हाथरस: जनपद में 19 वर्षीय युवती की हत्या का मामला 21 दिन बाद भी नहीं थम रहा है. पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर, उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ था. जबकि परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की का बलात्कार हुआ था. ऐसे में पीड़िता के साथ बलात्कार का मामला अभी तक साफ नहीं हुआ है. हालांकि, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान, पीड़ित लड़की ने बताया था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ था. अपने बयान में उसने तीन लोगों के नामों का भी उल्लेख किया था.
जानें क्या था घटनाक्रम
- 14 सितंबर को हाथरस में गैंगरेप की घटना हुई, जिसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. घटना के दिन लड़की की ओर से की गई शिकायत में गैंगरेप का जिक्र नहीं था.
- 14 सितंबर को जिला बागला अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद लड़की को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
- 14 सितंबर से 21 सितंबर तक एक सप्ताह, मामला शांत रहा.
- 22 सितंबर, 2020: अलीगढ़ में मामले के जांच अधिकारी (IO) ने पीड़िता और उसके परिवार के बयान लिए. 22 सितंबर को, पीड़िता ने कहा कि उसके साथ बलात्कार हुआ है. उसने तीन लोगों के नामों का भी उल्लेख किया. इसके साथ ही पुलिस ने 14 सितंबर को दर्ज रिपोर्ट (धारा 307 और एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज) में दुष्कर्म की धारा 376 डी बढ़ा दी.
- 22 सितंबर, 2020 - लड़की द्वारा बताए गए तीनों युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
- 28 सितंबर, 2020 - अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में हालत बिगड़ने पर पीड़िता को 28 सितंबर को दिल्ली रेफर किया गया था. वहां उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.
- 28 सितंबर की रात उसकी हालत बिगड़ गई और 29 सितंबर को सुबह में उसकी मौत हो गई.
- पीड़ित लड़की का शव 29 सितंबर की देर शाम गांव लाया गया और 29-30 सितंबर की दरमियानी रात करीब 2:45 बजे उसका अंतिम संस्कार किया गया.
- 1 अक्टूबर 2020 - एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने हाथरस मामले पर एक बयान जारी किया, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि पीड़िता के साथ बलात्कार नहीं हुआ था.
- 2 अक्टूबर, 2020 - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर सहित पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया. आईपीएस अधिकारी विनीत जायसवाल को हाथरस एसपी के रूप में जिम्मेदारी दी गई.
- 3 अक्टूबर 2020 - प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी और उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी पीड़ित परिवार से मिलने गए. बैठक के बाद, दोनों अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी. जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया और मामले की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई.
- 1 अक्टूबर गुरुवार को इलाहाबाद कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला प्रशासन, पुलिस और सरकार की कार्रवाई के बीच हाथरस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर 12 अक्टूबर को अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 वर्षीय दलित लड़की की हत्या के मामले में सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की है. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से परिवार संतुष्ट नहीं है. पीड़ित परिवार की मांग है कि पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाए.
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