ETV Bharat / state

कम दामों पर गेहूं की कटाई कर रहे है मजदूर

यूपी के हाथरस में लॉकडाउन के कारण गेहूं की फसल की कटाई कम दामों पर मजदूरी कर रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि कम मजदूरी पर गेहूं काटना परिवार की मजबूरी है.

etv bharat
कम दामों पर कर रहे मजदूरी
author img

By

Published : Apr 19, 2020, 9:26 AM IST

हाथरस: जिले में गेहूं की फसल की कटाई लॉकडाउन के दौरान कम मजदूरी पर हो रही है. गांव से शहर आकर फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर घर बैठे हैं. ऐसे में कम मजदूरी पर भी गेहूं काटना उनकी और उनके परिवार की मजबूरी बन गया है. इस बार ऐसे लोग भी गेहूं कटाई करने में लगे हैं, जिन्होंने पहले कभी फसल की कटाई नहीं की थी.

कम दामों पर गेहूं की कटाई कर रहे मजदूर

कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के बीच रबी की मुख्य फसलों में शामिल गेहूं की कटाई का काम खेतों में इन दिनों जोरों पर है. 15 अप्रैल से कृषि उत्पादन मंडिया खुल गई है. किसान मुख्य फसल को निकालने में लगे हुए हैं, लेकिन गेहूं की कटाई में लगे मजदूरों को ना तो पहले जैसा काम मिल रहा है और ना हीं पहले जैसे दाम. लॉकडाउन की वजह से वह मजदूर और उनके परिवार भी गेहूं काट रहे हैं जो पहले शहर की फैक्ट्री में मजदूरी किया करते थे. अपना और बच्चों का पेट पालना उनकी मजबूरी है. अबकी बार इस फसल को काटने में उन्हें पहले से कम मजदूरी मिल रही है.

गेहूं की कटाई नहीं करने वाले कर रहे आज कटाई

गेहूं की कटाई कर रहे मजदूरों ने बताया कि पहले जब शहर में काम होता था तब उन्हें गेहूं की कटाई पर प्रति बीघा 40 से 45 किलो गेहूं की मजदूरी मिलती थी, जो इस बार घटकर 25 से 30 किलो के हिसाब से मिल रही है. उनकी जरूरत उनसे कम मजदूरी पर यह सब करा रही है. इस बार वह महिलाएं भी गेहूं काट रही हैं जिन्होंने पहले कभी यह काम नहीं किया. खेत की कटाई में किसान समझदारी से काम लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे हुए हैं.

हाथरस: जिले में गेहूं की फसल की कटाई लॉकडाउन के दौरान कम मजदूरी पर हो रही है. गांव से शहर आकर फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर घर बैठे हैं. ऐसे में कम मजदूरी पर भी गेहूं काटना उनकी और उनके परिवार की मजबूरी बन गया है. इस बार ऐसे लोग भी गेहूं कटाई करने में लगे हैं, जिन्होंने पहले कभी फसल की कटाई नहीं की थी.

कम दामों पर गेहूं की कटाई कर रहे मजदूर

कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के बीच रबी की मुख्य फसलों में शामिल गेहूं की कटाई का काम खेतों में इन दिनों जोरों पर है. 15 अप्रैल से कृषि उत्पादन मंडिया खुल गई है. किसान मुख्य फसल को निकालने में लगे हुए हैं, लेकिन गेहूं की कटाई में लगे मजदूरों को ना तो पहले जैसा काम मिल रहा है और ना हीं पहले जैसे दाम. लॉकडाउन की वजह से वह मजदूर और उनके परिवार भी गेहूं काट रहे हैं जो पहले शहर की फैक्ट्री में मजदूरी किया करते थे. अपना और बच्चों का पेट पालना उनकी मजबूरी है. अबकी बार इस फसल को काटने में उन्हें पहले से कम मजदूरी मिल रही है.

गेहूं की कटाई नहीं करने वाले कर रहे आज कटाई

गेहूं की कटाई कर रहे मजदूरों ने बताया कि पहले जब शहर में काम होता था तब उन्हें गेहूं की कटाई पर प्रति बीघा 40 से 45 किलो गेहूं की मजदूरी मिलती थी, जो इस बार घटकर 25 से 30 किलो के हिसाब से मिल रही है. उनकी जरूरत उनसे कम मजदूरी पर यह सब करा रही है. इस बार वह महिलाएं भी गेहूं काट रही हैं जिन्होंने पहले कभी यह काम नहीं किया. खेत की कटाई में किसान समझदारी से काम लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.