लखनऊ: यूपी विधानसभा में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश सरकार का 2025- 2026 का बजट पेश किया. इस बजट में ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत पर भी ध्यान दिया गया है. आने वाली गर्मियों में प्रदेश की जनता को बिजली संकट का सामना न करना पड़े, इसे लेकर ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत पर बजट में फोकस किया गया है.
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट भाषण में बताया कि गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजना की स्थापना 3953 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित है. यह परियोजना चार साल में पूरी होगी. परियोजना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा कोल इंडिया लिमिटेड के साथ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की तरफ से संयुक्त उपक्रम के रूप में जालौन में 500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना प्रस्तावित है. परियोजना की लागत 2500 करोड़ रुपये अनुमानित है. इस परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की तरफ से संयुक्त उपक्रम के माध्यम से तहसील झांसी के गरौठा में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है. इसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये है. परियोजना के लिए 80 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं.
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के बारे में उन्होंने अपने बजट भाषण में बताया कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022 के अंतर्गत आगामी पांच साल में 22000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगमों और नोएडा शहर को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के अंतर्गत कंप्रेस्ड बायोगैस बायो कोल, बायोडीजल, बायो इथेनॉल से संबंधित 53 परियोजनाओं की स्वीकृति दी जा चुकी है. 24 परियोजनाएं अब तक स्थापित की गई हैं.
ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों के बारे में भी वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट भाषण में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि साल 2017 के पहले प्रदेश में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह लचर थी. छात्रों को पढ़ाई के लिए बिजली मिलती नहीं थी. किसानों को सिंचाई के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं थी. अस्पतालों और औद्योगिक इकाइयों तक को बिजली नहीं मिलती थी. गर्मियों में पूरे प्रदेश की जनता बदहाल रहती थी. रातों में शहर अंधेरे में डूबे रहते थे. आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. लोगों के घरों में रोशनी है. गर्मियों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है. किसानों को सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध है.
उन्होंने बताया कि साल 2024-25 में दिसंबर तक औसत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्र में 20 घंटे 35 मिनट, तहसील मुख्यालय में 22 घंटे 36 मिनट और जनपद मुख्यालय में 24 घंटे रही. उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक कुल एक लाख 87873 निजी नलकूप के कनेक्शन दिए गए.
बताया कि कृषि के प्रथकीकरण की योजना के तहत 4680 फीडर्स के लक्ष्य के सापेक्ष 3817 कृषि फीडर्स का निर्माण कराया जा चुका है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने वर्ष 2024-25 में दिसंबर माह तक 7140 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता और संयुक्त उपक्रम में संचालित 1980 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता और 3756 मिलियन यूनिट ताप विद्युत उत्पादन प्राप्त किया. सौर ऊर्जा नीति 2022 के अंतर्गत रोजगार सृजन और कौशल विकास के लिए साल 2025 26 में 3000 सूर्य मित्रों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: अब यूपी की मेधावी छात्राओं को भी मिलेगा स्कूटर, खर्च होंगे 400 करोड़ रुपये, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने किया ऐलान