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तालाब खुदाई के नाम पर करोड़ों रुपयों का बंदरबांट, जांच के लिए कमेटी गठित

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Published : Nov 24, 2022, 8:22 PM IST

जालौन में तालाब खुदाई के नाम करोड़ो रुपयों के घोटाले (Crores of rupees scam in Jalaun) का मामला सामने आया है. इसकी जांच के लिए जिलाधिकारी ने चार कमेटी गठित कर जांच बैठा दी है.

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जालौन: जनपद में एक विभाग पिछले 6 सालो से शासन की योजनाओं को फाइलों में दिखाकर करोड़ों रुपए का बंदरबाट कर रहा है. यह करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार जिला भूमि और जल संरक्षण विभाग में हुआ है. जहां जल संरक्षण के अधिकारियों ने जनपद के वरिष्ठ जाधिकारियों को गुमराह किया है.

भूमि और जल संरक्षण विभाग ने बिना तालाब खोदे ही करोड़ों रुपए का (Scam in pond digging in Jalaun) घोटाला कर दिया. इसका खुलासा ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा मांगे गए दस्तावेज के बाद हुआ. यह पूरा मामला जालौन के जिला भूमि और जल संरक्षण का है, जिसमें भ्रष्टाचार पिछले 6 सालों से लगातार चल रहा है. इस विभाग में शासन से किसानों के लाभ के लिए 4 महत्वपूर्ण योजनाओं का कार्य किया जाता है. जिसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) के तहत ड्रॉप मोर क्रॉप अंडर इंटरवेंशन के तहत खेत तालाब योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि समृद्धि योजना, बुंदेलखंड पैकेज से रेन वाटर हार्वेस्टिंग बंड का काम किया जाता है.

इन सभी योजनाओं की शुरुआत सपा सरकार में 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन सिंचाई के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करना था. इसमें लघु तालाब की खुदाई का चयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा किया जाना था. इस विभाग को खेत तालाब योजना के तहत वर्षा जल का संचयन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देना था. खेत में तालाबों के खुद जाने से किसानों को इसका लाभ दिया जाना था. जिससे वह मेड़ों पर फलदार पौधे लगा सके और दलहन फसलों की बुवाई, सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय का लाभ ले सकें. लेकिन, पिछले 6 सालों से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के अधिकारी जनपद में तैनात रहने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रहे थे. करोड़ों रुपए निकालकर कार्य की झूठी प्रगति रिपोर्ट देते रहे. योजना की शुरुआत से जिले में 3,220 खेत में तालाब खोदे गए हैं और किसानों को लाभ भी दिया जा रहा है.


पढ़ें- जालौन में अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर 23 पर गैंगस्टर की कार्रवाई

ग्रामीण द्वारा लगातार की मिलने वाली शिकायत पर जालौन जिलाधिकारी चांदनी सिंह गंभीरता से लिया है. उन्होंने मामले में संज्ञान लेते हुए शिकायत पर खुद उस इलाके में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया. जहां खेत में तालाब खोदे जाने थे, जिसके बाद इस मामले में पत्रावली मंगाई गई. इस पत्रावली और स्थलीय निरीक्षण के माध्यम से इस भ्रष्टाचार (Jalaun Water Conservation Department Corruption) का खुलासा हुआ, जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में चार कमेटियां बनाई और इस मामले की जांच बैठा दी है.

पढ़ें- डॉक्टर की खौफनाक दास्तां ! पहली पत्नी को इंजेक्शन देकर मारा, 3 शादियां कीं और चौथी से बनाए अवैध संबंध

जालौन: जनपद में एक विभाग पिछले 6 सालो से शासन की योजनाओं को फाइलों में दिखाकर करोड़ों रुपए का बंदरबाट कर रहा है. यह करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार जिला भूमि और जल संरक्षण विभाग में हुआ है. जहां जल संरक्षण के अधिकारियों ने जनपद के वरिष्ठ जाधिकारियों को गुमराह किया है.

भूमि और जल संरक्षण विभाग ने बिना तालाब खोदे ही करोड़ों रुपए का (Scam in pond digging in Jalaun) घोटाला कर दिया. इसका खुलासा ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा मांगे गए दस्तावेज के बाद हुआ. यह पूरा मामला जालौन के जिला भूमि और जल संरक्षण का है, जिसमें भ्रष्टाचार पिछले 6 सालों से लगातार चल रहा है. इस विभाग में शासन से किसानों के लाभ के लिए 4 महत्वपूर्ण योजनाओं का कार्य किया जाता है. जिसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) के तहत ड्रॉप मोर क्रॉप अंडर इंटरवेंशन के तहत खेत तालाब योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि समृद्धि योजना, बुंदेलखंड पैकेज से रेन वाटर हार्वेस्टिंग बंड का काम किया जाता है.

इन सभी योजनाओं की शुरुआत सपा सरकार में 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन सिंचाई के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करना था. इसमें लघु तालाब की खुदाई का चयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा किया जाना था. इस विभाग को खेत तालाब योजना के तहत वर्षा जल का संचयन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देना था. खेत में तालाबों के खुद जाने से किसानों को इसका लाभ दिया जाना था. जिससे वह मेड़ों पर फलदार पौधे लगा सके और दलहन फसलों की बुवाई, सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय का लाभ ले सकें. लेकिन, पिछले 6 सालों से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के अधिकारी जनपद में तैनात रहने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रहे थे. करोड़ों रुपए निकालकर कार्य की झूठी प्रगति रिपोर्ट देते रहे. योजना की शुरुआत से जिले में 3,220 खेत में तालाब खोदे गए हैं और किसानों को लाभ भी दिया जा रहा है.


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ग्रामीण द्वारा लगातार की मिलने वाली शिकायत पर जालौन जिलाधिकारी चांदनी सिंह गंभीरता से लिया है. उन्होंने मामले में संज्ञान लेते हुए शिकायत पर खुद उस इलाके में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया. जहां खेत में तालाब खोदे जाने थे, जिसके बाद इस मामले में पत्रावली मंगाई गई. इस पत्रावली और स्थलीय निरीक्षण के माध्यम से इस भ्रष्टाचार (Jalaun Water Conservation Department Corruption) का खुलासा हुआ, जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में चार कमेटियां बनाई और इस मामले की जांच बैठा दी है.

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