हाथरस : हाथरस में उधारी के पैसे वापस मांगने और नहीं दे पाने पर हुई बेइज्जती का बदला लेने के लिए, एक शख्स ने अपने ही साथी का अपहरण कुछ साथियों के साथ मिलकर करा दिया. हालांकि पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते अपहरणकर्ताओं ने अपहृत व्यक्ति को मुक्त कर दिया. पुलिस ने सोमवार की देर रात एक मुठभेड़ के बाद चार बदमाश व इसमें शामिल एक महिला को गिरफ्तार किया है. इनके पास से अपहरण में इस्तेमाल की गई एक स्विफ्ट डिजायर कार, दो तमंचे, जिंदा व खोखा कारतूस तथा दो मोबाइल बरामद हुए हैं.
दरअसल, 24 सितंबर को सिकंदराराऊ कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि पुरदिलनगर निवासी वीरेश गुप्ता नामक एक व्यक्ति अपनी दुकान से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं. वह घर वापस नहीं पहुंचे हैं. उन्हीं के फोन से उनके परिजनों के पास फोन आया कि उनका अपहरण हो गया है. साथ ही उन्हें छोड़ने के बदले में पैसे की मांग भी की गई. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने सीओ सिटी सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया. इसमें एसओजी व सर्वलाइंस टीम भी लगाई गई थी. पुलिस की बढ़ती सक्रियता तथा संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई, जिसके दवाब में बदमाशों ने अपह्रत को 25 सितंबर के तड़के मुक्त कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें बरामद कर, मेडिकल परीक्षण के उपरांत परिजनों के सुपुर्द कर दिया.
मुठभेड़ में चार बदमाश सहित पांच अपहरणकर्ता गिरफ्तार
मामले की जानकारी के बाद पुलिस की टीम, बदमाशों को पकड़ने की फिराक में लगी थी. सोमवार की देर रात पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद बरामई रोड स्थित एक खंडहर के पास से चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अभियुक्तों में अभिमन्यु और मुन्नू , पुत्र रामखिलोनी निवासी मोहल्ला अहिरान थाना हसायन, अमित कुमार उर्फ दिनेश पुत्र भगवान सिंह निवासी गढ़ी बुन्दू खां थाना सिकंदराराऊ, ललित कुमार ठाकुर पुत्र देवेंद्र निवासी ग्राम कानऊ थाना हसायन, चंद्र मोहन प्रजापति पुत्र रामस्वरूप हाल निवासी ललितगेट पुरदिलनगर थाना सिकंदराराऊ तथा सरोज पत्नी ऊधम सिंह निवासी मोहल्ला अहरियान थाना हसायन, हाल निवासी गांव नावली थाना सिकंदराराऊ हैं.
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पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल का कहना था कि अपहरणकर्ताओं ने बताया था कि अपह्रत की जान पहचान का व्यक्ति चंद्रमोहन प्रजापति है, जो वीरेश का पुराना साथी भी है. कुछ पैसे व अनाज की खरीद को लेकर इनका विवाद चल रहा था. चंद्रमोहन का यह भी कहना है कि वीरेश गुप्ता द्वारा उधार के पैसे मांगते हुए कई बार उसकी बेइज्जती भी की गई थी, जिससे वह उससे रंजिश मानने लगा था. उसने योजना बनाकर अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया. गिरफ्तार लोगों में एक महिला के शामिल होने पर उन्होंने बताया कि जहां पर अपह्रत को बंधक बनाकर रखा गया था, वहां इस महिला ने इन लोगों का सहयोग किया था. पुलिस अधीक्षक ने टीम को उत्साहवर्धन के लिए 25 हजार रुपए नकद पुरस्कार से सम्मानित किया है.