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लॉकडाउन के कारण नहीं बिक रही रंगीन शिमला मिर्च, लाखों का नुकसान होने की आशंका - capsicum sold due to lock down

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला निवासी किसान ने पिछले साल एक एकड़ में रंगीन शिमला मिर्च के लिए पोली हाउस लगाया था. वह इससे एक फसल ले चुके हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण उन्हें लाखों का नुकसान होने की आशंका है.

colorful capsicum.
रंगीन शिमला मिर्च.
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Published : Apr 23, 2020, 8:54 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 8:18 PM IST

हाथरस: कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है, जिससे जिले में रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान श्यामसुंदर शर्मा की फसल बिकने के लिए शहर से बाहर नहीं जा पा रही है. फसल की बिक्री न होने से परेशान किसान श्यामसुंदर का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें लगभग 10 लाख रुपए का होने की आशंका है.

जानकारी देते रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान.

कोरोना वायरस नामक महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के कारण किसान बेहद परेशान हैं. नगला मोतीराय निवासी श्याम सुंदर शर्मा परंपरागत खेती से हटकर व्यवसायिक खेती करते हैं. श्याम सुंदर शर्मा ने पिछले साल करीब 40 लाख रुपाए की लागत से पोली हाउस तैयार किया था, जिसमें उन्होंने रंगीन शिमला मिर्च की फसल तैयार की थी. वह इस पोली हाउस से एक फसल ले चुके हैं, लेकिन दूसरी फसल आते ही लॉकडाउन होने की वजह से उनकी इस बार की फसल बाहर नहीं जा पा रही है. स्थानीय मंडी में रंगीन शिमला मिर्च के खरीददार नहीं है, इसके कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो रही है.

होटल बंद होने से नहीं हो रही बिक्री
दरअसल रंगीन शिमला मिर्च फाइव स्टार होटलों में इस्तेमाल होती है और इसका बाजार आगरा और दिल्ली में है. लॉकडाउन की वजह से इनकी खपत करने वाले होटल बन्द हैं. स्थानीय मार्केट में इनकी बिक्री नहीं होती है, इसलिए श्याम सुंदर शर्मा की फसल बेकार होती जा रही है, जिससे उन्हें करीब 10 लाख रुपए का नुकसान होनी की आशंका है.

इसे भी पढ़ें- रमजान को लेकर अयोध्या में नहीं रहेगी ढील, रोजेदारों को घर पर मिलेंगे फल और बेकरी प्रोडक्ट

किसान श्याम सिंह शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन कर दिया गया है, इस वजह से उनकी रंगीन शिमला मिर्च की फसल बिकने के लिए बाहर नहीं जा पा रही है. फसल बर्बाद होने से उन्हें करीब दस लाख रुपए का नुकसान होने की आशंका है.

हाथरस: कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम करने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है, जिससे जिले में रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान श्यामसुंदर शर्मा की फसल बिकने के लिए शहर से बाहर नहीं जा पा रही है. फसल की बिक्री न होने से परेशान किसान श्यामसुंदर का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उन्हें लगभग 10 लाख रुपए का होने की आशंका है.

जानकारी देते रंगीन शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान.

कोरोना वायरस नामक महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के कारण किसान बेहद परेशान हैं. नगला मोतीराय निवासी श्याम सुंदर शर्मा परंपरागत खेती से हटकर व्यवसायिक खेती करते हैं. श्याम सुंदर शर्मा ने पिछले साल करीब 40 लाख रुपाए की लागत से पोली हाउस तैयार किया था, जिसमें उन्होंने रंगीन शिमला मिर्च की फसल तैयार की थी. वह इस पोली हाउस से एक फसल ले चुके हैं, लेकिन दूसरी फसल आते ही लॉकडाउन होने की वजह से उनकी इस बार की फसल बाहर नहीं जा पा रही है. स्थानीय मंडी में रंगीन शिमला मिर्च के खरीददार नहीं है, इसके कारण उनकी पूरी फसल नष्ट हो रही है.

होटल बंद होने से नहीं हो रही बिक्री
दरअसल रंगीन शिमला मिर्च फाइव स्टार होटलों में इस्तेमाल होती है और इसका बाजार आगरा और दिल्ली में है. लॉकडाउन की वजह से इनकी खपत करने वाले होटल बन्द हैं. स्थानीय मार्केट में इनकी बिक्री नहीं होती है, इसलिए श्याम सुंदर शर्मा की फसल बेकार होती जा रही है, जिससे उन्हें करीब 10 लाख रुपए का नुकसान होनी की आशंका है.

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किसान श्याम सिंह शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन कर दिया गया है, इस वजह से उनकी रंगीन शिमला मिर्च की फसल बिकने के लिए बाहर नहीं जा पा रही है. फसल बर्बाद होने से उन्हें करीब दस लाख रुपए का नुकसान होने की आशंका है.

Last Updated : Apr 24, 2020, 8:18 PM IST
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