जौनपुर: शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली धनराशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के 12 हजार की धनराशि निर्धारित की है, लेकिन लाभार्थी को पूरी धनराशि नहीं मिलती है. आरोप है कि लाभार्थी को पूरे पैसे पाने के लिए प्रधान को दो हजार रुपये देने पड़ते हैं. वहीं इस मामले में जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने लाभार्थियों को ही इसका जिम्मेदार ठहराया दिया है.
क्या है पूरा मामला:
- जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालय का निर्माण चल रहा है.
- पहले चरण में ढाई लाख शौचालय बनाए गए, तो दूसरे चरण में 1 लाख 32 हजार शौचालयों का निर्माण चल रहा है.
- वहीं शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार पूरी तरह से हावी है.
- आरोप है कि आरा गांव में पैसे न देने पर लाभार्थी का शौचालय अधूरा ही छोड़ दिया गया.
- शौचालय निर्माण के लिए सरकार लाभार्थी के खाते में 12 हजार की धनराशि देती है.
- आरोप है कि शौचालय के नाम पर ग्राम प्रधान की ओर से दो हजार रुपये की वसूली कर ली जा रही है.
सरकार लाभार्थी के खाते में पूरा पैसा भेज रही है. यह उसी की जिम्मेदारी होती है कि वह शौचालय बनवाए, लेकिन अगर वह पैसा देता है तो उसका जिम्मेदार खुद है.
-गौरव वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी