जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद के उरई कोतवाली क्षेत्र के गोविंदम ढाबे के पास ड्यूटी के दौरान सिपाही भेदजीत की हत्या करके दो बदमाश फरार हो गए थे. बीते दिनों हुई इस वारदात में शामिल बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक ने चार टीमों का गठन किया था. बदमाशों की तलाश में एसओजी को भी लगाया गया था.
रविवार को पुलिस ने मुखबिर की सटीक सूचना पर फैक्ट्री एरिया के पास बदमाशों की घेराबंदी की. इस पर बदमाशों ने बचने के लिए पुलिस पर फायर कर दिया. बदमाशों की फायरिंग में उरई कोतवाल घायल हो गए. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश को भी गोली लग गई. दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां, इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
उरई नेशनल हाईवे पर की थी सिपाही की हत्याः नौ मई की रात उरई नेशनल हाईवे की पुलिस चौकी से चंद कदम दूर ड्यूटी पर तैनात सिपाही भेदजीत सिंह की नुकीले हथियार से हत्या कर दी गई थी. हत्या बाइक सवार दो बदमाशों ने की थी जो मौके से भाग गए थे. इस घटना को लेकर एडीजी व आईजी सहित कई आला अफसर उरई में आ गए थे. इसके बाद से ही कानपुर से एसओजी भी बदमाशों की धरपकड़ के लिए उरई आ गई थी.
सिपाही की हत्या के 5 दिन बाद ही रविवार की दोपहर उरई के फैक्ट्री एरिया स्थित जंगल में सिपाही भेदजीत की हत्या करने वाले दोनों बदमाशों से एसओजी व पुलिस की चार टीमों से मुठभेड़ हो गई. पुलिस की टीमों ने घेराबंदी की तो बदमाशों ने फायरिंग कर दी. एसओजी व पुलिस की टीमों की जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश ढेर हो गए. मुठभेड़ में शहर कोतवाल शिवकुमार सिंह राठौर भी घायल हुए.
ढेर हुए बदमाशों में एक की पहचान कल्लू निवासी रहिया और दूसरे की पहचान रमेश निवासी सरसौखी के रूप में की गई. दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने जिला अस्पताल भेज दिया जबकि मुठभेड़ में बदमाशों के ढेर होने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा व अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी भी मौके पर आ गए. पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने बताया कि दोनों बदमाशों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है.
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