ETV Bharat / state

पूर्व सांसद धनंजय सिंह को झटका, कोर्ट ने रंगदारी, धमकी जैसे गंभीर मामलों में आरोप तय किया - ईटीवी भारत यूपी न्यूज

एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर रंगदारी, धमकी जैसे गंभीर मामलों में आरोप तय कर दिया है.

etv bharat`
एमपी एमएलए कोर्ट
author img

By

Published : Apr 2, 2022, 11:00 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 8:27 AM IST

जौनपुर: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ा झटका लगा है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने षड्यंत्र, गालियां और धमकी देने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने उन्हें और संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय किया है.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइनबाजार थाने में 10 मई 2020 को पुलिस को एक तहरीर दी कि जिसमें उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम के खिलाफ अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, षड्यंत्र, गालियां और धमकी देने का आरोप लगाया था.

अभिनव सिंघल ने कहा कि धनंजय और उनके दो साथियों ने वादी अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए. वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए. इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई. पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए. लेकिन बाद में जमानत भी हो गई. पिछली तारीख पर धनंजय और संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई गई.

पूर्व सांसद धनंजय सिंह

यह भी पढ़ें- असलहा साफ करते वक्त गोली लगने से युवक की मौत

वहीं, उच्च अधिकारियों के दबाव में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया. शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति किया कि वादी कि लिखित तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई. सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मैसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है. वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था. शनिवार को दोनों आरोपित न्ययालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी

जौनपुर: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ा झटका लगा है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने षड्यंत्र, गालियां और धमकी देने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने उन्हें और संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप तय किया है.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइनबाजार थाने में 10 मई 2020 को पुलिस को एक तहरीर दी कि जिसमें उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम के खिलाफ अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, षड्यंत्र, गालियां और धमकी देने का आरोप लगाया था.

अभिनव सिंघल ने कहा कि धनंजय और उनके दो साथियों ने वादी अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए. वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए. इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई. पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए. लेकिन बाद में जमानत भी हो गई. पिछली तारीख पर धनंजय और संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआईआर दर्ज कराई गई.

पूर्व सांसद धनंजय सिंह

यह भी पढ़ें- असलहा साफ करते वक्त गोली लगने से युवक की मौत

वहीं, उच्च अधिकारियों के दबाव में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया. शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति किया कि वादी कि लिखित तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई. सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मैसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है. वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था. शनिवार को दोनों आरोपित न्ययालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी

Last Updated : Apr 3, 2022, 8:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.