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हाथरस: नीम-हकीम से बेटी का इलाज कराना पड़ा भारी, जिला अस्पताल पहुंचते ही तोड़ा दम - minor girl dead

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक किशोरी टाइफाइड और मलेरिया से पीड़ित थी. परिजन उसका इलाज नीम-हकीम से करा रहे थे. हालत खराब होने पर परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पीड़िता ने दम तोड़ दिया.

जानकारी देते जिला अस्पताल चिकित्सक.
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Published : Aug 28, 2019, 1:07 PM IST

हाथरस: केंद्र और प्रदेश की सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कितना ही प्रचार-प्रसार क्यों न कर लें, लेकिन कुछ लोग आज भी इन अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. वह अपना और बच्चों का इलाज नीम-हकीम से ही कराते हैं. उन्हें सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं है.

जानकारी देते जिला अस्पताल के चिकित्सक.

ये भी पढ़ें-ऑपरेशन क्रैकडाउन: एनकाउंटर के बाद 25 हजार का इनामी बदमाश अरेस्ट

नीम-हकीम से करा रहे थे बेटी का इलाज-

  • हसायन कोतवाली क्षेत्र के सिधौली गांव के राजकुमार अपनी 14 साल की बेटी नीतू को जिला अस्पताल लेकर आए थे.
  • अस्पताल में नीतू का इलाज शुरू भी नहीं हो पाया था कि उसकी मौत हो गई.
  • नीतू को टाइफाइड और मलेरिया हो गया था.
  • नीतू के माता-पिता उसका इलाज नीम-हकीम से करा रहे थे.
  • नीतू हालत गंभीर होने पर सिकंदराराऊ के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था.
  • यहां इलाज शुरू होने से पहले ही नीतू की मौत हो गई.

यह लड़की गांव में काफी दिनों से बीमार चल रही थी. गंभीर हालत में यहां लाई गई थी. इसका गांव में वैद्य इलाज कर रहे थे. अस्पताल आने के पांच मिनट में ही लड़की की मौत हो गई.
- डॉ.पीके श्रीवास्तव, जिला अस्पताल चिकित्सक

हाथरस: केंद्र और प्रदेश की सरकार मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कितना ही प्रचार-प्रसार क्यों न कर लें, लेकिन कुछ लोग आज भी इन अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. वह अपना और बच्चों का इलाज नीम-हकीम से ही कराते हैं. उन्हें सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं है.

जानकारी देते जिला अस्पताल के चिकित्सक.

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नीम-हकीम से करा रहे थे बेटी का इलाज-

  • हसायन कोतवाली क्षेत्र के सिधौली गांव के राजकुमार अपनी 14 साल की बेटी नीतू को जिला अस्पताल लेकर आए थे.
  • अस्पताल में नीतू का इलाज शुरू भी नहीं हो पाया था कि उसकी मौत हो गई.
  • नीतू को टाइफाइड और मलेरिया हो गया था.
  • नीतू के माता-पिता उसका इलाज नीम-हकीम से करा रहे थे.
  • नीतू हालत गंभीर होने पर सिकंदराराऊ के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था.
  • यहां इलाज शुरू होने से पहले ही नीतू की मौत हो गई.

यह लड़की गांव में काफी दिनों से बीमार चल रही थी. गंभीर हालत में यहां लाई गई थी. इसका गांव में वैद्य इलाज कर रहे थे. अस्पताल आने के पांच मिनट में ही लड़की की मौत हो गई.
- डॉ.पीके श्रीवास्तव, जिला अस्पताल चिकित्सक

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एंकर- केंद्र व प्रदेश की सरकार है मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कितना ही प्रचार-प्रसार क्यों न कर लें। लेकिन कुछ लोग आज भी इन अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं पहुंच पाते हैं।वह अपना व बच्चों का इलाज नीम -हकीम से ही कराते हैं।शायद उन्हें सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं नहीं है। ऐसा ही मामला मंगलवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला जहां टाइफाइड ,मलेरिया से पीड़ित किशोरी का इलाज परिवार के लोग लंबे समय तक नीम-हकीम से कराते रहे और जब उसे अस्पताल लाया गया तो उसने वहां पहुंचते ही दम तोड़ दिया।


Body:वीओ1- मंगलवार की शाम हसायन कोतवाली इलाके के गांव सिधौली के राजकुमार अपनी 14 साल की बेटी नीतू को लेकर जिला अस्पताल आया था ।अस्पताल में उसका इलाज भी शुरू नहीं हो पाया था कि उसकी मौत हो गई। राजकुमार ने बताया कि उसकी बेटी को टाइफाइड और मलेरिया हो गया था। वह अब तक वैद्य की दवा कराता रहा। जब उससे सरकरी अस्पताल लेकर जाने की बावत पूंछा तो उसने बताया कि वैद्य ने उसे बेटी के ठीक होने का भरोसा भी दिलाया था ।राजकुमार ने बताया कि वह आज सिकंदराराऊ के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचा था जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था।जहां उसकी मौत ही गई। वहीं अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी दे रहे डॉ. पीके श्रीवास्तव ने बताया कि यह लड़की गांव में काफी दिनों से बीमार चल रही थी । गैस्ट्रिक कंडीशन में यहां लाई गई थी ।इसका गांव में वैद्य इलाज कर रहे थे। अस्पताल आने के पांच मिनट में ही वह खत्म हो गई
बाईट1-राजकुमार-मृतिका का पिता
बाईट2- डॉ.पीके श्रीवास्तव- चिकित्सक जिला अस्पताल ,हाथरस



Conclusion:वीओ2- यदि राजकुमार कुछ दिन और पहले अपनी बेटी को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंच गया होता तो शायद उसकी जान बच जाती।
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