जौनपुर : जिला कारागार जौनपुर में सजायाफ्ता कैदी भागेश मिश्र की मौत के बाद से जेल में जमकर उत्पात हुआ. अस्पताल ले जाते वक्त कैदी की मौत हो गई थी. साथी कैदी की मौत के बाद से जेल में कैदियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की. लगभग 6 घंटे तक जेल में कैदियों का कब्जा रहा. घटना की सूचना होने पर आईजी रेंज वाराणसी और कमिश्नर दीपक अग्रवाल जिला कारागार जौनपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कैदियों को समझाया और उनके साथ बातचीत की. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है. टीम की जांच रिपोर्ट में जो भी निष्कर्ष आएगा, उसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसके साथ ही मामले में 100-150 अज्ञात कैदियों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
कैदियों से पूछताछ जारी
इसी संबंध में शनिवार की सुबह से आधा दर्जन सब मजिस्ट्रेट ने जेल परिसर में कैदियों से पूछताछ की. अभी भी पूछताछ जारी है. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी जिला कारागार में मौजूद हैं. कैदियों से पूछताछ चल रही है. कैदियों के बयान को लिखा जा रहा है और उन्हें साक्ष्य के रूप में रखा जा रहा है.
7 सदस्यीय जांच टीम का गठन
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि 7 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है. उपद्रव की शुरुआत कैसे हुई इसकी गहनता से छानबीन की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैदियों की शिकायत को भी संज्ञान में लिया जा रहा है.
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पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने बताया कि भाई और भतीजे की संलिप्तता पर भी जांच की जा रही है. हालांकि घायल बंदी रक्षक की बात को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया. पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है. ड्रोन कैमरा और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला जा रहा है. इसके माध्यम से उपद्रवियों को चिन्हित किया जा रहा है. हिंसा भड़काने वाले लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कैदी के भाई की भी भूमिका की जांच की जा रही है.
जमकर हुआ था बवाल
भागेश मिश्रा नाम का कैदी जिला कारागार में दोहरा आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. वह 6 जनवरी 2021 से जेल में बंद था. जेल में तबीयत खराब होने के कारण जिला कारागार के अस्पताल में उसे भर्ती किया गया था. तबीयत बिगड़ने पर जेल अधीक्षक एसके पांडे ने सुरक्षा के साथ कैदी को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा. जिला अस्पताल ले जाते वक्त कैदी की मौत हो गई. साथी कैदी की मौत की खबर सुनते ही जेल में कैदियों ने हंगामा शुरू कर दिया. देखते-देखते जेल के अंदर कैदियों ने जेल अस्पताल में आग लगा दी. इस दौरान जेल प्रशासन ने कई राउंड आंसू गैस के गोले भी छोड़े. साथी कैदी की मौत से आक्रोशित कैदियों ने जेल में लगभग 6 घंटे तक अपना कब्जा जमाए रखा. बता दें कि मृतक की पत्नी कुसुम बनीडीह गांव की ग्राम प्रधान हैं. शुक्रवार को जिला कारागार में हुई घटना के बाद से जिला प्रशासन बेहद सतर्क है. कैदियों ने जिस तरह 6 घंटा जेल को अपने कब्जे में लिया था, उसके बाद से प्रशासनिक अमले में हलचल मच गई. कुकिंग सिलेंडर और भारी संख्या में पत्थर एकत्रित कर कैदियों ने जमकर उत्पात मचाया. जेल में हुए उपद्रव के बाद प्रशासनिक चूक की बात से इनकार नहीं किया जा सकता.
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