हाथरस: यूपी के हाथरस जिले की चंदपा कोतवाली क्षेत्र में एक युवती के साथ दरिंदगी के मामले में टीएमसी का दल शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा. तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने जब बैरिकेडिंग से आगे निकलकर गांव जाने की जिद की तो प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान वहां मौजूद अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की. प्रतिनिधिमंडल में शामिल टीएमसी नेता ममता ठाकुर ने पीछे से ब्लाउज पकड़कर खींचने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने बताया कि उनकी पीठ पर नाखून के निशान मौजूद हैं. गरीब की बेटी देश की बेटी है, लेकिन हमें उसके परिवार से मिलने नहीं दिया गया.
आपको बता दें कि चंदपा कोतवाली क्षेत्र में 19 साल की लड़की से दरिंदगी हुई थी, पीड़िता के की पिछले दिनों से इलाज के दौरान दिल्ली में मौत हो गई थी. उसकी मौत के बाद यहां सियासत शुरू हो गई. अब तमाम दलों के नेता पीड़िता के गांव आ रहे हैं. टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी नेता ममता ठाकुर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, डेरेक ओब्रायन शामिल हैं. टीएमसी संसद काकोली घोष ने कहा कि वह पीड़ित परिवार से बातचीत करने के लिए आई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार दलित विरोधी और नारी विरोधी है. वहीं राज्यसभा की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने आरोप लगाया कि जब वे लोग गांव जाने का प्रशासन से अनुरोध कर रहे थे, तब इन लोगों ने उनके ब्लाउज पकड़कर खींचे.
टीएमसी डेलीगेशम के साथ हुई धक्का-मुक्की पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि किसी के साथ कोई बदसलूकी नहीं की जा रही है. लोगों से विनम्र निवेदन किया जा रहा है कि एसआईटी अंदर जांच कर रही है. जांच प्रभावित न हो इसलिए किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है.