जालौन: कोविड-19 महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है, लेकिन लॉकडाउन होने के 38 दिन बाद भी गैर प्रांतों में फंसे मजदूरों का चोरी-छिपे वापसी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिस कारण शुक्रवार की रात कालपी के यमुना पुल पर एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर इकठ्ठा हो गए.
जालौन में प्रवासी मजदूर क्वारंटाइन
भारी संख्या में प्रवासी मजदूर देखकर जिला प्रशासन के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने सभी मजदूरों से सहयोग के लिए अपील की. हालांकि समझाने के बाद जिले के कदौरा, कालपी, जालौन, माधोगढ़ और उरई में बने क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों को ठहराकर स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया शुरू करवा दी गई.
एसडीएम कौशल किशोर ने बताया कि यह सभी मजदूर महाराष्ट्र के नागपुर, पुणे, मुंबई और नासिक जिलों में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन का लंबा वक्त बीत जाने के बाद यह सभी लोग बिहार, सिद्धार्थनगर, बस्ती और गोरखपुर जा रहे थे.