जालौन: सरकार के निर्देश पर जिले में गेहूं खरीद क्रय केंद्र का लक्ष्य 1 लाख 11 हजार 500 मैट्रिक टन रखा था. अभी तक 60 फीसदी लक्ष्य ही जिला प्रशासन पूरा कर पाई है. इसका परिणाम यह है कि ढाई लाख किसानों में से सिर्फ 12 हजार 500 किसान ही 110 क्रय केंद्र पर पहुंच पाए. अव्यवस्थाओं के चलते प्रशासन का लक्ष्य महज 60 फीसदी ही पूरा हो पाया है.
किसानों की गेहूं खरीद की समस्या:
- जालौन जिले के ढाई लाख किसानों के लिए इस बार 110 गेहूं क्रय केंद्र खोले गए थे.
- इसमें किसानों के लिए प्रशासन की तरफ से कई सुविधाएं भी दी गई थीं.
- किसानों का नियमित समय से भुगतान न होने से उनका गेहूं खरीद क्रय केंद्र पर से विश्वास उठ गया है.
- इसके चलते जिला प्रशासन महज 60 फीसदी ही लक्ष्य पूरा कर पाया है.
मंडी में गेहूं खरीद पर कहीं गल्ला व्यापारियों ने केंद्र के पास ही अपना कांटा तराजू लगा लिया, तो कहीं सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर बारदाना न होने से किसानों का मन हटने लगा. जिला प्रशासन ने इसके लिए बड़ा कदम उठाते हुए पीसीएस प्रबंधक को निलंबित भी कर दिया था. हालात न सुधरने की वजह से जिले के ढाई लाख किसानों में से सिर्फ 12 हजार 500 किसानों ने अपना गेहूं सरकारी गेहूं खरीद को बेचा. इसके चलते जिला प्रशासन महज 60 फीसदी लक्ष्य पूरा कर पाया है. जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया कि जिले में इस बार 1 लाख से अधिक मैट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया था. यह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है और महज 60 फीसदी लक्ष्य प्रशासन पूरा कर पाया है.
बड़ी मेहनत से हमसब खेत से गेहूं पैदा करता है. हमलोग का गेहूं नहीं बिक पा रहा है. इससे हमारा बहुत नुकसान हो रहा है.
-धीरेंद्र द्विवेदी, किसान