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हाथरस जिला अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद, मरीज परेशान - हाथरस में मरीज हो रहे परेशान

हाथरस जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद कर दी गई हैं. ऐसे में अस्पतालों में आने वाले सामन्य मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल की ओपीडी बंद होने से मरीज परेशान
अस्पताल की ओपीडी बंद होने से मरीज परेशान
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Published : Apr 25, 2021, 12:48 PM IST

हाथरस : कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद हाथरस में भी जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. ऐसे में इलाज के सरकारी अस्पताल पहुंच रहे सामान्य मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. गरीब मरीज मजबूरी में इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल जा रहे हैं, जहां उनकी जेब ढीली जा रही हैं.

हाथरस जिला अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद

सरकारी अस्पताल की ओपीडी बंद होने से मरीज परेशान

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रखने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद अस्पतालों में ओपीडी तो बंद हो गई, लेकिन अस्पतालों में मरीजों का आना जारी है. हाथरस के जिला अस्पताल बुखार की दवा लेने आए एक मरीज ने ईटीवी भारत पर अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में तो एक रुपए में इलाज मिल जाया करता था, जबकि प्राइवेट अस्पताल जाने पर उसे करीब एक हजार रुपए खर्च करने होंगे. गरीब मजदूरी करने वाला यह खर्च कैसे उठा पाएगा.

कई दिनों से आ रहे बुखार से परेशान मरीज

ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो देखा कि बुखार और सामान्य बीमारी के साथ गंभीर बीमारियों के मरीज लगातार अस्पताल में आ रहे थे. बुखार से पीड़ित एक मरीज रवि शर्मा ने बताया कि वह अस्पताल बुखार की दवा लेने आया था. लेकिन उसे बुखार की दवा नहीं मिली है. 4 दिन से उसे बुखार आ रहा है वह बहुत परेशान है. अस्पताल आने पर उसे एक स्टाफ ने बताया कि ओपीडी सेवा बंद है. वहीं दूसरे मरीज नत्थीलाल ने बताया कि वे अस्पताल में दवा लेने आए थे, उनको इंफेक्शन है, उसकी दवा अस्पताल से ही चल रही थी. अब न ही डॉक्टर हैं और न ही दवा मिल रही है. जिसके चलते घर वो बैरंग वापस जा रहे हैं.

ओपीडी में रोजाना देखे जाते थे एक हजार से अधिक मरीज

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ईवी सिंह ने बताया कि जब सब कुछ सामान्य था तब आमतौर पर ओपीडी में नये पुराने कम से कम एक हजार से अधिक मरीज रोजाना आते थे. लेकिन, इस समय कोरोना के चलते अस्पताल में ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि रोजाना एक हजार से अधिक मरीज जो जिला अस्पताल की ओपीडी में आया करते थे, उन्हें इलाज कैसे मिलेगा. उनमें से कुछ मरीज गंभीर भी हो सकते हैं.

इसे भी पढे़ं-लखनऊ: KGMU के होल्डिंग एरिया में इलाज न मिलने पर मरीज की हालत गंभीर

हाथरस : कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद हाथरस में भी जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. ऐसे में इलाज के सरकारी अस्पताल पहुंच रहे सामान्य मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. गरीब मरीज मजबूरी में इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल जा रहे हैं, जहां उनकी जेब ढीली जा रही हैं.

हाथरस जिला अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद

सरकारी अस्पताल की ओपीडी बंद होने से मरीज परेशान

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रखने के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद अस्पतालों में ओपीडी तो बंद हो गई, लेकिन अस्पतालों में मरीजों का आना जारी है. हाथरस के जिला अस्पताल बुखार की दवा लेने आए एक मरीज ने ईटीवी भारत पर अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में तो एक रुपए में इलाज मिल जाया करता था, जबकि प्राइवेट अस्पताल जाने पर उसे करीब एक हजार रुपए खर्च करने होंगे. गरीब मजदूरी करने वाला यह खर्च कैसे उठा पाएगा.

कई दिनों से आ रहे बुखार से परेशान मरीज

ईटीवी भारत ने जब पड़ताल की तो देखा कि बुखार और सामान्य बीमारी के साथ गंभीर बीमारियों के मरीज लगातार अस्पताल में आ रहे थे. बुखार से पीड़ित एक मरीज रवि शर्मा ने बताया कि वह अस्पताल बुखार की दवा लेने आया था. लेकिन उसे बुखार की दवा नहीं मिली है. 4 दिन से उसे बुखार आ रहा है वह बहुत परेशान है. अस्पताल आने पर उसे एक स्टाफ ने बताया कि ओपीडी सेवा बंद है. वहीं दूसरे मरीज नत्थीलाल ने बताया कि वे अस्पताल में दवा लेने आए थे, उनको इंफेक्शन है, उसकी दवा अस्पताल से ही चल रही थी. अब न ही डॉक्टर हैं और न ही दवा मिल रही है. जिसके चलते घर वो बैरंग वापस जा रहे हैं.

ओपीडी में रोजाना देखे जाते थे एक हजार से अधिक मरीज

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ईवी सिंह ने बताया कि जब सब कुछ सामान्य था तब आमतौर पर ओपीडी में नये पुराने कम से कम एक हजार से अधिक मरीज रोजाना आते थे. लेकिन, इस समय कोरोना के चलते अस्पताल में ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि रोजाना एक हजार से अधिक मरीज जो जिला अस्पताल की ओपीडी में आया करते थे, उन्हें इलाज कैसे मिलेगा. उनमें से कुछ मरीज गंभीर भी हो सकते हैं.

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