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हाथरस : कांवड़ियों को जलपान कराकर लोग कमा रहे पुण्य

पंडित मनोज दुबे ने बताया कि भोले बाबा वैसे तो प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं, लेकिन जो लोग पैदल चलकर गंगाजल को अपने कंधे पर लेकर आकर उन्हें चढ़ाते हैं, ऐसे लोग सायुज्य मुक्ति को प्राप्त करते हैं.

कांवड़ियों को जलपान करवाते लोग
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Published : Mar 3, 2019, 10:49 PM IST

हाथरस : महाशिवरात्रि के दिन भक्त अपने आराध्य भगवान शंकर को गंगाजल चढ़ाने के लिए पैदल चलकर कंधों पर गंगाजल लाते हैं. सोमवार को महाशिवरात्रि है. रविवार को कछला, सोरों से गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों का आना शुरू हो चुका है.

कांवड़ियों को जलपान करवाकर पुण्य कमा रहे लोग

हाथरस में भी गंगाजल लेकर आने वाले शिव भक्तों की सेवा में जुट गए हैं. यहां लोग कांवड़ियों से जलपान करने का आग्रह कर रहे हैं. पंडितों का मानना है कि गंगा घाट से जल लाकर शिवजी को चढ़ाने वालों को सायुज्य मुक्ति मिलती है.

सोरों, कछला घाट से गंगाजल लेकर आ रहे लोगों ने बताया कि वह राजस्थान, मथुरा और आगरा के हैं. वहीं पंडित मनोज दुबे ने बताया कि भोले बाबा वैसे तो प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं, लेकिन जो लोग पैदल चलकर गंगाजल को अपने कंधे पर लेकर आकर उन्हें चढ़ाते हैं, ऐसे लोग सायुज्य मुक्ति को प्राप्त करते हैं.

हाथरस : महाशिवरात्रि के दिन भक्त अपने आराध्य भगवान शंकर को गंगाजल चढ़ाने के लिए पैदल चलकर कंधों पर गंगाजल लाते हैं. सोमवार को महाशिवरात्रि है. रविवार को कछला, सोरों से गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों का आना शुरू हो चुका है.

कांवड़ियों को जलपान करवाकर पुण्य कमा रहे लोग

हाथरस में भी गंगाजल लेकर आने वाले शिव भक्तों की सेवा में जुट गए हैं. यहां लोग कांवड़ियों से जलपान करने का आग्रह कर रहे हैं. पंडितों का मानना है कि गंगा घाट से जल लाकर शिवजी को चढ़ाने वालों को सायुज्य मुक्ति मिलती है.

सोरों, कछला घाट से गंगाजल लेकर आ रहे लोगों ने बताया कि वह राजस्थान, मथुरा और आगरा के हैं. वहीं पंडित मनोज दुबे ने बताया कि भोले बाबा वैसे तो प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं, लेकिन जो लोग पैदल चलकर गंगाजल को अपने कंधे पर लेकर आकर उन्हें चढ़ाते हैं, ऐसे लोग सायुज्य मुक्ति को प्राप्त करते हैं.

Intro:Up_Hathras_3March2019_kavar
एंकर- शिवरात्रि के दिन अपने भगवान शंकर जी को गंगाजल चढ़ाने के लिए पैदल चलकर अपने कंधों पर गंगाजल लाते हैं ।सोमवार को शिवरात्रि है, रविवार को कछला,सोरों से गंगाजल लेकर आने वाले कांवरियों का आना शुरू हो चुका है। हाथरस में भी गंगाजल लेकर आने वाले शिव भक्तों की सेवा में लोग जुट गए हैं ।यहां लोग कावरियों से जलपान करने का आग्रह कर रहे हैं।पंडितों के मानना है कि गंगा घाट से जल लाकर शिवजी को चढ़ाने वालो को सायुज्य मुक्ति मिलती है।


Body:वीओ11- सोमवार को शिवरात्रि है, अपने प्रिय भगवान को गंगाजल चढ़ाने के लिए शिव भक्तों का सोरों, कछला आदि गंगा घाटों से गंगाजल लेकर वापस लौटना शुरू हो चुका है। यह शिव भक्त सर्दी धूप और बरसात की परवाह किए बिना बम भोले के जयकारों के साथ अपने गंतव्य को बढ़ते जा रहे हैं ।रास्ते में इन्हें विश्राम देने और जलपान कराने के लिए भी लोगों ने व्यवस्था की है ।जहां लोग इनसे जलपान करने का निवेदन कर रहे हैं।


Conclusion:वीओ1- सोरों ,कछला घाट से गंगाजल लेकर आ रहे लोगों ने बताया कि वह राजस्थान, मथुरा ,आगरा के हैं ।वहीं पंडित मनोज दुबे ने बताया कि सोरों, कछला गंगा तट से गंगाजल लेकर राजस्थान, मथुरा ,आगरा के लोग वापस लौट रहे हैं। उन्होंने बताया है कि भोले बाबा वैसे तो प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन जो लोग पैदल चलकर गंगाजल को अपने कंधे पर लेकर आकर उन्हें चढ़ाते हैं ऐसे लोगों सायुज्य मुक्ति को प्राप्त करते हैं।
बाइट1-श्याम सिंह-राजस्थान के शिवभक्त
बाइट3-मनोज दुबे-विद्वान
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