हाथरस: जिले में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. सरकार ने आगरा के आसपास के जिलों को ताज ट्रेपेजियम जोन में रखा है. हाथरस भी इसी श्रेणी में आता है. जहां, आगरा में स्थित ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार व अधिकारी अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं, वहीं जिले में 60 हजार वाहन ऐसे है, जो देश की विरासत ताजमहल की खूबसूरती को दागदार बनाने के लिए सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
बढ़ते प्रदूषण से ताज को खतरा
- संसार के 8 अजूबों में आने वाले ताजमहल की सुंदरता को देखने के लिए पर्यटक विदेशों से भारत घूमने के लिए आते हैं और ताज के दीदार कर आनंद की अनुभूति करते हैं.
- सड़कों पर चलने वाले वाहनों से आम इंसान के साथ ही ताजमहल को भी खतरा पैदा हो गया है. वाहनों से निकलने वाले धुएं से ताज लगातार दागदार होता जा रहा है.
- वही सरकार ने देश की विरासत ताजमहल को दागदार होने से बचाने के लिए आगरा के साथ साथ आसपास के जिलों को ताज ट्रेपेजियम जोन में रखा है.
- ताज के घेरे में आने वाले जगहों पर प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह के अभियान भी चलाए गए हैं लेकिन जिले में सड़कों पर 60 हजार ऐसे वाहन हैं, जो लगातार सड़कों पर दौड़ कर ताजमहल को दागदार बनाने में जुटे हुए हैं.
- सरकार के आदेश के बाद 15 साल की अवधि पूरी कर चुके वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है और परिवहन विभाग को आदेशित कर ऐसे वाहनों के पंजीयन निरस्त करने के आदेश भी दिए गए हैं.
जिले में 15 वर्ष से पुराने वाहनों का रिकॉर्ड निकलवा कर ऐसे वाहन स्वामियों को नोटिस भिजवाया गया कि वह अपने वाहन को अन्य किसी जनपद में जाकर पंजीकृत करा लें. इसके बावजूद भी जब प्रतिक्रिया इस मामले में उपयुक्त नहीं आई तो जिले के 24 हजार वाहनों के पंजीकरण निलंबित किए हैं. छह माह पूर्ण होने के बाद ऐसे वाहनों के पंजीकरण निरस्त भी किए जाएंगे. बचे हुए वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा जा रहा है. अगर समय से वह लोग जवाब नहीं देते हैं, तो ऐसे वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
-महेश कुमार शर्मा, उप संभागीय परिवहन अधिकारी, हाथरस