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हाथरस: छात्राओं ने बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के लिए बनाई रंग बिरंगी राखियां - former secondary school ratangarhi

यूपी के हाथरस में माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने रंग-बिरंगी राखियां बनाई है, जो बॉर्डर पर सैनिकों की कलाई पर बंधेंगी. राखियां बॉर्डर पर भेजने की जिम्मेदारी जिले के सैनिक विभाग ने उठाई है.

छात्रों ने बनाई राखियां, बंधेंगी सैनिकों के हाथ पर-
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Published : Aug 8, 2019, 1:02 PM IST

हाथरस: देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई रक्षाबंधन पर सूनी नहीं रहेगी. जिसके लिए जिले के एक स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से बनाकर इन्हें राखियां भेजी है. खास बात यह रही कि यह राखियां सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंच सकें इसके लिए जिले के सैनिक विभाग के अधिकारी विद्यालय पहुंचे और राखियां सीमा पर भेजने की जिम्मेदारी उठाई. वहीं छात्राओं ने कहा कि जब उनकी बनाई यह राखियां बॉर्डर पर तैनात सैनिकों भाइयों की कलाई पर बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा.

छात्राओं ने बनाई राखियां, बंधेंगी बॉर्डर पर सैनिकों की कलाई पर

छात्राओं ने बनाई राखियां,

  • जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रतनगढ़ी में छात्राओं ने जवानों के लिए तैयार की राखियां
  • विद्यालय के छात्राओं ने रंग-बिरंगी राखियां बनाई.
  • एक साथ ढेर सारी राखियां बनाने के पीछे इन छात्राओं का मकसद है कि उनकी बनाई हुई राखियां बॉर्डर पर देश की रक्षा के लिए तैनात सैनिक भाइयों की कलाई पर बंध सकें.

एक छात्रा अलीशा मलिक ने बताया मैं राखियां बना रही हूं अपने वीर सैनिकों के लिए जो हमारे भाई हैं. वहीं जब सैनिक भाइयों की कलाइयों पर जब उनकी यह राखियां देगी बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा.


स्कूल की टीचर अनुराधा और नीलम सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि जो सैनिक घर नहीं आ पा रहे हैं. उन्हें खुशी मिले और यह एहसास न हम त्योहार नहीं मना पा रहे हैं, इसलिए उन्हें उनके स्कूल की तरफ से छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियां भेजी जा रही है.


यह राखियां वह स्टेशन हेड क्वार्टर भेजेंगे. वहां से यह बॉर्डर पर सैनिकों के पास पहुंचाई जाएंगी.जो रक्षाबंधन के दिन उनके हाथों में बंधी होंगी. उन्होंने कहा कि इससे अधिक गौरव की बात नहीं हो सकती.
विंग कमांडर प्रमोद कुमार, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी

हाथरस: देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई रक्षाबंधन पर सूनी नहीं रहेगी. जिसके लिए जिले के एक स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से बनाकर इन्हें राखियां भेजी है. खास बात यह रही कि यह राखियां सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंच सकें इसके लिए जिले के सैनिक विभाग के अधिकारी विद्यालय पहुंचे और राखियां सीमा पर भेजने की जिम्मेदारी उठाई. वहीं छात्राओं ने कहा कि जब उनकी बनाई यह राखियां बॉर्डर पर तैनात सैनिकों भाइयों की कलाई पर बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा.

छात्राओं ने बनाई राखियां, बंधेंगी बॉर्डर पर सैनिकों की कलाई पर

छात्राओं ने बनाई राखियां,

  • जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रतनगढ़ी में छात्राओं ने जवानों के लिए तैयार की राखियां
  • विद्यालय के छात्राओं ने रंग-बिरंगी राखियां बनाई.
  • एक साथ ढेर सारी राखियां बनाने के पीछे इन छात्राओं का मकसद है कि उनकी बनाई हुई राखियां बॉर्डर पर देश की रक्षा के लिए तैनात सैनिक भाइयों की कलाई पर बंध सकें.

एक छात्रा अलीशा मलिक ने बताया मैं राखियां बना रही हूं अपने वीर सैनिकों के लिए जो हमारे भाई हैं. वहीं जब सैनिक भाइयों की कलाइयों पर जब उनकी यह राखियां देगी बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा.


स्कूल की टीचर अनुराधा और नीलम सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि जो सैनिक घर नहीं आ पा रहे हैं. उन्हें खुशी मिले और यह एहसास न हम त्योहार नहीं मना पा रहे हैं, इसलिए उन्हें उनके स्कूल की तरफ से छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियां भेजी जा रही है.


यह राखियां वह स्टेशन हेड क्वार्टर भेजेंगे. वहां से यह बॉर्डर पर सैनिकों के पास पहुंचाई जाएंगी.जो रक्षाबंधन के दिन उनके हाथों में बंधी होंगी. उन्होंने कहा कि इससे अधिक गौरव की बात नहीं हो सकती.
विंग कमांडर प्रमोद कुमार, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी

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एंकर- देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई रक्षाबंधन पर सुनी नहीं रहेगी ।हाथरस के एक स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से बनाकर इन्हें राखियां भेजी है ।खास बात यह रही कि यह राखियां सीमा पर तैनात जवानों तक पहुंच सकें इसके लिए जिले के सैनिक विभाग के अधिकारी विद्यालय पहुंचे। छात्राओं ने कहा कि जब उनकी बनाई यह राखियां बॉर्डर पर तैनात सैनिकों भाइयों की कलाई पर बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा।


Body:वीओ1- हाथरस के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रतनगढ़ी में बुधवार को छात्राओं ने तमाम तरह की रंग-बिरंगी राखियां बनाई। एक साथ ढेर सारी राखियां बनाने के पीछे इन छात्राओं का मकसद था कि उनकी बनाई हुई यह राखियां बॉर्डर पर देश की रक्षा के लिए तैनात सैनिकों भाइयों की कलाई पर बांध सकें जो कि भाई -बहनों के इस त्योहार पर अपने -अपने घर नहीं पहुंच पाते हैं उन्हें यह त्यौहार सूना न लगे। छात्रा कशिश ने बताया कि हम लोग राखियां अपने उन वीर भाइयों के लिए बना रहे हैं जो सरहद पर डटे रहते हैं और त्यौहार पर अपने घर नहीं आ पाते हैं ।वहीं दूसरी छात्रा फरहा ने बताया कि हम अपने वीर सैनिकों की कलाई के लिए राखी बना रहे हैं जो देश की सीमा पर डटे रहते हैं और कभी भी सर्दी और गर्मी नहीं देखते ।एक छात्रा अलीशा मलिक ने बताया मैं राखियां बना रही हूं अपने वीर सैनिकों के लिए जो हमारे भाई हैं। उसने बताया कि सैनिक भाइयों की कलाइयों पर जब उनकी यह राखियां देगी बंधेंगी तो उन्हें भी गर्व होगा।
स्कूल की टीचर अनुराधा और नीलम सिंह ने बताया कि जो सैनिक घर नहीं आ पा रहे हैं उन्हें खुशी मिले और यह एहसास न हम त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं ।इसलिए उन्हें उनके स्कूल की तरफ से छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियां भेजी जा रही है।

बाईट1-कशिश-छात्रा
बाईट2-फरहा-छात्रा
बाईट3-अलीशा मालिक-छात्रा
बाईट4-अनुराधा-टीचर
बाईट5-नीलम सिंह-टीचर









Conclusion:वीओ2- जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर प्रमोद कुमार ने बताया कि यह राखियां वह स्टेशन हेड क्वार्टर भेजेंगे। वहां से यह बॉर्डर पर सैनिकों के पास पहुंचाई जाएंगी।जो रक्षाबंधन के दिन उनके हाथों में बंधी होंगी। उन्होंने कहा कि इससे अधिक गौरव की बात नहीं हो सकती।
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