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जालौन: रबी की फसलों के लिए 13 अक्टूबर से शुरू होगा नहरों का संचालन - 13 अक्टूबर से शुरू होगा नहरों का संचालन

उत्तर प्रदेश की जालौन के उरई के विकास भवन परिसर में सिंचाई बंधु की बैठक हुई, जिसमें किसानों ने नहरों के संचालन के लिए बात रखी साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों को भी घेरे में लिया.

प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, सीडीओ.
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Published : Oct 12, 2019, 10:58 PM IST

जालौन: उरई के विकास भवन परिसर में सिंचाई बंधु की बैठक में किसानों ने नहरों के संचालन के लिए बात रखी. वहीं बैठक में बिजली विभाग के अधिकारी निशाने पर रहे. किसानों ने जहां एक तरफ सिंचाई और अन्ना मवेशियों का मुद्दा उठाया तो साथ ही बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए. इन समस्याओं को देखते हुए सीडीओ ने अधिकारियों को निस्तारण करने के जल्द आदेश दिए.

नहरों के संचालन के लिए किसानों ने की विकास भवन परिसर में बैठक.
उरई मुख्यालय के विकास भवन में किसानों के साथ सिंचाई बंधु अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लंबरदार ने कहा कि बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली के चलते जनता और किसान दोनों परेशान हैं. अन्ना मवेशी अभी भी सड़कों पर घूम रहे हैं, इस कारण किसानों को फसलों में नुकसान उठाना पड़ रहा है. गौशालाओं का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसका क्रियान्वयन सही से नहीं हो पाता.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: विकास भवन में अराजपत्रित कर्मचारी संघ का संपन्न हुआ चुनाव, के.पी वर्मा बने अध्यक्ष


इसके अलावा सीडीओ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में किसानों ने रबी की फसलों को देखते हुए खेतों में बुवाई का समय आ गया है, जिसके लिए नहरों का संचालन जरूरी हो गया है. वहीं 13 अक्टूबर से नेहरू के लिए पानी छोड़ दिया जाएगा और 15 दिन के अंदर नहरों के माध्यम से जिले में अट्ठारह सौ किलोमीटर के लगभग नहरों के जाल में पानी पहुंच जाएगा, जिससे किसानों को रबी की फसल के लिए पानी उपलब्ध रहेगा.

जालौन: उरई के विकास भवन परिसर में सिंचाई बंधु की बैठक में किसानों ने नहरों के संचालन के लिए बात रखी. वहीं बैठक में बिजली विभाग के अधिकारी निशाने पर रहे. किसानों ने जहां एक तरफ सिंचाई और अन्ना मवेशियों का मुद्दा उठाया तो साथ ही बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए. इन समस्याओं को देखते हुए सीडीओ ने अधिकारियों को निस्तारण करने के जल्द आदेश दिए.

नहरों के संचालन के लिए किसानों ने की विकास भवन परिसर में बैठक.
उरई मुख्यालय के विकास भवन में किसानों के साथ सिंचाई बंधु अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लंबरदार ने कहा कि बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली के चलते जनता और किसान दोनों परेशान हैं. अन्ना मवेशी अभी भी सड़कों पर घूम रहे हैं, इस कारण किसानों को फसलों में नुकसान उठाना पड़ रहा है. गौशालाओं का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसका क्रियान्वयन सही से नहीं हो पाता.

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इसके अलावा सीडीओ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में किसानों ने रबी की फसलों को देखते हुए खेतों में बुवाई का समय आ गया है, जिसके लिए नहरों का संचालन जरूरी हो गया है. वहीं 13 अक्टूबर से नेहरू के लिए पानी छोड़ दिया जाएगा और 15 दिन के अंदर नहरों के माध्यम से जिले में अट्ठारह सौ किलोमीटर के लगभग नहरों के जाल में पानी पहुंच जाएगा, जिससे किसानों को रबी की फसल के लिए पानी उपलब्ध रहेगा.

Intro:उरई के विकास भवन परिसर में सिंचाई बंधु की बैठक में किसानों ने नेहरो के संचालन के लिए बात रखी तो वही निशाने पर बिजली विभाग के अधिकारी रहे बैठक में किसानों ने जहां सिंचाई और अन्ना मवेशियों का मुद्दा उठाया तो साथ ही बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली पर भी सवाल उठाए इन समस्याओं को देखते हुए सीडीओ ने अधिकारियों को निस्तारण करने के जल्द आदेश दिए


Body:उरई मुख्यालय के विकास भवन में किसानों के साथ सिंचाई बंधु अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लंबरदार ने कहा कि बिजली विभाग की ढीली कार्यशैली के चलते जनता और किसान दोनों परेशान हैं अन्ना मवेशी अभी भी सड़कों पर घूम रहे हैं इस कारण किसानों को फसलों में नुकसान उठाना पड़ रहा है गौशालाओं का निर्माण तो कराया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसका क्रियान्वयन सही से नहीं हो पाता इसके अलावा सीडीओ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में किसानों ने रबी की फसलों को देखते हुए खेतों में बुवाई का समय आ गया है जिसके लिए नहरों का संचालन जरूरी हो गया है और 13 अक्टूबर से नेहरू के लिए पानी छोड़ दिया जाएगा और 15 दिन के अंदर नहरों के माध्यम से जिले में अट्ठारह सौ किलोमीटर के लगभग नेहरों के जाल में पानी पहुंच जाएगा जिससे किसानों को रबी की फ़सल के लिए पानी उपलब्ध रहेगा

बाइट प्रशांत कुमार श्रीवास्तव सीडीओ


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