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हाथरस: 6 बसों के माध्यम से बिहार रवाना किए गए तीन सौ मजदूर - प्रवासी मजदूर ताजा खबर

हाथरस जिले में बुधवार की शाम 6 बसों के माध्यम से बिहार के प्रवासी मजदूरों को रवाना किया गया. इस दौरान बसों के माध्यम से 300 मजदूरों को रवाना किया गया.

बसों से गृह जनपद रवाना किए गए प्रवासी मजदूर
बसों से गृह जनपद रवाना किए गए प्रवासी मजदूर
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Published : May 14, 2020, 1:34 PM IST

हाथरस: जिले में रह रहे बिहार राज्य के लोगों को उनके गृह जनपद छोड़ने के लिए बुधवार की शाम 6 बसें रवाना कर दी गई. इन बसों में बिहार के अलग-अलग जिलों व शहरों में रहने वाले करीब 300 लोग रवाना हुए हैं.

कोविड-19 महामारी के संक्रमण के चलते देश व प्रदेश की सरकार अपने-अपने राज्यों और जिले में लोगों को भेजने का और उन्हें बुलाने का काम कर रही हैं. इसी के चलते जिले में भी दूसरे राज्यों व जिलों से लोगों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. बुधवार को बिहार पहुंचाने के लिए छह बसें रवाना की गई हैं. अपने शहरों को लौटने वाले यह लोग खुश हैं.

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6 बसों से रवाना होते प्रवासी मजदूर
समस्तीपुर बिहार के रहने वाले अरविंद महतो ने बताया कि सुविधा मिली है, बस से जा रहे हैं. यह बस घर तक छोड़ेगी. यहां काम धंधा तो रहा नहीं. दिक्कत तो थी ही. वहीं एक अन्य शख्स मनीष कुमार ने बताया वह परिवार से मिलने के लिए जा रहा है. यहां खाने पीने को तो मिल रहा था लेकिन काम धंधा नहीं है तो क्या करें. लॉकडाउन खुल जाएगा तो फिर से आएंगे. गांव में कहां कोई काम मिलता है.

हाथरस: जिले में रह रहे बिहार राज्य के लोगों को उनके गृह जनपद छोड़ने के लिए बुधवार की शाम 6 बसें रवाना कर दी गई. इन बसों में बिहार के अलग-अलग जिलों व शहरों में रहने वाले करीब 300 लोग रवाना हुए हैं.

कोविड-19 महामारी के संक्रमण के चलते देश व प्रदेश की सरकार अपने-अपने राज्यों और जिले में लोगों को भेजने का और उन्हें बुलाने का काम कर रही हैं. इसी के चलते जिले में भी दूसरे राज्यों व जिलों से लोगों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. बुधवार को बिहार पहुंचाने के लिए छह बसें रवाना की गई हैं. अपने शहरों को लौटने वाले यह लोग खुश हैं.

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6 बसों से रवाना होते प्रवासी मजदूर
समस्तीपुर बिहार के रहने वाले अरविंद महतो ने बताया कि सुविधा मिली है, बस से जा रहे हैं. यह बस घर तक छोड़ेगी. यहां काम धंधा तो रहा नहीं. दिक्कत तो थी ही. वहीं एक अन्य शख्स मनीष कुमार ने बताया वह परिवार से मिलने के लिए जा रहा है. यहां खाने पीने को तो मिल रहा था लेकिन काम धंधा नहीं है तो क्या करें. लॉकडाउन खुल जाएगा तो फिर से आएंगे. गांव में कहां कोई काम मिलता है.
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