हाथरस: अपने परिजनों की शहादत के बाद भी शहीदों के परिवार में जज्बे की कोई कमी नहीं है. एक शहीद का पिता सीमा पर जाकर देश की रक्षा करने को आतुर है. वहीं शहीद का भतीजा आर्मी में भर्ती होना चाहता है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने करगिल में हुए शहीद के परिवार से बातचीत की.
करगिल युद्ध में हुए थे शहीद
- हाथरस जिले की सादाबाद तहसील के गांव नगला चौधरी के गजराज सिंह 17 जाट रेजीमेंट में सिपाही थे.
- 30 मई 1999 को वह करगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे.
- उनके बूढ़े पिता जो खुद सेना में सूबेदार थे, उनकी इच्छा आज भी है कि देश की सेवा के लिए सीमा पर बुलाया जाए.
- वह अपने दूसरे पुत्र को भी सेना में भेजने को तैयार थे, लेकिन उसके हाई स्कूल पास न होने की वजह से अड़चन आ गई थी.
- करगिल शहीद सत्यवीर सिंह का 14 साल का भतीजा अभी हाईस्कूल में पढ़ रहा है. उसकी भी इच्छा आर्मी में जाने की है.
हमारे ताऊ सेना में थे. शहीद होकर देश के लिए अपना नाम कर गए. मैं भी सेना में जाकर देश सेवा करना चाहता हूं.
गौरव कुमार, शहीद सत्यवीर सिंह का भतीजा