हाथरस: केंद्र और प्रदेश की सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कितना ही प्रचार-प्रसार क्यों न कर लें, लेकिन कुछ लोग आज भी इन अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. वह अपना और बच्चों का इलाज नीम-हकीम से ही कराते हैं. उन्हें सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं है.
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नीम-हकीम से करा रहे थे बेटी का इलाज-
- हसायन कोतवाली क्षेत्र के सिधौली गांव के राजकुमार अपनी 14 साल की बेटी नीतू को जिला अस्पताल लेकर आए थे.
- अस्पताल में नीतू का इलाज शुरू भी नहीं हो पाया था कि उसकी मौत हो गई.
- नीतू को टाइफाइड और मलेरिया हो गया था.
- नीतू के माता-पिता उसका इलाज नीम-हकीम से करा रहे थे.
- नीतू हालत गंभीर होने पर सिकंदराराऊ के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था.
- यहां इलाज शुरू होने से पहले ही नीतू की मौत हो गई.
यह लड़की गांव में काफी दिनों से बीमार चल रही थी. गंभीर हालत में यहां लाई गई थी. इसका गांव में वैद्य इलाज कर रहे थे. अस्पताल आने के पांच मिनट में ही लड़की की मौत हो गई.
- डॉ.पीके श्रीवास्तव, जिला अस्पताल चिकित्सक