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हाथरस: सेंट्रल नोडल अधिकारी ने बताई 'जल शक्ति अभियान' में जिले की स्थिति

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सरकार के द्वारा चलाया जा रहे 'जल शक्ति अभियान' की जिले में क्या स्थिति है इसके बारे सेंट्रल नोडल अधिकारी ने विस्तार से चर्चा की.

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Published : Aug 21, 2019, 4:47 AM IST

सेंट्रल नोडल अधिकारी

हाथरस: जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने कहा कि 'जल शक्ति अभियान' एक आंदोलन है. इसे जन जागृति और जन आंदोलन में बदलने की जरूरत है. जिले में प्रशासन के सार्थक प्रयास हुए है, जिससे यहां जल संचयन के क्षेत्र में लोगों में जागरुकता बढ़ रही है.

जल शक्ति अभियान में जिले की स्थिति के बारे में बताते नोडल अधिकारी
जल शक्ति अभियान-
  • 'जल शक्ति अभियान' में रैंकिंग की बात करें तो हाथरस जिला 25वें स्थान से खिसक कर 75वें स्थान पर पहुंच गया है.
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप महानिदेशक और जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने यह जानकारी दी.
  • उन्होंने बताया कि जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी उस वक्त 255 जिलों में हम 200 वें स्थान पर थे.
  • उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि हम अगले एक महीने में फिर से 20 से 30 वे स्थान के बीच पहुंच जाएंगे.

ये भी पढ़ें:- सहारनपुर पत्रकार हत्याकांड का खुलासा, बाप-बेटे समेत तीन गिरफ्तार

क्या होता है ग्रे और ब्लैक वॅाटर-

डिस्पोजल वाटर पर चर्चा करते हुए कहा कि इस पानी को दो भागों में बांटा जा सकता है. ग्रे वाटर किचन और बाथरूम से निकलता है. इसे हम रिसाइकिल कर घरेलू उपयोग में ला सकते हैं. जबकि ब्लैक वाटर सीवर वाटर होता है जो कि ड्रिंकिंग वाटर की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. वह फिल्टर और रिसाइकिल करके कृषि के उपयोग में लाया जा सकता है.

जिन मानकों के लिए अंक दिए जाते हैं हमने उन मानकों की रिकॉर्डिंग ठीक से नहीं की है. अब हमने इस का रिव्यू किया है. जिन मानकों को ज्यादा वैल्यू मिलती है उनको रिपोर्ट में डालने की हमारी भरपूर कोशिश रहेगी. डिस्पोजल वाटर को दो भागों में बांटना है. ग्रे वाटर और ब्लैक वाटर.
-मित्र सेन,जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान

हाथरस: जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने कहा कि 'जल शक्ति अभियान' एक आंदोलन है. इसे जन जागृति और जन आंदोलन में बदलने की जरूरत है. जिले में प्रशासन के सार्थक प्रयास हुए है, जिससे यहां जल संचयन के क्षेत्र में लोगों में जागरुकता बढ़ रही है.

जल शक्ति अभियान में जिले की स्थिति के बारे में बताते नोडल अधिकारी
जल शक्ति अभियान-
  • 'जल शक्ति अभियान' में रैंकिंग की बात करें तो हाथरस जिला 25वें स्थान से खिसक कर 75वें स्थान पर पहुंच गया है.
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप महानिदेशक और जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने यह जानकारी दी.
  • उन्होंने बताया कि जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी उस वक्त 255 जिलों में हम 200 वें स्थान पर थे.
  • उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि हम अगले एक महीने में फिर से 20 से 30 वे स्थान के बीच पहुंच जाएंगे.

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क्या होता है ग्रे और ब्लैक वॅाटर-

डिस्पोजल वाटर पर चर्चा करते हुए कहा कि इस पानी को दो भागों में बांटा जा सकता है. ग्रे वाटर किचन और बाथरूम से निकलता है. इसे हम रिसाइकिल कर घरेलू उपयोग में ला सकते हैं. जबकि ब्लैक वाटर सीवर वाटर होता है जो कि ड्रिंकिंग वाटर की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. वह फिल्टर और रिसाइकिल करके कृषि के उपयोग में लाया जा सकता है.

जिन मानकों के लिए अंक दिए जाते हैं हमने उन मानकों की रिकॉर्डिंग ठीक से नहीं की है. अब हमने इस का रिव्यू किया है. जिन मानकों को ज्यादा वैल्यू मिलती है उनको रिपोर्ट में डालने की हमारी भरपूर कोशिश रहेगी. डिस्पोजल वाटर को दो भागों में बांटना है. ग्रे वाटर और ब्लैक वाटर.
-मित्र सेन,जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान

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एंकर- जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने कहाकि 'जल शक्ति अभियान' एक आंदोलन है इसे जन जागृति और जन आंदोलन में बदलने की जरूरत है।हाथरस जिले में प्रशासन के सार्थक प्रयास हुए है। जिससे यहां जल संचयन के क्षेत्र में लोगों में जागरुकता बढ़ रही है।



Body:वीओ1- यदि जल शक्ति अभियान में रैंकिंग की बात करें तो हाथरस जिला इस बार जिला 25 वें स्थान से सरकार 75 वें स्थान पर पहुंच गया है ।ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप महानिदेशक व जल शक्ति अभियान के जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी मित्र सेन ने पत्रकारों को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी उस वक्त 255 जिलों में हम 200 वें स्थान पर थे।उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि हम अगले एक महीने में फिर से 20 से 30 वे स्थान पर के बीच पहुंच जाएंगे। रैंकिंग में पिछड़ने की भी उन्होंने वजह बताई और कहा कि जिन मानकों के लिए अंक दिए जाते हैं हमने उन मानकों की रिकॉर्डिंग ठीक से नहीं की है। अब हमने इस का रिव्यु किया है। जिन मानकों को ज्यादा वैल्यू मिलती है उनको रिपोर्ट में डालने की हमारी भरपूर कोशिश रहेगी ।उन्होंने शहर के डिस्पोजल वाटर पर चर्चा करते हुए कहा कि इस पानी को दो भागों में बांटना है ।ग्रे वाटर और ब्लैक वाटर ।उन्होंने बताया कि ग्रे वाटर किचन और बाथरूम से निकलता है। इसे हम रिसाइकिल कर घरेलू उपयोग में ला सकते हैं ।जबकि ब्लैक वाटर सीवर वाटर होता है जो कि ड्रिंकिंग वाटर की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वह फिल्टर व रिसाइकिल करके कृषि के उपयोग में लाया जा सकता है ।उन्होंने जिला प्रशासन की दी तारीफ की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं लोगों की जागरूकता पहले से बहुत बेहतर हुई है।
बाईट-मित्र सेन-जिला सेंट्रल नोडल अधिकारी जल शक्ति अभियान।


Conclusion:वीओ2-जल संचयन के लिए चलाए जा रहे 'जल शक्ति अभियान'को लेकर सरकारें बेहद गंभीर दिख रही हैं। यदि सरकारों के साथ प्रशासन भी गंभीरता दिखाएगा तो अभियान के बेहतर परिणाम जरूर आएंगे।
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