हाथरस: देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद दिल्ली में काम कर रहे मजदूर अपने-अपने घरों को रवाना होने लगे. कुछ मजदूर साइकिल तो कुछ पैदल ही अपने घरों के लिए देश की राजधानी से निकलने लगे. सब की समस्या एक ही थी घर से दूर रोजी-रोटी के बिना कैसे रहें. इसी वजह से सभी अपने घरों को वापस लौट रह थे. पैदल चलने वाले तमाम लोगों के पैरों में छाले भी पढ़ गए, लेकिन लोग चलते ही जा रहे थे.
दिल्ली से अपने घरों को लौट रहे लोग
देश की राजधानी दिल्ली से लोग लगातार अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं. इसी वजह से कोई पैदल तो कोई साइकिल से अपने घरों को वापस लौट रहा हैं. ज्यादातर लोग करीब 150 किलोमीटर तक की यात्रा कर उत्तर प्रदेश के हाथरस तक पहुंचे हैं. अभी इन्हें आगे भी 100 से 200 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी है. कुछ लोगों के पैदल चलते-चलते तो पैरों में छाले भी पढ़ गए हैं. इन लोगों के सामने खाने की कोई समस्या नहीं है. लोग खाना खिलाने में लगे हुए हैं. सिविल और ट्रैफिक पुलिस भी ऐसे लोगों को खाना खिलाने में किसी से पीछे नहीं है.
लोगों ने सुनाई आपबीती
मजदूरी का काम करने वाले रामप्रकाश ने बताया कि वह 21 तारीख को मथुरा गए थे और आज अब काफी दूरी पैदल तय करने के बाद हाथरस तक पहुंचा हूं. वहीं रूबी भी अपने पति के साथ गुड़गांव से पैदल चली थी अब उसका हाल बेहाल है उसके पैरों में छाले पड़ चुके हैं. लेकिन चलते रहना भी उसकी मजबूरी है. हरियाणा के मानेसर से एक दंपति साइकिल से निकला है उसे आगे एटा के सिढ़पुरा पहुंचना है.
जो लोग पैदल यात्रा कर अपने गंतव्य को जा रहे हैं या ऐसे लोग जिन्हें शहर में कोई काम नहीं रहा है, वह ऐसे लोगों को भोजन करा रहे हैं.
तजवंत कालरा,अन्नदाता