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जौनपुर: स्वच्छ भारत मिशन में 'गंदगी', शौचालय निर्माण के लिए नहीं मिलता पूरा पैसा - शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार

जौनपुर में शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली राशि को लेकर धांधली का मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली 12 हजार की राशि में से दो हजार रुपये ग्राम प्रधान की ओर से वसूली कर ली जाती है.

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार.
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Published : Jun 24, 2019, 4:21 PM IST

जौनपुर: शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली धनराशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के 12 हजार की धनराशि निर्धारित की है, लेकिन लाभार्थी को पूरी धनराशि नहीं मिलती है. आरोप है कि लाभार्थी को पूरे पैसे पाने के लिए प्रधान को दो हजार रुपये देने पड़ते हैं. वहीं इस मामले में जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने लाभार्थियों को ही इसका जिम्मेदार ठहराया दिया है.

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार.

क्या है पूरा मामला:

  • जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालय का निर्माण चल रहा है.
  • पहले चरण में ढाई लाख शौचालय बनाए गए, तो दूसरे चरण में 1 लाख 32 हजार शौचालयों का निर्माण चल रहा है.
  • वहीं शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार पूरी तरह से हावी है.
  • आरोप है कि आरा गांव में पैसे न देने पर लाभार्थी का शौचालय अधूरा ही छोड़ दिया गया.
  • शौचालय निर्माण के लिए सरकार लाभार्थी के खाते में 12 हजार की धनराशि देती है.
  • आरोप है कि शौचालय के नाम पर ग्राम प्रधान की ओर से दो हजार रुपये की वसूली कर ली जा रही है.

सरकार लाभार्थी के खाते में पूरा पैसा भेज रही है. यह उसी की जिम्मेदारी होती है कि वह शौचालय बनवाए, लेकिन अगर वह पैसा देता है तो उसका जिम्मेदार खुद है.
-गौरव वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी

जौनपुर: शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली धनराशि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के 12 हजार की धनराशि निर्धारित की है, लेकिन लाभार्थी को पूरी धनराशि नहीं मिलती है. आरोप है कि लाभार्थी को पूरे पैसे पाने के लिए प्रधान को दो हजार रुपये देने पड़ते हैं. वहीं इस मामले में जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने लाभार्थियों को ही इसका जिम्मेदार ठहराया दिया है.

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार.

क्या है पूरा मामला:

  • जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालय का निर्माण चल रहा है.
  • पहले चरण में ढाई लाख शौचालय बनाए गए, तो दूसरे चरण में 1 लाख 32 हजार शौचालयों का निर्माण चल रहा है.
  • वहीं शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार पूरी तरह से हावी है.
  • आरोप है कि आरा गांव में पैसे न देने पर लाभार्थी का शौचालय अधूरा ही छोड़ दिया गया.
  • शौचालय निर्माण के लिए सरकार लाभार्थी के खाते में 12 हजार की धनराशि देती है.
  • आरोप है कि शौचालय के नाम पर ग्राम प्रधान की ओर से दो हजार रुपये की वसूली कर ली जा रही है.

सरकार लाभार्थी के खाते में पूरा पैसा भेज रही है. यह उसी की जिम्मेदारी होती है कि वह शौचालय बनवाए, लेकिन अगर वह पैसा देता है तो उसका जिम्मेदार खुद है.
-गौरव वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:जौनपुर।। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान भी भ्रष्टाचार गिरफ्त में आ चुका है । शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली धनराशि में भी पूरी धनराशि में भी प्रधान सेंध लगा रहे है। सरकार शौचालय निर्माण के ₹12000 की धनराशि निर्धारित की है। यह पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में दिया जाता है । वही जौनपुर में लाभार्थी को शौचालय के लिए उसे पूरी धनराशि नही मिलती है। इसके लिए प्रधान को देने पड़ते हैं ₹2000। ऐसे में लाभार्थी इतने कम पैसे में बढ़िया शौचालय का निर्माण कैसे कर पाएगा। वही इस मामले में जौनपुर जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने इसके लिए लाभार्थी को ही जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि पैसा तो लाभार्थी के खाते में ही आता है।


Body:वीओ।। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बड़ी संख्या में जौनपुर जिले में शौचालय का निर्माण किया गया है। पहले चरण में ढाई लाख शौचालय बनाए गए तो वही अब दूसरे चरण में 132000 शौचालय का निर्माण चल रहा है । वहीं शौचालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार पूरी तरह से हावी है। आरा गांव में तो पैसे न देने पर लाभार्थी का शौचालय अधूरा ही छोड़ दिया गया । असली लाभार्थी जी शौचालय का उपयोग समान रखने के लिए कर रहे । शौचालय निर्माण के लिए सरकार लाभार्थी के खाते में ₹12000 की धनराशि देती है जिससे कि वह एक अच्छा शौचालय बनवा सके । लेकिन बड़ी संख्या में शौचालय के नाम पर लाभार्थी से ₹2000 की वसूली हो रही है। यह वसूली कोई और नहीं प्रधान के माध्यम से ही की जाती है। पैसा भले ही लाभार्थी के खाते में आता है लेकिन हिस्सेदारी प्रधान की होती है । ऐसे में जो लाभार्थी पैसा नहीं देता है उसे प्रधान भय दिखाकर आवास और अन्य योजनाओं से वंचित करने की धमकी भी देता है। वही इस भ्रष्टाचार के लिए लाभार्थी को ही अधिकारी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । जबकि ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी भी मुख्य विकास अधिकारी की होती है।


Conclusion:जिले के मुख्य विकास अधिकारी गौरव वर्मा ने बताया कि सरकार जब लाभार्थी के खाते में पूरा पैसा भेज रही है । यह उसी की जिम्मेदारी होती है कि वह शौचालय बनवाए लेकिन अगर वह पैसा देता है तो उसका जिम्मेदार खुद है।

बाइट- गौरव वर्मा मुख्य विकास अधिकारी जौनपुर
बाइट- सुनीता महिला लाभार्थी


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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