जालौन: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना काल में सरकार द्वारा बच्चों के पढ़ने के लिए भेजी गईं सरकारी किताबें रद्दी के ढेर में देखी गईं. इस घटना ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है. किताबों के रद्दी के ढेर में मिलने की जानकारी जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव को हुई तो उन्होंने आनन-फानन जांच के आदेश देते हुए इस लापरवाही में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
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पूरा मामला उरई मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर कदौरा विकासखंड के बबीना ब्लाॅक का है. जहां बेसिक शिक्षा विभाग का समन्वय कार्यालय बनाया गया है. यहां शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के साथ बच्चों को मुफ्त बांटी जाने वाली किताबें भी रखी जातीं हैं. यहीं से कदौरा ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में किताबों का आवंटन किया जाता है. लेकिन इस कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की घोर लापरवाही के चलते ये किताबें खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं.
दरअसल, किताबों को सरकार ने स्कूलों में बच्चों को बांटने के लिए भेजा था. लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच लाॅकडाउन के चलते इन्हें बीआरसी कार्यालय में रखवा दिया गया. लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की लापरवाही के कारण अब ये रद्दी के ढेर में पड़ी मिलीं हैं.
वहीं, इस मामले की जानकारी जब उरई मुख्यालय में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव को दी गई तो उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही. कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.