हाथरस: यूपी के हाथरस में जलेसर रोड पर डंपिंग ग्राउंड में दशकों से जमा पड़े कूड़े को कंचन योजना के अंतर्गत समाप्त करने की स्वीकृति मिल गई है. इस लीगेसी वेस्ट का बायो रेमिडेशन पद्धति से निस्तारण होगा. जिसमें कचरे से मिट्टी निकाल कर एग्रीकल्चर के इस्तेमाल में की जा सकेगी. वहीं, आरएफडी को सीमेंट प्लांट या बायो एनर्जी में कन्वर्ट कर इस कचरे को खत्म किया जाता है.
नगर पालिका हाथरस के चेयरमैन आशीष शर्मा ने सीवेज फार्म पर दशकों से डाले जा रहे कूड़े के प्रबंधन का इंतजाम किया है. अब सीवेज फॉर्म के आसपास डलाव घर से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी. चेयरमैन ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर इस काम का शुक्रवार को शुभारंभ किया है.
दशकों से पड़े कूड़े से मिलेगी मुक्ति
दरअसल, पिछले करीब 50 सालों से नगर पालिका के सीवेज की जमीन पर शहर का कूड़ा करकट डाला जा रहा था. करीब 1 किलोमीटर के एरिया में कूड़े का ढेर का पहाड़ सा बन गया था. इस कूड़े और उसमें से उठने वाली दुर्गंध आसपास के लोगों को परेशान किया करती थी. वहां से गुजरने वाले लोग भी खासा परेशान होते थे. जहां आने वाले दिनों में उनकी ये परेशानी दूर हो जाएगी. जमीन पर जहां फुटकर दुकानें बनेंगे. वहीं एक हिस्से में सुंदर पार्क भी बनाया जाएगा.
नगर पालिका के चेयरमैन आशीष शर्मा ने बताया कि आधुनिक भारत जो तैयार हो रहा है. इसमें लीगेसी वेस्ट का समाधान किया जा रहा है. जिसमे कूड़े का नए सिस्टम से समाधान होगा. यहां एक सुंदर फुटकर मार्केट और पार्क बनेगा. जो आने वाले दिनों में हाथरस को अच्छा, सुख, समृद्धि का माहौल देगा. इस प्लांट से करीब 8 महीने में कचरे से मिट्टी निकाल कर एग्रीकल्चर में इस्तेमाल की जा सकेगी. वहीं आरएफडी को सीमेंट प्लांट या बायो एनर्जी में कन्वर्ट किया जा सकेगा.
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