हाथरस: वरिष्ठ समाज सेविका मेधा पाटकर ने यूपी के हाथरस आकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. उन्होंने हाथरस से लेकर अलीगढ़ और दिल्ली तक डॉक्टरों की जांच पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जो हकीकत है, उसमें कहीं भी कोई विरोधाभास नहीं दिखता है. सरकार ने मामले में कुछ दबाने की कोशिश की है.
हाथरस गैंगरेप केस: वरिष्ठ समाज सेविका मेधा पाटकर ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात
हाथरस गैंगरेप मामले में वरिष्ठ समाज सेविका मेघा पाटेकर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. मेधा पाटेकर ने कहा कि इतने गरीब और दलित परिवार के लोग अपनी बेटी की मौत पर झूठे बयान नहीं दे सकते हैं.
पीड़ित परिवार से मुलाकात करती मेघा पाटेकर
हाथरस: वरिष्ठ समाज सेविका मेधा पाटकर ने यूपी के हाथरस आकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. उन्होंने हाथरस से लेकर अलीगढ़ और दिल्ली तक डॉक्टरों की जांच पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जो हकीकत है, उसमें कहीं भी कोई विरोधाभास नहीं दिखता है. सरकार ने मामले में कुछ दबाने की कोशिश की है.
वरिष्ठ समाज सेविका ने कहा कि इतने गरीब, दलित परिवार के लोग अपनी बेटी की मौत पर झूठे बयान नहीं दे सकते हैं. यह कोई सत्ताधीश और राजनेता नहीं है, जो हकीकत है उसमें कोई भी विरोधाभास नहीं दिखता है. यदि दिखता तो हम और गहराई में उतरकर जांच कर लेते. उन्होंने कहा कि हमें सच्चाई जाननी है. आज तक न तो इनको पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई और न ही शव दिखाया गया. सरकार ने सब कुछ दबाने की कोशिश की. परिवार को शव न देना कितनी बर्बरता है. यदि कुछ गलत नहीं होता, तो वह शव इनके हाथों में सौंप देते.
'संपूर्ण मेडिकल जांच होनी चाहिए थी'
मेधा पाटेकर ने डॉक्टरों की जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पीड़िता जब उपचार के लिए हाथरस में अस्पताल पहुंची तो वहां कुछ भी खास नहीं देखा गया. अलीगढ़ में भी संपूर्ण जांच नहीं की गई. वहां उसका लंबे समय तक इलाज चला. उसके शरीर में कई जगह से खून निकल रहा था. एक डॉक्टर ने बताया था कि उसके प्राइवेट पार्ट में चोट है, जिसकी जांच होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि यदि एक युवा लड़की इस हालत में अस्पताल में आती है तो उसकी संपूर्ण जांच क्यों नहीं की गई.
वरिष्ठ समाज सेविका ने कहा कि इतने गरीब, दलित परिवार के लोग अपनी बेटी की मौत पर झूठे बयान नहीं दे सकते हैं. यह कोई सत्ताधीश और राजनेता नहीं है, जो हकीकत है उसमें कोई भी विरोधाभास नहीं दिखता है. यदि दिखता तो हम और गहराई में उतरकर जांच कर लेते. उन्होंने कहा कि हमें सच्चाई जाननी है. आज तक न तो इनको पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई और न ही शव दिखाया गया. सरकार ने सब कुछ दबाने की कोशिश की. परिवार को शव न देना कितनी बर्बरता है. यदि कुछ गलत नहीं होता, तो वह शव इनके हाथों में सौंप देते.
'संपूर्ण मेडिकल जांच होनी चाहिए थी'
मेधा पाटेकर ने डॉक्टरों की जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पीड़िता जब उपचार के लिए हाथरस में अस्पताल पहुंची तो वहां कुछ भी खास नहीं देखा गया. अलीगढ़ में भी संपूर्ण जांच नहीं की गई. वहां उसका लंबे समय तक इलाज चला. उसके शरीर में कई जगह से खून निकल रहा था. एक डॉक्टर ने बताया था कि उसके प्राइवेट पार्ट में चोट है, जिसकी जांच होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि यदि एक युवा लड़की इस हालत में अस्पताल में आती है तो उसकी संपूर्ण जांच क्यों नहीं की गई.
Last Updated : Oct 9, 2020, 9:31 PM IST