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हाथरस: 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों से प्रशासन वसूलेगा पैसा - लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों से पेंशन की वसूली करेगा हाथरस प्रशासन

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी जिलों में लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच की जा रही है. हाथरस में 54 लोकतंत्र संग्राम सेनानियों का आपराधिक इतिहास पाया गया है. प्रशासन लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों को मिल रही पेंशन की वसूली करेगा.

लोकतंत्र संग्राम सेनानी स्मृति हॉल.
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Published : Jun 25, 2019, 8:24 PM IST

हाथरस: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच प्रशासन कर रहा है. जांच में 54 लोकतंत्र संग्राम सेनानियों को संदिग्ध पाया गया है. ये सभी आपराधिक इतिहास वाले हैं और गलत तरीके से पेंशन के तौर पर सरकार से करोडों रुपये ऐंठ चुके हैं. प्रशासन ने इन सभी 54 सेनानियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनसे वसूली के आदेश दिए हैं.

जानें क्या है मामला

  • देश के लोकतंत्र में काले दिन के तौर पर याद किए जाने वाले आपातकाल को आज 44 साल पूरे हो गए हैं.
  • 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था.
  • इमरजेंसी के समय देश के हित के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की देश के प्रति अहम भूमिका रही है.
  • ऐसे लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों को सरकार उनका जीवन-यापन करने के लिए 20 हजार रुयपे पेंशन के तौर पर दे रही है.
  • हालांकि इन लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों में कुछ आपराधिक इतिहास वाले भी लोग शामिल हैं.
  • इनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुके हैं.
    जानकारी देते अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला.

हाईकोर्ट ने क्या दिए हैं आदेश:

  • ऐसे ही लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट ने दाखिल एक PIL पर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया कि जिलों के अंदर लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच की जाए.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने जिलों के अधिकारियों को लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच के आदेश दिए हैं.
  • हाथरस जिले में जांच कराए जाने पर 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों का आपराधिक इतिहास सामने आया है.
  • यह लोकतंत्र सेनानी सरकार से मिलने वाली 20 हजार रुयपे पेंशन भी ले रहे थे और अब तक करोड़ों रुपये पेंशन के तौर पर ले चुके हैं.
  • प्रशासन जांच में दोषी पाए गए 54 लोकतंत्र संग्राम रक्षक सेनानियों के खिलाफ पेंशन के तौर पर लिए गए रुपयों की वसूली की कार्रवाई जल्द शुरू करेगा.

क्या बोले जिम्मेदार:
अशोक कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग 54 प्रकरण संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जांच के दौरान कुछ प्रकरणों में निर्णय हो चुका है और कुछ की जांच अभी लंबित हैं. जांच पूरी होने पर इन सभी के खिलाफ पेंशन वसूली की कार्रवाई की जाएगी.

हाथरस: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच प्रशासन कर रहा है. जांच में 54 लोकतंत्र संग्राम सेनानियों को संदिग्ध पाया गया है. ये सभी आपराधिक इतिहास वाले हैं और गलत तरीके से पेंशन के तौर पर सरकार से करोडों रुपये ऐंठ चुके हैं. प्रशासन ने इन सभी 54 सेनानियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनसे वसूली के आदेश दिए हैं.

जानें क्या है मामला

  • देश के लोकतंत्र में काले दिन के तौर पर याद किए जाने वाले आपातकाल को आज 44 साल पूरे हो गए हैं.
  • 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था.
  • इमरजेंसी के समय देश के हित के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की देश के प्रति अहम भूमिका रही है.
  • ऐसे लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों को सरकार उनका जीवन-यापन करने के लिए 20 हजार रुयपे पेंशन के तौर पर दे रही है.
  • हालांकि इन लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों में कुछ आपराधिक इतिहास वाले भी लोग शामिल हैं.
  • इनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुके हैं.
    जानकारी देते अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला.

हाईकोर्ट ने क्या दिए हैं आदेश:

  • ऐसे ही लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट ने दाखिल एक PIL पर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया कि जिलों के अंदर लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच की जाए.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने जिलों के अधिकारियों को लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच के आदेश दिए हैं.
  • हाथरस जिले में जांच कराए जाने पर 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों का आपराधिक इतिहास सामने आया है.
  • यह लोकतंत्र सेनानी सरकार से मिलने वाली 20 हजार रुयपे पेंशन भी ले रहे थे और अब तक करोड़ों रुपये पेंशन के तौर पर ले चुके हैं.
  • प्रशासन जांच में दोषी पाए गए 54 लोकतंत्र संग्राम रक्षक सेनानियों के खिलाफ पेंशन के तौर पर लिए गए रुपयों की वसूली की कार्रवाई जल्द शुरू करेगा.

क्या बोले जिम्मेदार:
अशोक कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग 54 प्रकरण संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जांच के दौरान कुछ प्रकरणों में निर्णय हो चुका है और कुछ की जांच अभी लंबित हैं. जांच पूरी होने पर इन सभी के खिलाफ पेंशन वसूली की कार्रवाई की जाएगी.

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एंकर- हाथरस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जाँच प्रशासन द्वारा की जा रही है। जांच में 54 लोकतंत्र सेनानियों को सन्दिग्ध पाया गया है।ये लोकतंत्र संग्राम सेनानी आपराधिक इतिहास के है और गलत तरीके से पेंशन के तौर पर सरकार से करोडों रुपये ऐंठ चुके है।फिलहाल प्रशासन ने सभी 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए इनसे वसूली के आदेश दिए है।


Body:वीओ- देश में इमरजेंसी के समय देश के हित के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की देश के प्रति अहम भूमिका रही है वही ऐसे लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों को देश की सरकार उनका जीवन यापन करने के लिए ₹20000 पेंशन के तौर पर दे रही है। लेकिन इन लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों में कुछ आपराधिक इतिहास वाले भी लोग शामिल हैं जिनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज है और वह कई बार जेल भी जा चुके हैं ऐसे ही लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट ने एक पीआईएल पर प्रदेश सरकारों को यह आदेश किया कि प्रदेशों में जितने जिले हैं उन सभी के अंदर लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच की जाए।

वही हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने जिलों के अधिकारियों को लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच के आदेश दिए हैं हाथरस में जिले के आला अधिकारियों द्वारा इस मामले में जांच कराए जाने पर 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों का आपराधिक इतिहास सामने आया है। यह लोकतंत्र सेनानी सरकार से मिलने वाली ₹20000 प्रतिमाह पेंशन को भी ले रहे थे और अब तक करोड़ों रुपए पेंशन के तौर पर ले चुके हैं।
फिलहाल प्रशासन ने सख्त रूख करते हुए जांच में दोषी पाए गए 54 लोकतंत्र संग्राम रक्षक सेनानियों के खिलाफ पेंशन के तौर पर लिए गए रुपयों की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जिससे आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों में हलचल मची हुई है।

जब इस मामले में जिले के अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला से बात की गई तो उनका कहना है कि लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के मामले में शासन स्तर से यह निर्देश प्राप्त हुए थे कि माननीय उच्च न्यायालय में एक पीआईएल हुई है जिस पीआईएल में इस विषय पर विचार किया गया है के बहुत सारे अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने लोकतंत्र संग्राम सेनानी के रूप में पंजीकरण करवाकर सुविधा का लाभ ले लिया है सरकारी पेंशन ले रहे हैं इनकी जांच करा ली जाए। और माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को यह निर्देश दिया के जितने भी लोकतंत्र संग्राम सेनानी यह पेंशन पा रहे हैं उनके संबंध में जो भी स्रोत उनके पास उपलब्ध है उनसे उनकी जांच करा ली जाए और जांच करा कर के यह देख लिया जाए कि किसी का यदि आपराधिक इतिहास रहा है कोई आपराधिक गतिविधि में शामिल रहा है तो उसकी पेंशन निरस्त करी जाए और उससे वसूली की जाए इसी के क्रम में हमारे जनपद में लगभग 54 प्रकरण संदिग्ध पाए गए जिनकी जांच की जा रही है जांच के दौरान कुछ प्रकरणों में निर्णय हो चुका है और कुछ की जांच अभी लंबित हैं जांच पूरी होने पर इन सभी के खिलाफ पेंशन वसूली की कार्यवाही की जाएगी।


बाइट-अशोक कुमार शुक्ला। (अपर जिलाधिकारी हाथरस)



Conclusion:हाई कोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच करने के सरकार को हाई कोर्ट ने दिए आदेश, हाथरस जिले में 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानी जांच में पाए गए संदिग्ध जिला प्रशासन आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों पर करेगा पेंशन वसूली की कार्यवाही।
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