जालौन: जिले में उरई मुख्यालय के जिला अस्पताल परिसर में बंद विचाराधीन कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो उन्होंने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामे की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मौके पर पहुंची. पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर हंगामा शांत कराया और मामले की जांच कराने की बात कही.
जेल प्रशासन पर लगा हत्या का आरोप
यह पूरा मामला उरई मुख्यालय के जिला कारागार का है. जिला जेल में कानपुर के कल्याणपुर का रहने वाला अक्षय सिंह जुलाई में हत्या के आरोप में उरई कारागार में बंद किया गया था. अक्षय की अचानक शुक्रवार की रात को तबीयत खराब हो गई. तबियत खराब होने पर उसको जिला अस्पताल लाया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसकी जानकारी जेल प्रशासन ने परिजनों को दी. परिजन मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपने पुत्र के शरीर पर चोटों के निशान देखते हुए जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया.
परिजनों का आरोप, गला दबाकर की गई हत्या
मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच गई. उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग करते रहे. उप-जिलाधिकारी के समझाने के बाद परिजन शांत हुए. साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. परिजनों के मुताबिक जेल में उसकी गला दबाकर हत्या की गई है. साथ ही उसके साथ मारपीट की गई है. जिसको जेल प्रशासन दबाने का प्रयास कर रहा है.
मामले की होगी जांच
अक्षय के पिता रामसेवक ने बताया कि उनके पुत्र की उम्र जेल प्रशासन 44 दिखा रहा है, जबकि वह 26 साल का है. उन्होंने बताया कि कानपुर देहात में छात्रों के बीच विवाद हो गया था. इसमें एक छात्र के सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी. उसी के आरोप में अक्षय जेल में बंद था. परिजन मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं. इस मामले में उप-जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.