हाथरस: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2021 की सरगर्मी तेज हो गई है. फिर से गांवों की सरकार को तय करने के लिए तैयारियों जोरों पर चल रही हैं. राजनीतिक दल के साथ-साथ सरकार भी तमाम तरह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है. हाथरस में नगर की सीमा का विस्तार किया गया है. इसलिए हाथरस में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है.
जिले में आंशिक परिसीमन के बाद के आंकड़े
चुनाव विभाग ने अभी पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है. इसके बाद भी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है. हाथरस में इस साल आंशिक परिसीमन हुआ है. परिसीमन के बाद 12 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत क्षेत्रों में शामिल किया गया है. इसमें एक ग्राम पंचायत आंशिक है, जिसमें हतीसा नई ग्राम पंचायत बनी है और भगवंतपुर नगर पंचायत में चली गई है.
परिसीमन से पहले यानी साल 2015 में जिले में ग्राम प्रधानों के 474 पद थे. इस बार परिसीमन के बाद 11 सीटें कम हो गई हैं. इससे हाथरस में ग्राम प्रधान के 463 पद ही शेष रह गए हैं. क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या पहले 627 थी, जो नई परिसीमन के बाद 28 कम होकर 599 रह गई हैं. ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या भी 161 कम हो गई है. परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या 5942 से घटकर 5781 रह गई है.
हाथरस की पहचान
हाथरस जिला कवि पद्मश्री काका हाथरसी की कविताएं और हींग की महक से देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में जाना जाता है. इसके अलावा हाथरस रेडिमेड गारमेंट्स, कस्बा पुरदिल नगर के मूंगा मोती, कस्बा हसायन के इत्र लिए भी जाना जाने लगा है.
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की कुल आबादी
हाथरस में कुल 463 गांव हैं. इनकी आबादी 11 लाख 97 हजार 787 है. इनमें से सामान्य जाति के 3,09,679 लोग, अनुसूचित जाति के 3,05,913 लोग, बीसी (बैकवर्ड क्लास) के 5,81,966 लोग शामिल हैं. जिले में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मतदाताओं की संख्या करीब 9 लाख 90 हजार है. ये मतदाता 1 हजार 766 पोलिंग बूथों पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.