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जौनपुर: मूली की तरह यह नींबू भी बना आकर्षण केंद्र, देखने के लिए दूर-दूर से आते है लोग - राजा अवनींद्र दत्त

यूपी के जौनपुर की मूली जिस तरह से मशहूर है, वैसे ही यहां के राजा की हवेली में लगा नींबू भी मशहूर हो रहा है. इस पेड़ के एक-एक नींबू का वजन डेढ़ किलो तक का है.

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डेढ़ किलो वजन का है एक नींबू
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Published : Dec 30, 2019, 3:30 PM IST

जौनपुर: जौनपुर की मूली पूरे देश मे अपने आकार के चलते मशहूर है, क्योंकि यहां की एक-एक मूली का वजन 10 किलो और लंबाई 4 से 5 फुट तक होती है. दूसरी ओर यहां के अनोखे नींबू भी कुछ कम नहीं हैं. बाजार में बिकने वाले नींबू से हर व्यक्ति परिचित है, लेकिन जौनपुर के राजा की बगिया में एक खास किस्म का नींबू अपने आकर और वजन के कारण पूरे जिले में मशहूर है. लोग इसे देखने दूर-दूर से आते हैं.

डेढ़ किलो वजन का है एक नींबू.

डेढ़ किलो वजन का है एक नींबू
जौनपुर की मूली की देश मे अपने आकार और वजन के चलते मशहूर है. वहीं अब मूली की तरह ही एक खास प्रजाति का नींबू भी मशहूर होने के लिए तैयार है. जौनपुर के राजा अवनींद्र दत्त दुबे की हवेली में लगे इस पेड़ पर इन दिनों नींबुओं की भरमार है. इस पेड़ पर लगे नींबू के फल किसी सामान्य नींबू की तरह नहीं है बल्कि उससे कई गुना बड़े हैं. इस पेड़ के नींबू का आकार काफी बड़ा है और वजन भी डेढ़ से दो किलो तक है. इतना बड़ा नींबू बाजार में भी नहीं दिखाई देता है.

लखनऊ से लाया गया था दस साल पहले

इस विशेष प्रजाति के पेड़ को राजा अवनींद्र दत्त दस साल पहले लखनऊ से लाए थे और उसे बगिया में लगाया गया. आज अपने आकार और वजन के चलते इस नींबू के फल को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. इस पेड़ की विशेष देख-रेख की जाती है.

राजा के यहां अकाउंटेंट का काम करने वाली सीमा बताती है वो इस पौधे की देखरेख करती हैं. सामान्य से अलग होने के कारण इस फल लोग दूर से देखने आते हैं. लखनऊ से शोध प्रजाति का पौधे को यहां लाकर लगाया गया था.

जौनपुर: जौनपुर की मूली पूरे देश मे अपने आकार के चलते मशहूर है, क्योंकि यहां की एक-एक मूली का वजन 10 किलो और लंबाई 4 से 5 फुट तक होती है. दूसरी ओर यहां के अनोखे नींबू भी कुछ कम नहीं हैं. बाजार में बिकने वाले नींबू से हर व्यक्ति परिचित है, लेकिन जौनपुर के राजा की बगिया में एक खास किस्म का नींबू अपने आकर और वजन के कारण पूरे जिले में मशहूर है. लोग इसे देखने दूर-दूर से आते हैं.

डेढ़ किलो वजन का है एक नींबू.

डेढ़ किलो वजन का है एक नींबू
जौनपुर की मूली की देश मे अपने आकार और वजन के चलते मशहूर है. वहीं अब मूली की तरह ही एक खास प्रजाति का नींबू भी मशहूर होने के लिए तैयार है. जौनपुर के राजा अवनींद्र दत्त दुबे की हवेली में लगे इस पेड़ पर इन दिनों नींबुओं की भरमार है. इस पेड़ पर लगे नींबू के फल किसी सामान्य नींबू की तरह नहीं है बल्कि उससे कई गुना बड़े हैं. इस पेड़ के नींबू का आकार काफी बड़ा है और वजन भी डेढ़ से दो किलो तक है. इतना बड़ा नींबू बाजार में भी नहीं दिखाई देता है.

लखनऊ से लाया गया था दस साल पहले

इस विशेष प्रजाति के पेड़ को राजा अवनींद्र दत्त दस साल पहले लखनऊ से लाए थे और उसे बगिया में लगाया गया. आज अपने आकार और वजन के चलते इस नींबू के फल को लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. इस पेड़ की विशेष देख-रेख की जाती है.

राजा के यहां अकाउंटेंट का काम करने वाली सीमा बताती है वो इस पौधे की देखरेख करती हैं. सामान्य से अलग होने के कारण इस फल लोग दूर से देखने आते हैं. लखनऊ से शोध प्रजाति का पौधे को यहां लाकर लगाया गया था.

Intro:जौनपुर।। जौनपुर की मूली पूरे देश मे अपने आकार के चलते मशहूर है क्योंकि एक मूली का वजन 10 किलो और लंबाई 4 से 5 फुट तक होती है । वही अब जौनपुर के अनोखे निम्बू भी कुछ कम नही है। बाजार में बिकने वाले नीबू से हर व्यक्ति परिचित है लेकिन जौनपुर के राजा की बगिया में एक खास किस्म का निम्बू अपने आकर और वजन के कारण पूरे जिले में मशहूर है।यह निम्बू शोध के परिणाम के फलस्वरूप लगाया गया था जो विशेष देखरेख में लोगो के आकर्षण का केंद्र है।दस साल पहले जौनपुर के राजा के पुत्र अवनींद्र दत्त दुबे ने लखनऊ से निम्बू के खास प्रजाति के पेड़ को लाकर अपने हवेली की बगिया में लगाया था जो आज अपने आकार के चलते मूली जितना ही मशहूर है।


Body:वीओ।।जौनपुर की मूली की देश मे अपने आकार और वजन के चलते मशहूर है। अब मूली की तरह ही एक खास प्रजाति का निम्बू भी मशहूर होने को तैयार है। जौनपुर के राजा अवनींद्र दत्त दुबे की हवेली के सामने ये खास तरह का निम्बू का पेड़ है ।इस निम्बू के पेड़ पर इन दिनों फल की भरमार है। पेड़ पर लगे निम्बू के फल कोई सामान्य निम्बू की तरह नही है बल्कि उससे कई गुना बड़े है।इस पेड़ पर निम्बू का आकार काफी बड़ा है और वजन भी डेढ़ से दो किलो तक है ।इतना बड़ा निम्बू बाजार में भी नही दिखाई देता है।इस विशेष प्रजाति के पेड़ को राजा अवनींद्र दत्त ने दस साल पहले लखनऊ से लाकर अपने बगिया में लगाया था।आज अपने आकार और वजन के चलते इस नीबू के फल को लोग देर से देखने आते है ।


Conclusion:राजा के यहाँ एकॉउंटेट का काम करने वाली सीमा बताती है वो इस पौधे की देखरेख करती है। सामान्य से अलग होने के कारण इस फल लोग दूर से देखने आते है।यह लखनऊ से शोध प्रजाति का पौधे को यहाँ लाकर लगाया गया था।

बाइट-सीमा-पौधे की देख रेख करने वाली महिला


पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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