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जालौन में सगी बहनों से रेप के दोषी को 14 साल की कैद - जालौन में सगी बहनों से रेप के दोषी को सजा

जालौन में सगी बहनों से रेप के दोषी को कोर्ट ने 14 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लिया गया है.

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जालौन:पास्को कोर्ट ने सगी बहनों से रेप के मामले में आरोपी को 14 साल की कठोर सजा सुनाई
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Published : Oct 14, 2022, 7:53 PM IST

जालौनः जिले के जिला न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने 6 साल पहले सगी नाबालिग बहनों के साथ रेप करने वाले अभियुक्त को 14 साल की कैद के साथ 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट में आरोपी को सजा सुनाने के बाद तत्काल जेल भेज दिया गया.

पूरा मामला 30 मार्च 2016 का है. उरई कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में 12 वर्षीय और 7 वर्षीय दो सगी दलित नाबालिग बच्चियां घर के बाहर खेल रही थी. उसी दौरान मोहल्ले में रहने वाला प्रेमानंद बाबा दोनों सगी बहनों को टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने कमरे पर ले गया. यहां कमरा बंद करके उसने दोनों के साथ बारी-बारी से रेप किया. बच्चियों के शोर मचाने पर आस पड़ोस के लोग आ गए. उन्होंने पड़ोसियों के घर से सीढ़ी लगाकर आरोपी के घर में घुसकर दोनों बहनों को बाबा से मुक्त कराया और आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.

दुष्कर्म मामले की पैरवी कर रहे सहायक शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि बच्चियों के पिता ने कोतवाली में मुकदमा लिखाया था. इसमें पुलिस ने आरोपी बाबा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट मे मुकदमा लिखाया था. इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद बाबा ने पीड़ितों को धमकाया. इस पर बच्चियों के साथ पिता को घर छोड़कर अन्य जगह पर रहना पड़ा था. इस मामले की विवेचना सीओ ने की. उनके द्वारा साक्ष्य एकत्रित करने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत किए गए. मजबूत पैरवी करने पर स्पेशल जज पॉक्सो के न्यायाधीश विजय बहादुर सिंह ने प्रेमानंद बाबा को साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए 14 साल की सजा और 60 हजार का जुर्माना लगाया.

जालौनः जिले के जिला न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने 6 साल पहले सगी नाबालिग बहनों के साथ रेप करने वाले अभियुक्त को 14 साल की कैद के साथ 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट में आरोपी को सजा सुनाने के बाद तत्काल जेल भेज दिया गया.

पूरा मामला 30 मार्च 2016 का है. उरई कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में 12 वर्षीय और 7 वर्षीय दो सगी दलित नाबालिग बच्चियां घर के बाहर खेल रही थी. उसी दौरान मोहल्ले में रहने वाला प्रेमानंद बाबा दोनों सगी बहनों को टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने कमरे पर ले गया. यहां कमरा बंद करके उसने दोनों के साथ बारी-बारी से रेप किया. बच्चियों के शोर मचाने पर आस पड़ोस के लोग आ गए. उन्होंने पड़ोसियों के घर से सीढ़ी लगाकर आरोपी के घर में घुसकर दोनों बहनों को बाबा से मुक्त कराया और आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.

दुष्कर्म मामले की पैरवी कर रहे सहायक शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि बच्चियों के पिता ने कोतवाली में मुकदमा लिखाया था. इसमें पुलिस ने आरोपी बाबा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट मे मुकदमा लिखाया था. इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद बाबा ने पीड़ितों को धमकाया. इस पर बच्चियों के साथ पिता को घर छोड़कर अन्य जगह पर रहना पड़ा था. इस मामले की विवेचना सीओ ने की. उनके द्वारा साक्ष्य एकत्रित करने के बाद न्यायालय में प्रस्तुत किए गए. मजबूत पैरवी करने पर स्पेशल जज पॉक्सो के न्यायाधीश विजय बहादुर सिंह ने प्रेमानंद बाबा को साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए 14 साल की सजा और 60 हजार का जुर्माना लगाया.

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