अगले दो-चार दिनों में ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गये हैं. साथ ही खाना और पानी की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हैं.
- दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी

Intro:जौनपुर।। प्रदेश सरकार गौशाला में पल रहे गोवंश ओं को ठंड से बचाने के लिए जिले के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं फिर भी बेजुबान पशुओं पर अधिकारियों की लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है । जौनपुर के जलालपुर स्थित लहंगपुर में अस्थाई गौशाला चल रही है । इस गौशाला में 90 से ज्यादा पशु इन दिनों पल रहे हैं। वह इस गौशाला में चारों तरफ सुविधाओं की कमियां है। यहां पर गोवंश को ठंड से बचाने के लिए ना तो चारों तरफ से घेरा गया है और नहीं यहां पर किसी भी तरीके की अलाव की व्यवस्था की गई है । वही कड़ाके की ठंड अब इन पशुओं की जान पर बन आई है। जिसके चलते लगातार पशुओं की मौतें हो रही हैं । वहीं मौतों के बाद गौशाला परिसर में ही गड्ढा खोदकर इन पशुओं को दफनाया जा रहा है। गड्ढों की खुदाई के चलते धीरे धीरे पूरी गौशाला का परिसर इन पशुओं के लिए अब कब्रगाह बनता जा रहा है ।


Body:वीओ।। जौनपुर जनपद में जहां छुट्टा पशुओं की बढ़ती संख्या के चलते जिलाधिकारी ने प्रत्येक ब्लॉक में 4 गौशाला बनाने का काम शुरू किया है तो वहीं गौशालाओं में सुविधाओं की कमी के चलते पल रहे बेसहारा गोवंश की जान पर वन आई है। जनपद में इन दिनों दो हजार से ज्यादा बेसहारा पशु इन गौशालाओं में पल रहे हैं । वही इन पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की सरकार की तरफ से निर्देश भी हैं। उसके बावजूद भी जलालपुर क्षेत्र स्थित लहंग पुर में अस्थाई गौशाला है । जहां पर इन दिनों 90 पशु मौजूद है लेकिन इन पशुओं को ठंड से बचाने के लिए न तो चारों तरफ से कोई घेराबंदी की गई है और ना ही यहां पर अलाव जलाया जा रहा है। वही कड़ाके की सर्दी के चलते बेजुबान पशुओं के मरने का सिलसिला अब बढ़ गया है जिसके कारण गौशाला परिसर में ही यह मरे हुए पशुओं को गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है । धीरे-धीरे पशुओं की मौतों का आंकड़ा बड़ा तो गौशाला का परिसर अब इन गोवंश के लिए कब्रगाह बन गया है । वही इस गौशाला में केवल पशुओं को खाने के लिए सूखा भूसा ही है क्योंकि यहां पर चोकर का बहुत दिनों से कोई पता नहीं है।


Conclusion: गौशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि गौशाला में पशुओं को खिलाने के लिए केवल सूखा भूसा है । चोकर काफी दिनों पहले आया था जो खत्म हो गया है। वहीं ठंड से पशुओं के मरने की संख्या बढ़ गई है । वही पशुओं को मरने के बाद गौशाला के परिसर में ही गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है।

बाइट-,हवलदार यादव- गौशाला प्रभारी

जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पशुओं को चारा पानी और ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त निर्देश दिए गए हैं । यदि अगर कमी है तो उनको शीघ्र दूर करने के निर्देश भी दिए गए है ।

बाइट- दिनेश कुमार सिंह -जिलाधिकारी जौनपुर

पीटीसी


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