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जौनपुर एसपी और एसओ पर अपहरण मामले में वाद दायर - girl kidnapping case in jaunpur

किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में विधिक प्रावधानोंं की अवहेलना करने के आरोप में जौनपुर कोर्ट में एसपी और बक्सा थाने के एसओ के खिलाफ वाद दायर हुआ है. पीड़ित आरोपियों के खिलाफ बेटी के अपहरण और दुष्कर्म मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा था, लेकिन मुकमदा दर्ज नहीं हुआ था.

जौनपुर न्यायालय
जौनपुर न्यायालय
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Published : Feb 15, 2021, 9:07 PM IST

जौनपुरः किशोरी के अपहरण मामले में पुलिस अधीक्षक और बक्सा थाने के एसओ पर जौनपुर कोर्ट में वाद दायह हुआ है. पुलिस अधीक्षक और बक्सा एसओ पर विधिक प्रावधानोंं की अवहेलना करने का आरोप है. इस मामले में कोर्ट ने 18 फरवरी को बक्सा थाने से रिपोर्ट तलब की है.

4 लोगों ने किशोरी का किया था अपहरण
बक्सा थाना क्षेत्र निवासी वादी ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र में उसने बताया था कि नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी 15 वर्षीय पुत्री को सात फरवरी की सुबह छह बजे पड़ोसी दीपक ने तीन व्यक्तियों के सहयोग से अपहरण कर लिया. पीड़ित की सूचना पर पुलिस आरोपित के घर वालों को थाने लाई. लड़की का पता फिरोजाबाद में चला. वहां जाकर वह बेटी को वापस लाया था. उसकी बेटी ने बताया था कि आरोपित ने उसके साथ दुराचार किया और जान से मारने की धमकी दी. थानाध्यक्ष ने न तो आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और न ही उसकी बेटी का मेडिकल मुआयना कराया.

पीड़ित की कहीं नहीं हुई सुनवाई
पीड़ित का आरोप है कि मुख्यमंत्री, डीजीपी और पुलिस अधीक्षक को दरख्वास्त देने पर भी आरोपित के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई. दुष्कर्म जैसे मामलों में पुलिस का एफआइआर दर्ज करना विधिक रूप से अनिवार्य होता है. ऐसा न कर पुलिस अधिकारियों ने विधिक प्रविधानों की अवहेलना की है, जो दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इसी पर अदालत ने यह कार्रवाई की है.

जौनपुरः किशोरी के अपहरण मामले में पुलिस अधीक्षक और बक्सा थाने के एसओ पर जौनपुर कोर्ट में वाद दायह हुआ है. पुलिस अधीक्षक और बक्सा एसओ पर विधिक प्रावधानोंं की अवहेलना करने का आरोप है. इस मामले में कोर्ट ने 18 फरवरी को बक्सा थाने से रिपोर्ट तलब की है.

4 लोगों ने किशोरी का किया था अपहरण
बक्सा थाना क्षेत्र निवासी वादी ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. प्रार्थना पत्र में उसने बताया था कि नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी 15 वर्षीय पुत्री को सात फरवरी की सुबह छह बजे पड़ोसी दीपक ने तीन व्यक्तियों के सहयोग से अपहरण कर लिया. पीड़ित की सूचना पर पुलिस आरोपित के घर वालों को थाने लाई. लड़की का पता फिरोजाबाद में चला. वहां जाकर वह बेटी को वापस लाया था. उसकी बेटी ने बताया था कि आरोपित ने उसके साथ दुराचार किया और जान से मारने की धमकी दी. थानाध्यक्ष ने न तो आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और न ही उसकी बेटी का मेडिकल मुआयना कराया.

पीड़ित की कहीं नहीं हुई सुनवाई
पीड़ित का आरोप है कि मुख्यमंत्री, डीजीपी और पुलिस अधीक्षक को दरख्वास्त देने पर भी आरोपित के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई. दुष्कर्म जैसे मामलों में पुलिस का एफआइआर दर्ज करना विधिक रूप से अनिवार्य होता है. ऐसा न कर पुलिस अधिकारियों ने विधिक प्रविधानों की अवहेलना की है, जो दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है. इसी पर अदालत ने यह कार्रवाई की है.

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