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हाथरस: पटाखे जलाते समय तीन बच्चे झुलसे, अस्पताल में भर्ती - हाथरस जिला अस्पताल

यूपी के हाथरस के गांव कोटा में पटाखा फैक्ट्री के गोदाम से फेंके गए बेकार पटाखे जलाते समय तीन बच्चे झुलस गए. दो बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज हुआ.

तीन बच्चे झुलसे.
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Published : Sep 24, 2019, 8:14 PM IST

हाथरस: जिले के मुरसान कोतवाली इलाके में पटाखा फैक्ट्री के गोदाम से फेंके गए बेकार पटाखे जलाते समय तीन बच्चे झुलस गए. झुलसे गये दो बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज किया, जबकि एक बच्ची का गांव में ही इलाज करा दिया गया.

तीन बच्चे झुलसे.

जानें पूरा मामला-

  • मामला मुरसान कोतवाली इलाके के गांव कोटा का है.
  • गांव कोटा के बाहर एक पटाखा फैक्ट्री और उसका गोदाम है.
  • दिवाली नजदीक होने पर गोदाम से बेकार पटाखों को बाहर फेंक दिया गया था.
  • उन पटाखों को बच्चे उठाकर ले आये थे.
  • बच्चे जब उन पटाखों को जला रहे थे, तभी वे झुलस गए.

गांव कोटा के ओमवीर के तीन बच्चे 11 साल का टिंकू ,10 साल की चंचल और 8 साल का राधे पटाखे जलाते समय झुलस गया. टिंकू और राधे को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज हुआ.

8 और 10 साल के बच्चे आये हैं. बर्न केस है. बच्चों के चेहरे झुलस गये हैं.
-डॉ. अनिल मोर्या, चिकित्सक, जिला अस्पताल

पढ़ें:- आगरा: पुलिस ने बंद आंगनबाड़ी केंद्र से जब्त किया आतिशबाजी का जखीरा

हाथरस: जिले के मुरसान कोतवाली इलाके में पटाखा फैक्ट्री के गोदाम से फेंके गए बेकार पटाखे जलाते समय तीन बच्चे झुलस गए. झुलसे गये दो बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज किया, जबकि एक बच्ची का गांव में ही इलाज करा दिया गया.

तीन बच्चे झुलसे.

जानें पूरा मामला-

  • मामला मुरसान कोतवाली इलाके के गांव कोटा का है.
  • गांव कोटा के बाहर एक पटाखा फैक्ट्री और उसका गोदाम है.
  • दिवाली नजदीक होने पर गोदाम से बेकार पटाखों को बाहर फेंक दिया गया था.
  • उन पटाखों को बच्चे उठाकर ले आये थे.
  • बच्चे जब उन पटाखों को जला रहे थे, तभी वे झुलस गए.

गांव कोटा के ओमवीर के तीन बच्चे 11 साल का टिंकू ,10 साल की चंचल और 8 साल का राधे पटाखे जलाते समय झुलस गया. टिंकू और राधे को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज हुआ.

8 और 10 साल के बच्चे आये हैं. बर्न केस है. बच्चों के चेहरे झुलस गये हैं.
-डॉ. अनिल मोर्या, चिकित्सक, जिला अस्पताल

पढ़ें:- आगरा: पुलिस ने बंद आंगनबाड़ी केंद्र से जब्त किया आतिशबाजी का जखीरा

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एंकर- हाथरस में मुरसान कोतवाली इलाके के गांव कोटा में पटाखा फैक्ट्री के गोदाम से फेंके गए बेकार पटाखे चलाते समय तीन बच्चे झुलस गए। झुलसे गए दो बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। जबकि एक बच्ची का गांव में ही इलाज करा दिया गया। तीनों बच्चे आपस में भाई बहन है।


Body:वीओ1- गांव कोटा के बाहर एक पटाखा फैक्टरी और उसका गोदाम है। बताते हैं दिवाली नजदीक होने पर इसके गोदाम से बेकार खराब हुए पटाखों को बाहर फेंक दिया गया था। जिन्हें बच्चे उठा लाते हैं और चलाते भी हैं ।ऐसा ही मामला सामने आया कुछ बच्चे इस फैक्ट्री के बाहर पड़े पटाखे उठाकर ले गए। जब उन्हें चलाने की कोशिश की तो वे झुलस गए। गांव कोटा के ओमवीर के तीन बच्चे पटाखे चलाते समय झुलसे हैं। जिनमें 11 साल का टिंकू ,10 साल की चंचल और 8 साल का राधे है। टिंकू और राधे को जिला अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज हुआ चंचल का गांव में ही इलाज करा दिया गया है। टिंकू और ओमवीर ने बताया कि बच्चे गाय भैंस चराने जाते हैं तो वह गांव के बाहर स्थित पटाखा फेक्ट्री से बेकार हुए पटाखे जो बाहर फेंक दिए जाते हैं उन्हें उठा लाते हैं। ऐसे ही पटाखों से बच्चे झुलसे हैं। वही जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉ अनिल मौर्या ने बताया कि 8 और 10 साल के बच्चे आये हैं ।बर्न केस है ।बच्चों के चेहरे झुलसे हुए चल रहा है।
बाईट1-टिंकू-झुलसा बच्चा
बाईट2-ओमवीर-बच्चों का पिता
बाईट3-डा. अनिल मोर्या-चिकित्सक जिला अस्पताल


Conclusion:वीओ2- बच्चों द्वारा बीनकर लाए गए पटाखे पुराने और कम शक्ति के थे ।यदि यह पटाखे शक्तिशाली होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
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