हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत हो गई. पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. चंदपा थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती के साथ 14 सितंबर को गैंगरेप की वारदात को अंजाम देकर बर्बरता की गई थी. युवती की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने लोगों के गांव जाने पर रोक लगा दी है.
तमाम संगठनों के लोग गांव जाकर पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाना चाहते थे. मंगलवार की शाम वाल्मीकि समाज के लोग भी गांव जा रहे थे, उन्हें गांव से कुछ दूर पहले एनएच-93 पर रोक लिया गया, जिससे गुस्साए लोगों ने वहां प्रदर्शन किया और दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग भी की.
दरअसल, जिले की चंदपा कोतवाली इलाके स्थित एक गांव में एक 20 साल की दलित युवती के साथ 14 सितंबर को दरिंदगी का शिकार हुई थी. उसे बागला जिला अस्पताल से अलीगढ़ जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था. सोमवार को उसे मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल बेहतर इलाज के लिए भेजा गया था, लेकिन अगले ही दिन मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई.
पीड़िता की मौत के बाद धरना प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया. तमाम संगठनों के लोग मृतका के गांव जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया. मंगलवार की शाम जब वाल्मीकि समाज के लोग गांव जाना चाह रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोक दिया. रोके जाने पर उन्होंने वहां प्रदर्शन किया. पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं बेटी को न्याय दिलाने की की मांग करते हुए दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की.
वाल्मीकि सुधार समिति के अध्यक्ष ध्यान सिंह बेधड़क ने बताया कि वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ दुर्व्यवहार हुआ. उसके साथ जघन्य अपराध हुआ. ऐसे में अपराधियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा जब तक अपराधियों को फांसी की सजा नहीं होती. तब तक वाल्मीकि कौम शांति से नहीं बैठेगी, इससे भी उग्र प्रदर्शन होगा.