जौनपुरः कोरोना संकटकाल में रक्तदान-महादान जैसे नारे अब गायब हो चुके हैं. इसके चलते दूसरों को जीवनदान देने वाला ब्लड बैंक अब खुद ही खून की कमी से जूझता दिख रहा है. कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग ने जीवनदान के इस पुण्य से लोगों से दूर कर दिया है. ऐसी स्थिति में जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में केवल 21 यूनिट खून ही बचा हुआ है, जबकि इस ब्लड बैंक के भरोसे जिले की 50 लाख की आबादी है.
कोरोना काल में चल रहे लॉकडाउन के चलते लोग रक्तदान नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते जनपद का एकमात्र सरकारी ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है. जनपद की 50 लाख की आबादी के लिए इस ब्लड बैंक में वर्तमान में केवल 21 यूनिट ब्लड ही शेष बचा हुआ है. उसमें भी कई महत्वपूर्ण ब्लड ग्रुप नहीं हैं. लॉकडाउन के चलते लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.
ऐसे में रक्तदान आयोजित करने वाले कैंप भी नहीं लग रहे हैं तो वहीं इस ब्लड बैंक से रोजाना कई लोगों को जरूरत होने के बाद भी लौटना पड़ रहा है. यहां मानक के अनुसार 500 यूनिट ब्लड होना चाहिए, लेकिन आज केवल इस ब्लड बैंक में 21 यूनिट ब्लड ही बचा है. ऐसे में इस ब्लड बैंक के भरोसे जीवन की आस लगाए हुए लोगों को निराशा हाथ लग रही है.
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ब्लड बैंक में टेक्नीशियन के पद पर काम करने वाली अंकित राय बताते हैं कि वर्तमान में ब्लड बैंक में खून की बहुत कमी है. लॉकडाउन के चलते लोग खून डोनेट करने नहीं आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में जरूरत के कई महत्वपूर्ण ब्लड ग्रुप उनके ब्लड बैंक में नहीं है. वहीं जरूरतमंदों को बिना खून लिए ही लौटना पड़ रहा है जो उनके लिए काफी दु:खद है.