हाथरस: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व नगर छात्रा प्रमुख दीक्षा अपने एक रिश्तेदार को दिखाने के लिए महिला जिला अस्पताल पहुंची थी. अस्पताल में सिर्फ एक महिला डॉक्टर होने की वजह से मरीजों की भरमार थी. आरोप है कि जब दीक्षा ने अपने रिश्तेदार को देखने को कहा तो डॉक्टर वंदना पांडेय ने न तो मरीज को देखा और न ही ठीक व्यवहार किया. शिकायत पर अस्पताल के सीएमएस ने व्यवहार ठीक न होने पर डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है.
- दीक्षा ने बताया कि वह अपनी भाभी के साथ अस्पताल आई थीं.
- यहां न तो दवाई दी गई और न ही उनसे ठीक व्यवहार किया गया.
- शिकायत पर सीएमएस डॉ. रूपेंद्र गोयल ने डॉक्टर वंदना पांडेय से स्पष्टीकरण मांगा है.
- सीएमएम ने यह भी कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है.
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डॉ. वंदना पांडेय ने बताया कि इस समय अस्पताल में वह अकेली डॉक्टर हैं. उनके पास आई लड़की अपने मरीजों को देखने पर जोर दे रही थी, जबकि उस समय उनके पास इमरजेंसी केस था जो उस मरीज से ज्यादा जरूरी था. अस्पताल में मौजूद और मरीजों ने बताया कि डॉक्टर ओपीडी के मरीजों को भी देख रही थीं और इमरजेंसी केस आने पर उसे भी अटेंड कर रही थी.