हाथरस: जिले के ऐतिहासिक किला क्षेत्र में एक पखवाड़े से अधिक समय तक चलने वाले ब्रज क्षेत्र के लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज में कुश्ती-दंगल का आयोजन होता है. इस मेले में बिना टिकट छह दिन तक दंगल होता है, जिसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान दांवपेच दिखाते हैं. यहां कुश्ती-दंगल में भाग लेने वाले पहलवान भी मानते हैं कि उन्हें यहां सीखने को बहुत कुछ मिलता है.
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कुश्ती-दंगल का आयोजन
- दाऊजी के मेले में देव छठ के दिन से कुश्ती दंगल की शुरुआत हो जाती है.
- स्थानीय और दूरदराज के अलावा नामी गिरामी पहलवान भी अपने दांवपेच दिखाते हैं.
- इस दंगल को देखने दूरदराज से भी लोग आते हैं.
- यहां दंगल बिना टिकट के मुफ्त में लोगों को देखने को मिलता है.
- शुरुआत में इस दंगल को देखने के लिए टिकट लगा करती थी.
- लंबे अरसे से अब यह दंगल लोगों को मुफ्त में देखने को मिलता है.
दंगल के संयोजक कप्तान सिंह ठेनुआ ने बताया इस मेले के दंगल का विशेष महत्व है. यह दंगल 108 साल पुराना है. अपने देश की इस मल विद्या का जागरण करना और बच्चे और पहलवानों को का उत्साहवर्धन करना मुख्य उद्देश्य है. यह दंगल करीब सौ वर्ष पहले टिकट से हुआ करता था, लेकिन उसके बाद अब यह निःशुल्क कराया जाता है. इसे देखने के लिए किसी से कोई टिकट या पैसा नहीं लिया जाता है. इसका पुराना इतिहास है कि दाऊ बाबा मल विद्या में निपुण थे. इसलिए उनके जन्मदिन पर यह खेल चुना जाता है.
यहां कुश्ती लड़ने से फायदा होता है. जब कुश्ती लड़ते हैं, तो सीखने को मिलता है और आगे के लिए भी रास्ता खुल जाता है.
- दिनेश, प्रतिभागी पहलवान