हाथरस: यूपी में हुए हाथरस कांड के 26वें दिन एक बार फिर पीड़िता के गांव में गहमागहमी थी. शनिवार को निर्भया केस में आरोपियों के वकील रहे ए.पी.सिंह हाथरस कांड के आरोपियों के घर पहुंचे. यहां उन्होंने आरोपियों के परिजनों से मुलाकात की और आरोपियों की तरफ से केस लड़ने का एलान कर दिया. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों की कोविड-19 जांच के लिए गांव में कैंप लगाया, लेकिन परिजनों ने कोरोना टेस्ट कराने से इनकार कर दिया. बताया जा रहा था कि शनिवार को एसआईटी गांव में क्राइम सीन का रिक्रिएट करेगी, मगर न एसआईटी आई और न सीन रिक्रिएट हुआ.
ए. पी. सिंह बोले, न्याय सबके लिए समान है
शनिवार को वकील ए.पी. सिंह हाथरस कांड में आरोपियों के परिवार से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान ईटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस केस में एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हुआ है. जबकि न्याय सबके लिए समान है, न्याय धर्म, जाति या समुदाय देखकर नहीं किया जा सकता. उनका कहना है कि पीड़ित परिवार ने घटना के दिन से जब भी बयान दिया तो उसमें समानता नहीं दिखती, इससे साफ है कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ. इसके बावजूद निर्दोषों को फंसाया जा रहा है. वह अपने मुवक्किल को न्याय दिलाएंगे.
पीड़ित परिवार के घर संदिग्ध महिला
इस बीच हाथरस को लेकर एक और हवा उड़ी कि नक्सली समूह की एक महिला पीड़ित परिवार के घर में रह रही थी, जो अचानक लापता हो गई है. जब महिला के नक्सली होने की चर्चा गरम हुई तो वह मध्यप्रदेश के जबलपुर में सामने आई. वह जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर डॉ. राजकुमारी बंसल थीं. डॉ. राजकुमारी बंसल ने सफाई देते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गईं थी. डॉ. राजकुमारी का कहना है कि वे हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
लेक्चरर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी
वहीं हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ रहीं सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने की लेक्चरर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रबंधन का कहना कोई भी सरकारी कर्मचारी इस तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता है. ये नोटिस जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ने जारी किया है.
नहीं पहुंची एसआईटी की टीम
बता दें कि हाथरस कांड के बाद जानकारी मिले थी कि पीड़िता के गांव में तैनात कुछ पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हैं. एहतियातन स्वास्थ्य विभाग गांव में कैंप लगाकर ग्रामीणों का कोरोना टेस्ट करने जा रहा है. ऐसे में पीड़ित परिवार ने कोरोना टेस्ट कराने से मना कर दिया है. शनिवार को एसआईटी के आने की चर्चा थी. बताया जा रहा था कि एसआईटी सीन रिक्रिएट करेगी, मगर न एसआईटी आई और न सीन रिक्रिएट हुआ. फिलहाल गांव में खामोशी है.