जौनपुर: कोरोना के चलते बाजार पहले मंदी के दौर से गुजर रहे थे तो वहीं अब सोने और चांदी के भाव में हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से जनपद में हजारों की संख्या में कारीगर बेरोजगार हो गए हैं. लॉकडाउन के दौरान सर्राफा कारोबार ठप हो गया था, वहीं अनलॉक के बाद कारोबार तो शुरू हुआ, लेकिन महंगे सोने के भाव और चांदी की ऊंची कीमतों की वजह से ग्राहकों ने उससे दूरी बना ली. ऐसे में आभूषण बनाने वाले कारीगरों के हाथों से काम छिन गया और उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया.
जनपद में सर्राफा कारोबार में 10,000 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं, लेकिन इन दिनों पूरे सर्राफा बाजार में दिन भर सन्नाटा पसरा रहता है. यहां आभूषण की दुकानें भी खुली तो रहती हैं, लेकिन ग्राहक अब आभूषण खरीदने से दूरी बनाने लगे हैं. महंगे सोने और चांदी के भाव के चलते अब बेरोजगार हुए कारीगर कर्ज में डूबने लगे हैं. कागीगरों ने बताया कि वह इन हालातों में बड़ी संख्या में ई-रिक्शा चलाकर तो कुछ लोग नाश्ते की दुकान चलाकर अपने परिवार का पेट पालने का काम कर रहे हैं.
बाजार में पसरा रहता है सन्नाटा
देशभर में कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. उद्योग धंधे खुले तो हैं, लेकिन वहां मजदूरों के बिना उत्पादन प्रभावित हो रहा है. यही हाल सर्राफा कारोबार का भी है. इस कारोबार से जनपद में भी हजारों की संख्या में आभूषण बनाने वाले कारीगरों का पेट पलता है, लेकिन इन दिनों महंगे सोने-चांदी के भाव के चलते पूरे बाजार में दिन भर सन्नाटा पसरा रहता है. आभूषण की दुकान पर कई-कई दिनों तक ग्राहक नहीं पहुंचते हैं. इस वजह से दुकानदारों को अब दुकान का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
चाय और समोसा बेचकर चला रहे काम
सर्राफा मंडी में हजारों की संख्या में कारीगर भी बेरोजगार हो गए हैं. इनके पास कोई काम नहीं है. ऐसे में यह अपने परिवार का पेट पालने के लिए ई-रिक्शा चलाते हैं, वहीं कुछ लोग चाय और समोसा बेचकर गुजर बसर कर रहे हैं. इन दिनों बाजार में सोने की कीमत 52,000 है तो वहीं चांदी भी 60,000 के ऊपर है. ऐसे में लोग केवल शादी के मौके पर ही जरूरत के मुताबिक ही आभूषण खरीद रहे हैं.
क्या कहते हैं आभूषण कारीगर
आभूषण कारीगर राजेश कुमार सोनी बताते हैं कि इन दिनों सोने के बढ़े भाव के चलते खरीदार नहीं मिल रहे हैं तो वहीं अब कारीगरों के सामने संकट भी पैदा हो गया है. इसके कारण उन्हें मजदूरी भी नहीं मिल रही है. राजेश का कहना है कि कुछ लोग तो अब बैटरी रिक्शा चलाकर अपना और परिवार का पेट पाल रहे हैं.
सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनायक कुमार बताते हैं की व्यापार इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. महंगे सोने-चांदी के भाव के चलते केवल 25 परसेंट कारोबार ही हो रहा है. बाजार में कोरोना भी मंदी के लिए जिम्मेदार है.
आभूषण बनाने वाले कारीगर रवि कुमार सेठ बताते हैं कि अनलॉक में बाजार तो खुल गया, लेकिन इससे उनको कोई फायदा नहीं हुआ. महंगे सोने-चांदी के भाव के चलते ग्राहकों ने दूरी बना ली है. इसके कारण अब कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है, जिससे काफी कारीगर कर्ज में डूबे हुए हैं.
रामकुमार सेठ सोने-चांदी का काम करते थे, लेकिन कोरोना और अब बाजार की मंदी ने ऐसे हालात कर दिए कि अब उन्हे काम छोड़कर नाश्ते की दुकान खोलनी पड़ी, जिससे परिवार का गुजारा हो रहा है. वहीं कर्ज के कारण ऐसी स्थिति हो गई है कि उन्हें अपनी संपत्ति कुछ दिनों में बेचनी पड़ेगी.
आभूषण कारोबारी घनश्याम सेठ बताते हैं कि लॉकडाउन में बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि कोई काम धंधा भी नहीं हुआ. महंगे सोने-चांदी के भाव के चलते पिछले 10 दिनों से उनकी दुकान पर कोई भी आभूषण नहीं बिका है. इससे हजारों की संख्या में कारीगर भी बेरोजगार हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को उनके लिए कुछ सोचना चाहिए.