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हाथरस: कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन से आवारा जानवर भी परेशान - nationwide lock down due to corona virus

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है. लॉकडाउन से इंसान के साथ-साथ आवारा जानवर भी परेशान हैं. इन जानवरों का पेट होटल, ढाबों, ठेलों से फेंके जाने वाले खाने से भरता था, जो लॉकडाउन के कारण बंद हो गए हैं. इसकी वजह से इन आवारा जानवरों को भोजन नहीं मिल पा रहा है.

आवारा जानवर.
आवारा जानवर.
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Published : Mar 27, 2020, 9:10 PM IST

हाथरस: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन से इंसान ही नहीं जानवर भी परेशान हैं. इंसान ने 21 दिन के लॉकडाउन को गंभीरता से लेते हुए अपनी रोटी का इंतजाम कर लिया है. इससे वह अपना पेट भर सकता है, लेकिन लॉकडाउन में आवारा जानवर बेहद परेशान हैं. इनमें से वे जानवर सबसे ज्यादा परेशान हैं, जिनका पेट पेट होटल, ढाबे और बिरयानी के लगने वाले ठेलों से भरता था.

21 दिनों के लॉकडाउन की जानकारी मिलते ही लोगों ने अपने-अपने घरों में राशन इकट्ठा करना शुरू कर दिया. बाजारों में भी किराने और सब्जी के ठेलों पर भीड़ देखी जा सकती है. संकट के इस दौर में कुछ लोग ऐसे इंसानों को भी रोटी खिला रहे हैं, जिनका घर और कोई ठिकाना नहीं है या फिर वह दूसरे राज्यों के शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं.

कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉक डाउन.

इसे भी पढ़ें- कानपुर देहात: लॉकडाउन में भूखे सो रहे मजदूर, प्रदेश सरकार का दावा फेल

इंसान का वफादार कहे जाने वाले और सड़क किनारे रहने वाले आवारा कुत्तों के लिए भोजन का संकट खड़ा हो गया है. इन आवारा कुत्तों का पेट होटल, ढाबे और बिरयानी के ठेलों से फेंके जाने वाले खाने से भरता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण होटल, ढाबे और बिरयानी के ठेले नहीं लग रहे हैं. ऐसे में आवारा कुत्ते इंसानों की ओर देख रहे हैं कि शायद कोई इन पर रहम कर कुछ खाने को दे जाए.

हाथरस: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन से इंसान ही नहीं जानवर भी परेशान हैं. इंसान ने 21 दिन के लॉकडाउन को गंभीरता से लेते हुए अपनी रोटी का इंतजाम कर लिया है. इससे वह अपना पेट भर सकता है, लेकिन लॉकडाउन में आवारा जानवर बेहद परेशान हैं. इनमें से वे जानवर सबसे ज्यादा परेशान हैं, जिनका पेट पेट होटल, ढाबे और बिरयानी के लगने वाले ठेलों से भरता था.

21 दिनों के लॉकडाउन की जानकारी मिलते ही लोगों ने अपने-अपने घरों में राशन इकट्ठा करना शुरू कर दिया. बाजारों में भी किराने और सब्जी के ठेलों पर भीड़ देखी जा सकती है. संकट के इस दौर में कुछ लोग ऐसे इंसानों को भी रोटी खिला रहे हैं, जिनका घर और कोई ठिकाना नहीं है या फिर वह दूसरे राज्यों के शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं.

कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉक डाउन.

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इंसान का वफादार कहे जाने वाले और सड़क किनारे रहने वाले आवारा कुत्तों के लिए भोजन का संकट खड़ा हो गया है. इन आवारा कुत्तों का पेट होटल, ढाबे और बिरयानी के ठेलों से फेंके जाने वाले खाने से भरता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण होटल, ढाबे और बिरयानी के ठेले नहीं लग रहे हैं. ऐसे में आवारा कुत्ते इंसानों की ओर देख रहे हैं कि शायद कोई इन पर रहम कर कुछ खाने को दे जाए.

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