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खारे पानी का ऐसा कहर...कि मिट्टी तक हो गई जहर - खारे हो गए हाथरस के खेत और ढाई लाख लोगों का जीवन

यूपी के हाथरस में 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इस दौरान ग्रामीणों ने खारे पानी की समस्या को लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

खारे हो गए हाथरस के खेत और ढाई लाख लोगों का जीवन
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Published : Nov 9, 2019, 11:01 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 5:07 PM IST

हाथरस: जिले के 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान ग्रामीणों ने खारे पानी की समस्या को लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

खारे हो गए हाथरस के खेत और ढाई लाख लोगों का जीवन.


खारे पानी से जूझ रहे 150 गांव
1997 में हाथरस को जिला घोषित किया गया, जिसके बाद लोगों की मूलभूत समस्याएं प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी की, लेकिन हाथरस में खारे पानी की मुख्य समस्या विकराल रूप लिए हुए है. हाथरस के 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार खारे पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए गए हैं. लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ. प्रशासनिक अधिकारी बजट का अभाव बताकर लोगों को टहला रहे हैं, जिसकी वजह से सालों से यह समस्या लोगों के जीवन पर बहुत असर डाल रही है.

खारे पानी ने खेत भी कर दिए खराब
हाथरस में काफी समय से खारे पानी की समस्या लोगों के लिए जीवन का संकट बनती जा रही है. जी हां हाथरस के लगभग 61 ग्राम पंचायतों में खारे पानी की समस्या विकराल रूप लिए हुए है. इस खारे पानी की समस्या से हाथरस के 150 गांव पीड़ित हैं. यही नहीं खारे पानी की समस्या से लोगों की फसल पर भी भारी नुकसान हो रहा है. फसलों में खारा पानी लगने से खेतों की मिट्टी भी बेकार होती जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं.

दूर के गांव से लाते हैं मीठा पानी
हाथरस के विकासखंड हसायन, सादाबाद, सिकंदराराऊ, मुरसान आदि जगहों पर खारे पानी की समस्या मूल रूप से है. वहीं विकासखंड हसायन में ज्यादातर ग्राम पंचायत हैं जो खारे पानी की शिकार हैं. लोग पीने का पानी लेने के लिए 5 से 8 किलोमीटर दूसरे गांवों में जाते हैं. इससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ स्कूली बच्चे सुबह-सुबह स्कूल जाने से पहले पानी लेने जाते हैं. लंबी कतारों में खड़े रहकर पानी भरने का इंतजार करते हैं, जिसके कारण वह लेट हो जाते हैं और उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है.

यहां अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते हैं लोग
ग्राम पंचायतों में कुछ लोगों का कहना है कि अब लोग युवकों की शादी करने से भी कतरा रहे हैं . विकासखंड हसायन के गांव नगला माया और महासिंहपुर में लोग अपनी बेटियों की शादी करने से कतरा रहे हैं. लोगों का कहना है के ऐसे गांव में अगर हमारी बेटी की शादी होगी तो उसको भी पानी भरने के लिए गांव से दूर जाना पड़ेगा. ऐसे में यहां के ज्यादातर ग्रामीण युवक अविवाहित ही है.

खारे पानी की समस्या के लिए कई सालों से कर रहा आंदोलन
विकासखंड हसायन के गांव नगला माया के रहने वाले चंद्रपाल सिंह ने पिछले दिनों खारे पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए आंदोलन किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री तक पत्र भेजें. वहीं शासन-प्रशासन द्वारा सालों बीत जाने के बाद कोई कार्यवाही न होने पर चंद्रपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने की गुहार तक लगा दी. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने युवक को नजर बंद कर दिया. अभी तक खारे पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाया गया है. जिसकी वजह से हाथरस की मूलभूत खारे पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: स्कूली बच्चों ने स्पेशल तरीके से वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ मनाई दिवाली

जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने जानकारी देते हुए बताया
हाथरस जिले में लगभग 61 ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां खारे पानी की समस्या है.सबसे ज्यादा हसायन ब्लॉक में खारे पानी की समस्या है .इस ग्राम पंचायत के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेज दिया गया है ..लेकिन अभी उसकी धनराशि हमें नहीं मिल पाई है. जब शासन से पैसा स्वीकृत होगा तो लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराया जाएगा.

हाथरस: जिले के 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान ग्रामीणों ने खारे पानी की समस्या को लेकर कई बार आंदोलन भी किया, लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ.

खारे हो गए हाथरस के खेत और ढाई लाख लोगों का जीवन.


खारे पानी से जूझ रहे 150 गांव
1997 में हाथरस को जिला घोषित किया गया, जिसके बाद लोगों की मूलभूत समस्याएं प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी की, लेकिन हाथरस में खारे पानी की मुख्य समस्या विकराल रूप लिए हुए है. हाथरस के 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार खारे पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए गए हैं. लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ. प्रशासनिक अधिकारी बजट का अभाव बताकर लोगों को टहला रहे हैं, जिसकी वजह से सालों से यह समस्या लोगों के जीवन पर बहुत असर डाल रही है.

खारे पानी ने खेत भी कर दिए खराब
हाथरस में काफी समय से खारे पानी की समस्या लोगों के लिए जीवन का संकट बनती जा रही है. जी हां हाथरस के लगभग 61 ग्राम पंचायतों में खारे पानी की समस्या विकराल रूप लिए हुए है. इस खारे पानी की समस्या से हाथरस के 150 गांव पीड़ित हैं. यही नहीं खारे पानी की समस्या से लोगों की फसल पर भी भारी नुकसान हो रहा है. फसलों में खारा पानी लगने से खेतों की मिट्टी भी बेकार होती जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं.

दूर के गांव से लाते हैं मीठा पानी
हाथरस के विकासखंड हसायन, सादाबाद, सिकंदराराऊ, मुरसान आदि जगहों पर खारे पानी की समस्या मूल रूप से है. वहीं विकासखंड हसायन में ज्यादातर ग्राम पंचायत हैं जो खारे पानी की शिकार हैं. लोग पीने का पानी लेने के लिए 5 से 8 किलोमीटर दूसरे गांवों में जाते हैं. इससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ स्कूली बच्चे सुबह-सुबह स्कूल जाने से पहले पानी लेने जाते हैं. लंबी कतारों में खड़े रहकर पानी भरने का इंतजार करते हैं, जिसके कारण वह लेट हो जाते हैं और उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है.

यहां अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते हैं लोग
ग्राम पंचायतों में कुछ लोगों का कहना है कि अब लोग युवकों की शादी करने से भी कतरा रहे हैं . विकासखंड हसायन के गांव नगला माया और महासिंहपुर में लोग अपनी बेटियों की शादी करने से कतरा रहे हैं. लोगों का कहना है के ऐसे गांव में अगर हमारी बेटी की शादी होगी तो उसको भी पानी भरने के लिए गांव से दूर जाना पड़ेगा. ऐसे में यहां के ज्यादातर ग्रामीण युवक अविवाहित ही है.

खारे पानी की समस्या के लिए कई सालों से कर रहा आंदोलन
विकासखंड हसायन के गांव नगला माया के रहने वाले चंद्रपाल सिंह ने पिछले दिनों खारे पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए आंदोलन किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री तक पत्र भेजें. वहीं शासन-प्रशासन द्वारा सालों बीत जाने के बाद कोई कार्यवाही न होने पर चंद्रपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने की गुहार तक लगा दी. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने युवक को नजर बंद कर दिया. अभी तक खारे पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाया गया है. जिसकी वजह से हाथरस की मूलभूत खारे पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है.

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जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने जानकारी देते हुए बताया
हाथरस जिले में लगभग 61 ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां खारे पानी की समस्या है.सबसे ज्यादा हसायन ब्लॉक में खारे पानी की समस्या है .इस ग्राम पंचायत के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेज दिया गया है ..लेकिन अभी उसकी धनराशि हमें नहीं मिल पाई है. जब शासन से पैसा स्वीकृत होगा तो लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराया जाएगा.

Intro:up_hat_01_150_villages_of_hathras_are_suffering_from_salt_water_problem_pgk_7205410


एंकर- 1997 में हाथरस को जिला घोषित किया गया जिसके बाद लोगों की मूलभूत समस्याएं प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी की लेकिन हाथरस में खारे पानी की मुख्य समस्या विकराल रूप लिए हुए हैं हाथरस के 61 ग्राम पंचायतों मैं खारे पानी की समस्या से ग्रामीण परेशान है कई बार खारे पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किए गए हैं लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं हुआ और हाथरस में खारे पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव इस समय खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी बजट का अभाव बताकर लोगों को टहला रहे हैं और सालों से यह समस्या लोगों के जीवन पर बहुत असर डाल रही है।


Body:वीओ- आपको बता दें की हाथरस में काफी समय से खारे पानी की समस्या लोगों के लिए जीवन का संकट बनती जा रही है जी हां हाथरस के लगभग 61 ग्राम पंचायतों में खारे पानी की समस्या विकराल रूप लिए हुए हैं इस कार्य पानी की समस्या से हाथरस के 150 गांव पीड़ित हैं यही नहीं खारे पानी की समस्या से लोगों की फसल पर भी भारी नुकसान हो रहा है फसलों में खारा पानी लगने से फसलों की उत्पादन में कमी आ रही है वही खारे पानी से खेतों की मिट्टी भी बेकार होती जा रही है जिससे ग्रामीण वह किसान दोनों ही परेशान हैं हाथरस के विकासखंड हसायन , विकासखंड सादाबाद ,विकासखंड हाथरस, विकासखंड सिकंदराराऊ ,विकासखंड मुरसान आदि जगहों पर खारे पानी की समस्या मूल रूप से है वही विकासखंड हसायन में ज्यादातर ग्राम पंचायत है खारे पानी की शिकार हैं और लोग पीने का पानी लेने के लिए 5 से लेकर 8 किलोमीटर तक पानी भरने के लिए दूसरे गांव में जाते हैं जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है एक तरफ स्कूली बच्चे सुबह-सुबह ही स्कूल जाने से पहले पानी लेने के लिए जाते हैं और लंबी कतारों में खड़े रहकर पानी भरने का इंतजार करते हैं जिसके कारण वह लेट हो जाते हैं और उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है वही ऐसी ग्राम पंचायतों में कुछ लोगों का कहना है कि अब लोग युवकों की शादी करने से भी कतरा रहे हैं आपको बता दें कि विकासखंड हसायन के गांव नगला माया व महा सिंहपुर मैं लोग अपनी बेटियों की शादी करने से कतरा रहे हैं लोगों का कहना है के ऐसे गांव में अगर हमारी बेटी की शादी होगी तो उसको भी पानी भरने के लिए गांव से दूर जाना पड़ेगा ऐसे में यहां के ग्रामीण युवक ज्यादातर अविवाहित ही है वही इस खारे पानी की समस्या को लेकर लोगों ने प्रशासन व शासन आदि को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ और खारे पानी की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है ग्राम पंचायत महा सिंहपुर के 5 गांव के ग्रामीणों ने खारे पानी की समस्या के लिए कई सालों से आंदोलन किया है और आंदोलन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें आश्वासन देकर शांत करा दिया जाता है प्रशासन का कहना है के इस ग्राम पंचायत के लिए लगभग 200 करोड रुपए का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेज दिया गया है शासन से पैसा स्वीकृत होगा तो लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

वही विकासखंड हसायन के गांव नगला माया के रहने वाले चंद्रपाल सिंह ने पिछले दिनों खारे पानी की समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए आंदोलन किया और प्रधानमंत्री तक पत्र भेजें , शासन व प्रशासन द्वारा सालों बीत जाने के बाद कोई कार्यवाही ना होने पर चंद्रपाल ने अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार तक लगा दी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त युवक को नजर बंद कर दिया लेकिन खारे पानी की समस्या से अभी तक निजात नहीं दिलाया गया है और हाथरस की मूलभूत खारे पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

जब इस मामले में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार से बात की गई तो उनका कहना है हाथरस जिले में लगभग 61 ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां खारे पानी की समस्या है सबसे ज्यादा हसायन ब्लॉक में खारे पानी की समस्या है इसके लिए हमने लगभग 200 करोड रुपए का पेयजल परियोजना का प्रस्ताव बना कर शासन के लिए भेजा भी था लेकिन अभी उसकी धनराशि हमें नहीं मिल पाई है।


बाइट -1-चंद्रपाल सिंह- ग्रामीण युवक नगला मैया विकासखंड हसायन हाथरस।

बाइट-2- संदीप सिंह -ग्रामीण छात्र नगला महा सिंहपुर।

बाइट-3- मथुरा प्रसाद- ग्रामीण बुजुर्ग -ग्राम पंचायत मोहब्बत पुरा।

बाइट-4- प्रवीण कुमार लक्षकार -जिलाधिकारी हाथरस।



Conclusion:1997 में हाथरस को जिला घोषित किया गया लेकिन जिले की सबसे बड़ी समस्या खारे पानी की समस्या से अभी तक शासन व प्रशासन लोगों को निजात दिलाने में नाकाम रहा है जिले की 61 ग्राम पंचायतों के 150 गांव में ग्रामीण खारे पानी की समस्या से पीड़ित हैं।
Last Updated : Nov 13, 2019, 5:07 PM IST
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