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शीतलहर के सितम से जिला अस्पताल में बढ़ी मराजों की संख्या

बढ़ती ठंड ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है.ऐसे में जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. लगभग 1200 से 1400 की संख्या में रोजाना अपना इलाज कराने के लिए नए मरीज जिला अस्पताल पहुंचत रहें है. मराजों में ज्यादातर बच्चे व बुजुर्ग शामिल हैं.

बीमारों की संख्या बढ़ी
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Published : Feb 2, 2019, 8:19 PM IST

हाथरस: बढ़ती ठंड ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है. जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है. इसी के चलते जिला अस्पताल में ठंड से बीमारों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है. गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा है. लगभग 1200 से 1400 की संख्या में रोजाना अपना इलाज कराने के लिए नए मरीज जिला अस्पताल पहुंचते हैं. इस ठंड का असर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा दिखाई दे रहा है और ठंड से होने वाली कई बीमारियों का जिला अस्पताल केंद्र बना हुआ है.

बढ़ती ठंड ने बिमारों से पाटा अस्पताल

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सर्दियों ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है. ठंडी हवाओं और शीत लहर के चलते लोग घरों में कैद होने को मजबूर है, वहीं जिला अस्पताल में बढ़ती ठंड के कारण मरीजों का तांता लगा हुआ है. बढ़ती ठंड अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लेकर आती है. ठंड का प्रभाव बच्चों बुजुर्गों व कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ता है, ऐसे में अस्थमा ब्लड प्रेशर हार्ड अटैक सर्दी जुकाम आदि के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. जिसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है.

गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में ठंड के मौसम में आने वाले मरीजों की संख्या 1200 से 1400 प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिसमें प्रमुख रूप से सर्दी जुखाम अस्थमा ब्लड प्रेशर आदि के मरीज ज्यादा संख्या में अस्पताल में इलाज कराने के लिए प्रतिदिन नए पहुंचते हैं. जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि ठंड और कोहरे के कारण अस्थमा के मरीजों की सांस फूलने लगती है बुजुर्ग इस समस्या की गिरफ्त में सबसे पहले आ रहे हैं. क्योंकि बुजुर्गों की इम्यून पावर कम होती है और बच्चे भी ठंड की गिरफ्त में बहुत जल्दी आ जाते हैं क्योंकि खुले में खेलने के कारण बच्चों को ठंड लग जाती है.

इसी तरीके के मरीज ज्यादातर संख्या में जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे हैं. सीएमएस आईबी सिंह का कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ठंड में जिला अस्पताल में ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. इस वर्ष मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में ठंड से निपटने के लिए सारी दवाइयां सुविधाएं उपलब्ध है.इसी कारण ज्यादा से ज्यादा संख्या में मरीज जिला अस्पताल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपना सही और उचित इलाज करा पा रहे हैं.


एक साथ बढ़ती ठंड की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा हुआ है और जिला अस्पताल में मरीजों का तांता लगा हुआ है. ठंड की वजह से सर्दी जुखाम अस्थमा जैसे घातक रोगों के मरीज जिला अस्पताल में प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. वहीं चिकित्सकों का कहना है ठंड में लोगों को पूरे कपड़े पहने चाहिए शरीर को ज्यादा ढक कर रखना चाहिए जिससे ठंड ना लगे.

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हाथरस: बढ़ती ठंड ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है. जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है. इसी के चलते जिला अस्पताल में ठंड से बीमारों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है. गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा है. लगभग 1200 से 1400 की संख्या में रोजाना अपना इलाज कराने के लिए नए मरीज जिला अस्पताल पहुंचते हैं. इस ठंड का असर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा दिखाई दे रहा है और ठंड से होने वाली कई बीमारियों का जिला अस्पताल केंद्र बना हुआ है.

बढ़ती ठंड ने बिमारों से पाटा अस्पताल

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सर्दियों ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है. ठंडी हवाओं और शीत लहर के चलते लोग घरों में कैद होने को मजबूर है, वहीं जिला अस्पताल में बढ़ती ठंड के कारण मरीजों का तांता लगा हुआ है. बढ़ती ठंड अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लेकर आती है. ठंड का प्रभाव बच्चों बुजुर्गों व कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ता है, ऐसे में अस्थमा ब्लड प्रेशर हार्ड अटैक सर्दी जुकाम आदि के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. जिसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है.

गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में ठंड के मौसम में आने वाले मरीजों की संख्या 1200 से 1400 प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिसमें प्रमुख रूप से सर्दी जुखाम अस्थमा ब्लड प्रेशर आदि के मरीज ज्यादा संख्या में अस्पताल में इलाज कराने के लिए प्रतिदिन नए पहुंचते हैं. जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि ठंड और कोहरे के कारण अस्थमा के मरीजों की सांस फूलने लगती है बुजुर्ग इस समस्या की गिरफ्त में सबसे पहले आ रहे हैं. क्योंकि बुजुर्गों की इम्यून पावर कम होती है और बच्चे भी ठंड की गिरफ्त में बहुत जल्दी आ जाते हैं क्योंकि खुले में खेलने के कारण बच्चों को ठंड लग जाती है.

इसी तरीके के मरीज ज्यादातर संख्या में जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे हैं. सीएमएस आईबी सिंह का कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ठंड में जिला अस्पताल में ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. इस वर्ष मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में ठंड से निपटने के लिए सारी दवाइयां सुविधाएं उपलब्ध है.इसी कारण ज्यादा से ज्यादा संख्या में मरीज जिला अस्पताल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपना सही और उचित इलाज करा पा रहे हैं.


एक साथ बढ़ती ठंड की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा हुआ है और जिला अस्पताल में मरीजों का तांता लगा हुआ है. ठंड की वजह से सर्दी जुखाम अस्थमा जैसे घातक रोगों के मरीज जिला अस्पताल में प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. वहीं चिकित्सकों का कहना है ठंड में लोगों को पूरे कपड़े पहने चाहिए शरीर को ज्यादा ढक कर रखना चाहिए जिससे ठंड ना लगे.

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Intro:up_hathras_02-02-2019_zila asptaal me thand se badhi marizon ki sankhya_prashant kaushik

एंकर- बढ़ती ठंड ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है इसी के चलते जिला अस्पताल में ठंड से बीमारों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा है लगभग 1200 से 1400 की संख्या में रोजाना अपना इलाज कराने के लिए नए मरीज जिला अस्पताल पहुंचते हैं इस ठंड का असर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा दिखाई दे रहा है और ठंड से होने वाली कई बीमारियों का जिला अस्पताल केंद्र बना हुआ है।


Body:वीओ- सर्दियों ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है ठंडी हवाओं और शीत लहर के चलते लोग घरों में कैद होने को मजबूर है वहीं जिला अस्पताल में बढ़ती ठंड के कारण मरीजों का तांता लगा हुआ है बढ़ती ठंड अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लेकर आती है ठंड का प्रभाव बच्चों बुजुर्गों व कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ता है ऐसे में अस्थमा ब्लड प्रेशर हार्ड अटैक सर्दी जुकाम आदि के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है जिसका नकारात्मक प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिला अस्पताल में ठंड के मौसम में आने वाले मरीजों की संख्या 1200 से 1400 प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं जिसमें प्रमुख रूप से सर्दी जुखाम अस्थमा ब्लड प्रेशर आदि के मरीज ज्यादा संख्या में अस्पताल में इलाज कराने के लिए प्रतिदिन नए पहुंचते हैं जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि ठंड और कोहरे के कारण अस्थमा के मरीजों की सांस फूलने लगती है बुजुर्ग इस समस्या की गिरफ्त में सबसे पहले आ रहे हैं क्योंकि बुजुर्गों की इम्यून पावर कम होती है और बच्चे भी ठंड की गिरफ्त में बहुत जल्दी आ जाते हैं क्योंकि खुले में खेलने के कारण बच्चों को ठंड लग जाती है इसी तरीके के मरीज ज्यादा तर संख्या में जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे हैं सीएमएस आईबी सिंह का कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ठंड में जिला अस्पताल में ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं इस वर्ष मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है उन्होंने बताया कि अस्पताल में ठंड से निपटने के लिए सारी दवाइयां सुविधाएं उपलब्ध है इसी कारण ज्यादा से ज्यादा संख्या में मरीज जिला अस्पताल की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अपना सही और उचित इलाज करा पा रहे हैं

बाइट- आई वी सिंह। ( सीएमएस। ज़िला अस्पताल हाथरस )


Conclusion:एक साथ बढ़ती ठंड की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा हुआ है और जिला अस्पताल में मरीजों का तांता लगा हुआ है ठंड की वजह से सर्दी जुखाम अस्थमा जैसे घातक रोगों के मरीज जिला अस्पताल में प्रतिदिन पहुंच रहे हैं वहीं चिकित्सकों का कहना है ठंड में लोगों को पूरे कपड़े पहने चाहिए शरीर को ज्यादा ढक कर रखना चाहिए जिससे ठंड ना लगे।
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